कोटा. जिला मेडिकल कॉलेज अस्पताल परिसर को अब एक और नई यूनिट की सौगात मिली है. बता दें कि परिसर में 100 बेड का मातृ शिशु अस्पताल बनने जा रहा है. पीडब्ल्यूडी ने इसके निर्माण कार्य को लेकर प्रक्रिया शुरू कर दी है. यह अस्पताल 17 करोड़ की लागत से 2 साल में बनकर तैयार होगा.
कोटा शहर के मेडिकल कॉलेज से अभी तक 3 बड़े अस्पताल और एक सेटेलाइट अस्पताल चल रहे हैं. जिसमें सबसे बड़े एमबीएस अस्पताल, जेकेलोन और न्यू मेडिकल कॉलेज अस्पताल सम्मिलित हैं. अभी तक पूरे संभाग में मातृ शिशु के लिए एक ही अस्पताल है, इसके बनने के बाद कोटा में लोगो को काफी सुविधाएं मिलेंगी.
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बता दें कि मातृ एवं शिशु अस्पताल के लिए जगह चिन्हित कर ली गई है और उसकी डिजाइन भी बनकर तैयार है. अस्पताल अधीक्षक डॉ. सुशील ने नक्शे को अप्रूव कर दिया है. वहीं, सार्वजनिक निर्माण विभाग के अभियंता मुरारी लाल मीणा की ओर से अस्पताल अधीक्षक के समक्ष निर्माणाधीन होने वाले 100 बेड के अस्पताल का नक्शा दिखाया.
न्यू मेडिकल कॉलेज अस्पताल अधीक्षक डॉ. सुशील ने जानकारी देते हुए बताया कि राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (NRHM) के तहत 17.50 करोड़ रुपए की लागत से इस भवन का निर्माण डेढ़ साल के भीतर कराया जाएगा. उन्होंने बताया कि इस अस्पताल में 70 फीसदी माताओं के लिए और 30 फीसदी शिशुओं के लिए उपचार की व्यवस्था उपलब्ध होगी.
अभी पुरानी बिल्डिंग में संचालित हो रहा है वार्ड
मेडिकल कॉलेज अस्पताल की पुरानी बिल्डिंग में संचालित मातृ एवं शिशु वार्डों की हालत काफी खराब है. कई बार ज्यादा प्रसूताओं के आने से जमीन पर ही भर्ती कराया जाता है. वहीं शिशु वार्ड में भी एक बेड पर दो-दो बच्चों को भर्ती कराया जाता है. बता दें कि नए अस्पताल में ऑपरेशन थिएटर, शिशुओं को फीडिंग के लिए अलग से रूम, आईसीयू और एनआईसीयू जैसी तमाम सुविधाएं मौजूद रहेंगी. यह जेके लोन के बाद शहर का दूसरा सबसे बड़ा मातृ एवं शिशु चिकित्सालय होगा.