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जल जीवन मिशन को गति देगा युवा इंजीनियर्स का कोर ग्रुप, जलदाय विभाग ने दो दर्जन से अधिक अभियंताओं को जोड़ा

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Published : Dec 12, 2020, 7:05 PM IST

जलदाय विभाग ने जल जीवन मिशन के तहत प्रदेश में घर-घर नल कनेक्शन देने के कार्य को और गति देने के लिए युवा इंजीनियर्स का एक कोर ग्रुप बनाया है. प्रदेश के विभिन्न जिलों में कार्यरत विभाग के सिविल, इलेक्ट्रिक और मैकेनिकल आदि विंग्स के दो दर्जन इंजीनियर्स को इस विशेष समूह में जगह दी गई है.

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जल जीवन मिशन को गति देने के लिए जलदाय विभाग ने बनाया युवा इंजीनियर्स का कोर ग्रुप

जयपुर. जलदाय विभाग ने जल जीवन मिशन के तहत प्रदेश में घर-घर नल कनेक्शन देने के कार्य को और गति देने के लिए युवा इंजीनियर्स का एक कोर ग्रुप बनाया है. प्रदेश के विभिन्न जिलों में कार्यरत विभाग के सिविल, इलेक्ट्रिक और मैकेनिकल आदि विंग्स के दो दर्जन इंजीनियर्स को इस विशेष समूह में जगह दी गई है. कोर ग्रुप में शामिल इंजीनियर्स के लिए शनिवार को झालाना स्थित जल एवं स्वच्छता सहयोग संगठन (डब्ल्यूएसएसओ) के परिसर में आमुखीकरण कार्यक्रम आयोजित किया गया है. इसमें जल संसाधन विभाग में कार्यरत ऐसे ही समूह में शामिल इंजीनियर्स ने पीएचईडी के कोर ग्रुप के साथ अपने अनुभव साझा किए हैं.

पीएचईडी के शासन सचिव नवीन महाजन ने बताया कि इस कोर ग्रुप में शामिल युवा अधिकारियों में विभाग के तहत ही इंजीनियरिंग डिजाइंस, ड्राईंग्स, एस्टीमेट और जीआईएस मैपिंग जैसे कार्यों को करने की क्षमता विकसित की जाएगी. इनको जल जीवन मिशन के प्रोजेक्ट्स की 'इन हाउस' डीपीआर तैयार करने में दक्ष बनाने के लिए भी विशेष तौर पर प्रशिक्षित किया जाएगा. जल संसाधन विभाग के तहत इंजीनियर्स का ऐसा कोर ग्रुप बनाया गया है, जो डीपीआर तैयार करने जैसे महत्त्वपूर्ण कार्यों में भागीदारी निभा रहा है. विभाग द्वारा कोर ग्रुप के इंजीनियर्स को लैपटॉप, प्रिंटर्स, इंजीनियरिंग डिजाईन सॉफ्टवेयर्स, ड्राईंग टूल्स, जीआईएस साफ्टवेयर्स आदि भी दिए जाएंगे. इसके बाद ये प्रदेशभर में जल जीवन मिशन के तहत संचालित विभिन्न योजनाओं के तहत अपने क्षेत्र के मुख्य अभियंताओं और अतिरिक्त मुख्य अभियंताओं की देखरेख में काम करेंगे.

शासन सचिव ने बताया कि आने वाले दिनों में इस कोर ग्रुप के अधिकारियों को विभागीय सेवाओं में और निखार लाते हुए गुणवत्ता में वृद्धि के लिए अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर समय की मांग के अनुरूप नए तौर तरीकों की जानकारी दी जाएगी. विषय विशेषज्ञों के साथ 'इंटरक्शन' के माध्यम से युवा अधिकारियों को अपनी कार्यशैली में 'रिसर्च बेस्ड एप्रोच' का समावेश करने के लिए प्रेरित किया जाएगा. साथ ही प्रचलित 'इंजीनियरिंग सॉफ्टवेयर्स और 'टूल्स' का इस्तेमाल करने की भी ट्रेनिंग दी जाएगी.

यह भी पढ़ें- बूंदी : किसान कानून के खिलाफ उग्र किसानों ने टोल नाकों पर किया प्रदर्शन...बैरिकेड्स लगाकर रोके वाहन

महाजन ने बताया कि इस पहल से विभाग की डीपीआर बनाने के लिए बाहरी एजेंसीज पर निर्भरता कम होगी और प्रोजेक्ट्स के कार्य शीघ्रता सम्पादित होंगे. आने वाले समय में विभाग के सभी महत्त्वपूर्ण सेक्टर्स में बेहतर परिणाम देने के लिए आंतरिक दक्षता में वृद्धि होगी. कोर ग्रुप के माध्यम से जल जीवन मिशन के क्रियान्वयवन के लिए जलदाय विभाग के तहत तीन विशेष टीमों का भी गठन किया गया है. ये टीम मुख्य अभियंता (शहरी एवं एनआरडब्ल्यू तथा विशेष प्रोजेक्ट्स) सीएम चौहान, मुख्य अभियंता (ग्रामीण) आरके मीना तथा मुख्य अभियंता (तकनीकी) दिनेश गोयल की अगुआई में कार्य करेगी. इन टीमों में नोडल अधिकारी, सहायक नोडल अधिकारी और अन्य विशेषज्ञ इंजीनियर्स को जगह दी गई है.

जयपुर. जलदाय विभाग ने जल जीवन मिशन के तहत प्रदेश में घर-घर नल कनेक्शन देने के कार्य को और गति देने के लिए युवा इंजीनियर्स का एक कोर ग्रुप बनाया है. प्रदेश के विभिन्न जिलों में कार्यरत विभाग के सिविल, इलेक्ट्रिक और मैकेनिकल आदि विंग्स के दो दर्जन इंजीनियर्स को इस विशेष समूह में जगह दी गई है. कोर ग्रुप में शामिल इंजीनियर्स के लिए शनिवार को झालाना स्थित जल एवं स्वच्छता सहयोग संगठन (डब्ल्यूएसएसओ) के परिसर में आमुखीकरण कार्यक्रम आयोजित किया गया है. इसमें जल संसाधन विभाग में कार्यरत ऐसे ही समूह में शामिल इंजीनियर्स ने पीएचईडी के कोर ग्रुप के साथ अपने अनुभव साझा किए हैं.

पीएचईडी के शासन सचिव नवीन महाजन ने बताया कि इस कोर ग्रुप में शामिल युवा अधिकारियों में विभाग के तहत ही इंजीनियरिंग डिजाइंस, ड्राईंग्स, एस्टीमेट और जीआईएस मैपिंग जैसे कार्यों को करने की क्षमता विकसित की जाएगी. इनको जल जीवन मिशन के प्रोजेक्ट्स की 'इन हाउस' डीपीआर तैयार करने में दक्ष बनाने के लिए भी विशेष तौर पर प्रशिक्षित किया जाएगा. जल संसाधन विभाग के तहत इंजीनियर्स का ऐसा कोर ग्रुप बनाया गया है, जो डीपीआर तैयार करने जैसे महत्त्वपूर्ण कार्यों में भागीदारी निभा रहा है. विभाग द्वारा कोर ग्रुप के इंजीनियर्स को लैपटॉप, प्रिंटर्स, इंजीनियरिंग डिजाईन सॉफ्टवेयर्स, ड्राईंग टूल्स, जीआईएस साफ्टवेयर्स आदि भी दिए जाएंगे. इसके बाद ये प्रदेशभर में जल जीवन मिशन के तहत संचालित विभिन्न योजनाओं के तहत अपने क्षेत्र के मुख्य अभियंताओं और अतिरिक्त मुख्य अभियंताओं की देखरेख में काम करेंगे.

शासन सचिव ने बताया कि आने वाले दिनों में इस कोर ग्रुप के अधिकारियों को विभागीय सेवाओं में और निखार लाते हुए गुणवत्ता में वृद्धि के लिए अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर समय की मांग के अनुरूप नए तौर तरीकों की जानकारी दी जाएगी. विषय विशेषज्ञों के साथ 'इंटरक्शन' के माध्यम से युवा अधिकारियों को अपनी कार्यशैली में 'रिसर्च बेस्ड एप्रोच' का समावेश करने के लिए प्रेरित किया जाएगा. साथ ही प्रचलित 'इंजीनियरिंग सॉफ्टवेयर्स और 'टूल्स' का इस्तेमाल करने की भी ट्रेनिंग दी जाएगी.

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महाजन ने बताया कि इस पहल से विभाग की डीपीआर बनाने के लिए बाहरी एजेंसीज पर निर्भरता कम होगी और प्रोजेक्ट्स के कार्य शीघ्रता सम्पादित होंगे. आने वाले समय में विभाग के सभी महत्त्वपूर्ण सेक्टर्स में बेहतर परिणाम देने के लिए आंतरिक दक्षता में वृद्धि होगी. कोर ग्रुप के माध्यम से जल जीवन मिशन के क्रियान्वयवन के लिए जलदाय विभाग के तहत तीन विशेष टीमों का भी गठन किया गया है. ये टीम मुख्य अभियंता (शहरी एवं एनआरडब्ल्यू तथा विशेष प्रोजेक्ट्स) सीएम चौहान, मुख्य अभियंता (ग्रामीण) आरके मीना तथा मुख्य अभियंता (तकनीकी) दिनेश गोयल की अगुआई में कार्य करेगी. इन टीमों में नोडल अधिकारी, सहायक नोडल अधिकारी और अन्य विशेषज्ञ इंजीनियर्स को जगह दी गई है.

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