जोधपुर. स्कूली बच्चों के पाठ्यक्रम में धार्मिक ग्रन्थ शामिल करने की मांग एक बार फिर से शुरू हो गई है. विश्व हिंदू सेवा संघ ने रामायण, गीता जैसे ग्रंथो को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग की है. जिसे लेकर सोमवार को सरकार के नाम जोधपुर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में कहा गया है कि स्कूली बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ भारत के महान धार्मिक ग्रंथ रामायण और महाभारत का अध्ययन करना भी जरूरी है.
जिससे वे पुरानी परंपराओं और धार्मिक मान्यताओं की भी जानकारी प्राप्त कर सकेंगे. संघ का कहना है कि पिछले कुछ समय से हमारे देश की भावी पीढ़ी अपनी सभ्यता और संस्कृति से दूर होती जा रही है. ऐसे में बच्चो में संस्कार, संस्कृति और सभ्यता का ज्ञान हो. इसके लिए यह कदम जरूरी है.
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उन्होंने कहा कि हमारे हिन्दू सनातन धर्म के महत्वपूर्ण ग्रंथ को स्कूली शिक्षा में शामिल किया जाए. जिससे आने वाली पीढ़ियों को इसकी जानकारी हो सके. इसके लिए सरकार से इस दिशा में उचित कदम उठाने की मांग करते हुए ज्ञापन सौंपा है. संघ की महिला इकाई के जिलाध्यक्ष रीता सतनानि और सचिव रेखा पवार ने कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर कलेक्टर को इस मांग के लिए ज्ञापन सौंपा.