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Special: PM Care Fund से आए वेंटिलेटर्स की थमने लगी 'सांसें', डॉक्टर्स को सताने लगा डर

कोरोना की दूसरी लहर में तेजी से संक्रमण की चपेट में आ रहे जोधपुर शहर के अस्पतालों में मरीजों का इलाज करने वाले जीवन रक्षक उपकरण ही अब उनके लिए खतरा बन गए हैं. कोरोना काल में डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज को पीएम केयर फंड से 100 वेंटिलेटर मिले थे, जो अब खराब होने लगे हैं. इससे डॉक्टर्स को गंभीर मरीजों की सांसें थमने का डर सताने लगा है.

Ventilator started to deteriorate in Jodhpur, 100 ventilators from PM Care Fund
PM Care Fund से आए वेंटिलेटर्स की थमने लगी सांसें
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Published : Apr 8, 2021, 6:04 PM IST

Updated : Apr 10, 2021, 3:27 PM IST

जोधपुर. कोरोना के गंभीर मरीजों के इलाज के लिए उपयोग में आने वाले जीवन रक्षक वेंटिलेटर कारगर साबित नहीं हो रहे हैं. पीएम केयर्स फंड से दिए गए वेंटिलेटर में कई तरह की तकनीकी खामियां होने से इसका उपयोग बंद हो गया है. मथुरा दास माथुर अस्पताल में ऐसे 100 वेंटिलेटर हैं, जिनका उपयोग पूरी तरह से रोक दिया गया है या फिर ऐसे मरीजों के लिए ही कभी कभार काम में लिया जाता है जो ज्यादा गंभीर नहीं है.

PM Care Fund से आए वेंटिलेटर्स की थमने लगी सांसें

पढ़ें- Special: जिंदगी की जंग में जीत की मिसाल हैं अजमेर के 'जयंत', 6 बार कैंसर को दे चुके हैं मात

अस्पताल के एनेस्थीसिया विभाग के डॉक्टरों की ओर से लगातार शिकायतें मिलने के बाद एमडीएम अस्पताल अधीक्षक डॉ. एमके आसेरी ने इन वेंटिलेटरों के उपयोग नहीं करने के निर्देश दिए हैं. आसारी ने बताया कि वेंटिलेटर को ठीक करने के लिए एक बार निर्माण कंपनी का इंजीनियर आया था, लेकिन इससे भी हालात नहीं सुधरे. अभी हाल ही में यूपीएस भेजा गया है, लेकिन उनका भी इंस्टॉलेशन करने के लिए कोई नहीं आया है.

डॉ. एमके आसेरी ने बताया कि वेंटिलेटर में लगातार खामियां आ रही है. खासतौर से चलते-चलते ऑक्सीजन प्रेशर कम हो जाता है और इससे वेंटिलेटर बंद हो जाता है. इसके अलावा सेंसर में भी लगातार खराबी सामने आ रही है. डिस्पोजेबल सेंसर होने से यह परेशानी बढ़ रही है. ऐसे में डॉक्टर को लगता है कि अगर गंभीर मरीजों के उपचार के दौरान अगर वेंटिलेटर बंद पड़ गए तो मरीज की जान पर बनाएगी.

पढ़ें- कोटा: PM केयर्स में आए वेंटीलेटर्स में आ रही शिकायत, प्रेशर ड्रॉप और सेंसर नहीं कर रहे काम

अचानक होने लगे बंद

कोरोना संक्रमण काल के दौरान डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज को पीएम केयर फंड से 100 वेंटिलेटर मिले थे. पिछले साल जून में मिले इन 100 वेंटिलेटरों में से 30 का उपयोग कुछ दिनों बाद अस्पताल के आईसीयू में होने लगा. इस दौरान ये वेंटिलेटर काम करते-करते बंद होने लगे.

Ventilator started to deteriorate in Jodhpur, 100 ventilators from PM Care Fund
PM Care Fund से आया वेंटिलेटर

पढ़ें- SPECIAL : प्रतिभावान विद्यार्थी की राह में बाधा न बने गरीबी..जेईई, नीट की तैयारी के लिए सरकारें करें मदद

108 अतरिक्त से वेंटिलेटर उपचार

कोरोना की दूसरी लहर के बाद अचानक मरीजों में वृद्धि हो रही है. अस्पतालों में लगातार मरीजों की भर्ती भी बढ़ रही है. आसेरी के अनुसार 100 से ज्यादा मरीज अभी अस्पताल में भर्ती हैं, जिनमें 50 मरीज ऑक्सीजन पर चल रहे हैं. इसके अलावा कुछ मरीजों को वेंटिलेटर पर भी रखा गया है. उन्होंने बताया कि हमारे पास पीएम केयर के 100 वेंटिलेटर के अलावा हमारे खुद के 108 वेंटिलेटर हैं, जो अभी चल रहे हैं. लेकिन, जिस गति से मरीज बढ़ रहे हैं ऐसे में सभी तरह के वेंटिलेटर चलने आवश्यक हैं. इसलिए हमने संबंधित कंपनी को भी पत्र लिखा है.

सीएम ने मांगी रिपोर्ट

पीएम केयर फंड से मिले वेंटिलेटर की शिकायत पूरे प्रदेश में मिल रही है. दो दिन पहले सीएम अशोक गहलोत के सामने भी इन खराब वेंटिलेटर की समस्या को बताया गया. जिसके बाद सीएम अशोक गहलोत ने प्रदेश के सभी कॉलेज से रिपोर्ट मंगवाई है.

3 करोड़ 84 लाख के वेंटिलेटर

जोधपुर के मथुरादास माथुर अस्पताल को पीएम केयर्स फंड से जो वेंटिलेटर मिले हैं, उसमें एक वेंटिलेटर की कीमत 3 लाख 84 हजार रुपए है. गत वर्ष जून के बाद आए इन वेंटिलेटर का उपयोग बहुत कम हो सका है. जहां-जहां उपयोग हुआ, उन सभी जगह पर प्रेशर अचानक डाउन हो जाने की शिकायत आने लगी. इसके बाद बिना यूपीएस के इन वेंटिलेटर के बिजली जाते ही बंद होने से डॉक्टर परेशान होने लगे. पिछले लंबे समय से तो यह पूरी तरह से बंद है. कबाड़ नहीं हो जाए इस डर से अस्पताल प्रबंधन ने कंपनी को पत्र लिखा तो कंपनी ने 80 यूपीएस भिजवा दिए, लेकिन अभी तक उन्हें इंस्टॉल करने कोई नहीं आया है.

जोधपुर. कोरोना के गंभीर मरीजों के इलाज के लिए उपयोग में आने वाले जीवन रक्षक वेंटिलेटर कारगर साबित नहीं हो रहे हैं. पीएम केयर्स फंड से दिए गए वेंटिलेटर में कई तरह की तकनीकी खामियां होने से इसका उपयोग बंद हो गया है. मथुरा दास माथुर अस्पताल में ऐसे 100 वेंटिलेटर हैं, जिनका उपयोग पूरी तरह से रोक दिया गया है या फिर ऐसे मरीजों के लिए ही कभी कभार काम में लिया जाता है जो ज्यादा गंभीर नहीं है.

PM Care Fund से आए वेंटिलेटर्स की थमने लगी सांसें

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अस्पताल के एनेस्थीसिया विभाग के डॉक्टरों की ओर से लगातार शिकायतें मिलने के बाद एमडीएम अस्पताल अधीक्षक डॉ. एमके आसेरी ने इन वेंटिलेटरों के उपयोग नहीं करने के निर्देश दिए हैं. आसारी ने बताया कि वेंटिलेटर को ठीक करने के लिए एक बार निर्माण कंपनी का इंजीनियर आया था, लेकिन इससे भी हालात नहीं सुधरे. अभी हाल ही में यूपीएस भेजा गया है, लेकिन उनका भी इंस्टॉलेशन करने के लिए कोई नहीं आया है.

डॉ. एमके आसेरी ने बताया कि वेंटिलेटर में लगातार खामियां आ रही है. खासतौर से चलते-चलते ऑक्सीजन प्रेशर कम हो जाता है और इससे वेंटिलेटर बंद हो जाता है. इसके अलावा सेंसर में भी लगातार खराबी सामने आ रही है. डिस्पोजेबल सेंसर होने से यह परेशानी बढ़ रही है. ऐसे में डॉक्टर को लगता है कि अगर गंभीर मरीजों के उपचार के दौरान अगर वेंटिलेटर बंद पड़ गए तो मरीज की जान पर बनाएगी.

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अचानक होने लगे बंद

कोरोना संक्रमण काल के दौरान डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज को पीएम केयर फंड से 100 वेंटिलेटर मिले थे. पिछले साल जून में मिले इन 100 वेंटिलेटरों में से 30 का उपयोग कुछ दिनों बाद अस्पताल के आईसीयू में होने लगा. इस दौरान ये वेंटिलेटर काम करते-करते बंद होने लगे.

Ventilator started to deteriorate in Jodhpur, 100 ventilators from PM Care Fund
PM Care Fund से आया वेंटिलेटर

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108 अतरिक्त से वेंटिलेटर उपचार

कोरोना की दूसरी लहर के बाद अचानक मरीजों में वृद्धि हो रही है. अस्पतालों में लगातार मरीजों की भर्ती भी बढ़ रही है. आसेरी के अनुसार 100 से ज्यादा मरीज अभी अस्पताल में भर्ती हैं, जिनमें 50 मरीज ऑक्सीजन पर चल रहे हैं. इसके अलावा कुछ मरीजों को वेंटिलेटर पर भी रखा गया है. उन्होंने बताया कि हमारे पास पीएम केयर के 100 वेंटिलेटर के अलावा हमारे खुद के 108 वेंटिलेटर हैं, जो अभी चल रहे हैं. लेकिन, जिस गति से मरीज बढ़ रहे हैं ऐसे में सभी तरह के वेंटिलेटर चलने आवश्यक हैं. इसलिए हमने संबंधित कंपनी को भी पत्र लिखा है.

सीएम ने मांगी रिपोर्ट

पीएम केयर फंड से मिले वेंटिलेटर की शिकायत पूरे प्रदेश में मिल रही है. दो दिन पहले सीएम अशोक गहलोत के सामने भी इन खराब वेंटिलेटर की समस्या को बताया गया. जिसके बाद सीएम अशोक गहलोत ने प्रदेश के सभी कॉलेज से रिपोर्ट मंगवाई है.

3 करोड़ 84 लाख के वेंटिलेटर

जोधपुर के मथुरादास माथुर अस्पताल को पीएम केयर्स फंड से जो वेंटिलेटर मिले हैं, उसमें एक वेंटिलेटर की कीमत 3 लाख 84 हजार रुपए है. गत वर्ष जून के बाद आए इन वेंटिलेटर का उपयोग बहुत कम हो सका है. जहां-जहां उपयोग हुआ, उन सभी जगह पर प्रेशर अचानक डाउन हो जाने की शिकायत आने लगी. इसके बाद बिना यूपीएस के इन वेंटिलेटर के बिजली जाते ही बंद होने से डॉक्टर परेशान होने लगे. पिछले लंबे समय से तो यह पूरी तरह से बंद है. कबाड़ नहीं हो जाए इस डर से अस्पताल प्रबंधन ने कंपनी को पत्र लिखा तो कंपनी ने 80 यूपीएस भिजवा दिए, लेकिन अभी तक उन्हें इंस्टॉल करने कोई नहीं आया है.

Last Updated : Apr 10, 2021, 3:27 PM IST
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