जोधपुर. जिले की बनाड़ थाना पुलिस ने पिछले साल सामने आए बनाड़ चिकित्सालय में घोटाले के मामले में एक स्वयं सहायता समूह की अध्यक्ष पुष्पा और सचिव भाग्यश्री को गिरफ्तार किया है. बुधवार को पुलिस ने दोनों महिलाओं को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया. जहां से उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया है.
पढ़ेंः युवक से क्रिप्टो करेंसी के नाम पर 5 लाख रुपए की धोखाधड़ी, 2 के खिलाफ मामला दर्ज
खास बात यें है कि यह मामला जोधपुर सीएमएचओ की ओर से भेजे गए पत्र पर दर्ज किया गया था. जिसमें बनाड़ अस्पताल की लेखाकार दिप्ती शर्मा को अधिक भुगतान करने के लिए दोषी मानते हुए कार्रवाई की बात कहीं गई थी, लेकिन लेखाकार दिप्ती शर्मा के खिलाफ पुलिस ने बीते एक साल में कोई कार्रवाई नहीं की. जबकि लेखाकार के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज हुई थी. क्योंकि विभाग ने खुद अपने कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई के लिए पत्र लिखा था.
बनाड़ थानाधिकारी सीताराम खोजा का कहना है कि अभी प्रकरण की जांच जारी है, जांच अभी बंद नहीं हुई है. मामले में आगे और कार्रवाई करेंगे. जबकि तत्कालीन थानाधिकारी अशोक आंजणा ने सीएमएचओ के पत्र पर लेखाकार के खिलाफ ही मामला दर्ज किया था. लेकिन अब पहले कार्रवाई समूह के खिलाफ की गई है. गिरफ्तारी के बाद महिलाओं की ओर से जमानत याचिका निचली अदातल में पेश की गई, लेकिन उसे खारिज कर दिया गया है. वहीं मामले में अब उच्च न्यायालय में याचिका दायर की जाएगी.
पढ़ें. जयपुर में बढ़ती फायरिंग की घटनाएंः कमिश्नरेट स्पेशल टीम हुई सक्रिय, खंगाली जा रही बदमाशों की कुंडली
दरअसल भोमियाजी स्वयं सहायता समूह की महिलाएं बनाड़ चिकित्सालय में प्रसूताओं को कलेवा देने का काम करती थी. एक प्रसूता के लिए उन्हें 145 रुपए का भुगतान किया गया. जबकि कायदे से यह 77 रुपए होना चाहिए था. ऐसे में करीब 7 लाख रुपए से अधिक का भुगतान समूह को हुआ था. जिसको लेकर जांच हुई थी और विभाग ने समूह के बिलों को बिना ध्यान दिए पास करने पर लेखाकार को दोषी माना था. अगर लेखाकार बिल जांच लेती तो भुगतान नहीं होता. साथ ही विभाग ने समूह से रिकवरी भी शुरू कर दी.
इस दौरान जुलाई 2020 में सीएमएचओ ने जो रिपोर्ट दी उसमें लिखा था कि विभागीय जांच के बाद लेखाकार को दोषी माना गया है. जिस पर उसके विरुद्ध मामला दर्ज हुआ. विभाग ने महिलाओं के स्वयं सहायता समूह से अधिक भुगतान की गई राशि की रिकवरी शुरू कर दी है.