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सौतेले मां-बाप की मारपीट से परेशान होकर दिल्ली से 3 नाबालिग घर पर बिना बताए पहुंचे जोधपुर, बाल कल्याण विभाग के समक्ष पेश

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Published : Nov 14, 2019, 10:59 PM IST

जोधपुर के सरदारपुरा पुलिस थाने में गुरुवार को रेलवे स्टेशन के पास कार्य करने वाले एक युवक ने 3 नाबालिग बच्चों को चाइल्ड लाइन एनजीओ की मदद से पुलिस थाने में लाया. तीनों बच्चे अपने सौतेली मां-बाप की मारपीट से परेशान होकर मंडोर एक्सप्रेस ट्रेन से दिल्ली से जोधपुर आ गए. वहीं, बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश करने के बाद इनकी काउंसलिंग होगी और बाल कल्याण विभाग के आदेशानुसार कार्रवाई की जाएगी.

3 नाबालिग पहुंचे जोधपुर, 3 minors reached Jodhpur

जोधपुर. जिले के सरदारपुरा पुलिस थाने में गुरुवार को रेलवे स्टेशन के पास कार्य करने वाले एक युवक ने 3 नाबालिग बच्चों को चाइल्ड लाइन एनजीओ की मदद से पुलिस थाने में लाया. जहां नाबालिक बच्चों से चाइल्ड लाइन के कर्मचारियों की ओर से पूछताछ करने पर बच्चों ने बताया कि वे लोग सौतेली मां-बाप के मारपीट से परेशान होकर मंडोर एक्सप्रेस ट्रेन से दिल्ली से जोधपुर अपने घर वालों को बिना बताए आए हैं. चाइल्डलाइन के कर्मचारियों की ओर से तीनों नाबालिक बच्चे जिनमें से एक नाबालिग लड़का और 2 नाबालिग लड़की शामिल है.

दिल्ली से 3 नाबालिग घर पर बिना बताए पहुंचे जोधपुर

वहीं, चाइल्ड लाइन के कर्मचारियों की ओर से पूछे जाने पर बच्चों ने बताया कि उनके माता-पिता की मौत कई साल पहले हो चुकी है और वे लोग आश्रम में रहते थे. लेकिन कुछ महीने पहले ही दिल्ली में एक दंपति ने तीनों बच्चों को गोद ले लिया. उन्होंने कहा कि दंपति की ओर से कुछ समय तक व्यवहार सही किया गया, लेकिन पिछले कई महीनों से दोनों दंपत्ति की ओर से तीनों बच्चों के साथ मारपीट की जाती थी और उन्हें छोटी-छोटी बातों पर टॉर्चर किया जाता था. जिसके कारण बच्चे परेशान हो गए और घर से बिना बताए ट्रेन में बैठकर जोधपुर आ गए.

पढ़ें- बूंदी: 10 वर्षीय छात्रा से छेड़छाड़ के आरोप में अधेड़ गिरफ्तार

बता दें कि तीनों नाबालिक बच्चों के जोधपुर पहुंचने के बाद गुरुवार को वे लोग रेलवे स्टेशन के आसपास घूम रहे थे. तभी वहां पर दुकान चलाने वाले एक युवक ने बच्चों से बात की तो उन्होंने दिल्ली से जोधपुर आना बताया. जिस पर दुकान मालिक को संदेह हुआ और उसने तुरंत रूप से चाइल्ड लाइन एनजीओ को कॉल कर बच्चों को सरदारपुरा पुलिस थाने ले गए. सरदारपुरा पुलिस थाने में लाने के बाद पुलिस की ओर से तीनों बच्चों से उनके और उनके परिजनों के बारे में जानकारी ली गई और कागजी कार्रवाई पूरी की गई. उसके बाद तीनों बच्चों को पुलिस ने चाइल्डलाइन को सुपुर्द कर दिया.

जानकारी के अनुसार चाइल्डलाइन एनजीओ की ओर से तीनों बच्चों को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश कर उन्हें बाल सुधार गृह भेज दिया जाएगा. चाइल्डलाइन एनजीओ की कर्मचारी नीतू प्रजापत ने बताया कि एक युवक की ओर से सूचना मिलने पर चाइल्ड लाइन की टीम रेलवे स्टेशन पहुंची जहां दिल्ली से आए तीनों नाबालिगों को संरक्षण में लेकर सरदारपुरा पुलिस थाने ले जाया गया. उन्होंने बताया कि वहां से कागजी कार्रवाई पूरी करने के बाद इन्हें बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया जाएगा. बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश करने के बाद इनकी काउंसलिंग होगी और बाल कल्याण विभाग के आदेशों अनुसार कार्रवाई की जाएगी.

जोधपुर. जिले के सरदारपुरा पुलिस थाने में गुरुवार को रेलवे स्टेशन के पास कार्य करने वाले एक युवक ने 3 नाबालिग बच्चों को चाइल्ड लाइन एनजीओ की मदद से पुलिस थाने में लाया. जहां नाबालिक बच्चों से चाइल्ड लाइन के कर्मचारियों की ओर से पूछताछ करने पर बच्चों ने बताया कि वे लोग सौतेली मां-बाप के मारपीट से परेशान होकर मंडोर एक्सप्रेस ट्रेन से दिल्ली से जोधपुर अपने घर वालों को बिना बताए आए हैं. चाइल्डलाइन के कर्मचारियों की ओर से तीनों नाबालिक बच्चे जिनमें से एक नाबालिग लड़का और 2 नाबालिग लड़की शामिल है.

दिल्ली से 3 नाबालिग घर पर बिना बताए पहुंचे जोधपुर

वहीं, चाइल्ड लाइन के कर्मचारियों की ओर से पूछे जाने पर बच्चों ने बताया कि उनके माता-पिता की मौत कई साल पहले हो चुकी है और वे लोग आश्रम में रहते थे. लेकिन कुछ महीने पहले ही दिल्ली में एक दंपति ने तीनों बच्चों को गोद ले लिया. उन्होंने कहा कि दंपति की ओर से कुछ समय तक व्यवहार सही किया गया, लेकिन पिछले कई महीनों से दोनों दंपत्ति की ओर से तीनों बच्चों के साथ मारपीट की जाती थी और उन्हें छोटी-छोटी बातों पर टॉर्चर किया जाता था. जिसके कारण बच्चे परेशान हो गए और घर से बिना बताए ट्रेन में बैठकर जोधपुर आ गए.

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बता दें कि तीनों नाबालिक बच्चों के जोधपुर पहुंचने के बाद गुरुवार को वे लोग रेलवे स्टेशन के आसपास घूम रहे थे. तभी वहां पर दुकान चलाने वाले एक युवक ने बच्चों से बात की तो उन्होंने दिल्ली से जोधपुर आना बताया. जिस पर दुकान मालिक को संदेह हुआ और उसने तुरंत रूप से चाइल्ड लाइन एनजीओ को कॉल कर बच्चों को सरदारपुरा पुलिस थाने ले गए. सरदारपुरा पुलिस थाने में लाने के बाद पुलिस की ओर से तीनों बच्चों से उनके और उनके परिजनों के बारे में जानकारी ली गई और कागजी कार्रवाई पूरी की गई. उसके बाद तीनों बच्चों को पुलिस ने चाइल्डलाइन को सुपुर्द कर दिया.

जानकारी के अनुसार चाइल्डलाइन एनजीओ की ओर से तीनों बच्चों को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश कर उन्हें बाल सुधार गृह भेज दिया जाएगा. चाइल्डलाइन एनजीओ की कर्मचारी नीतू प्रजापत ने बताया कि एक युवक की ओर से सूचना मिलने पर चाइल्ड लाइन की टीम रेलवे स्टेशन पहुंची जहां दिल्ली से आए तीनों नाबालिगों को संरक्षण में लेकर सरदारपुरा पुलिस थाने ले जाया गया. उन्होंने बताया कि वहां से कागजी कार्रवाई पूरी करने के बाद इन्हें बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया जाएगा. बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश करने के बाद इनकी काउंसलिंग होगी और बाल कल्याण विभाग के आदेशों अनुसार कार्रवाई की जाएगी.

Intro:जोधपुर जोधपुर के सरदारपुरा पुलिस थाने में आज रेलवे स्टेशन के पास कार्य करने वाले एक युवक ने तीन नाबालिग बच्चों को चाइल्डलाइन एनजीओ की मदद से पुलिस थाने में लाया गया। जहां नाबालिक बच्चों से चाइल्डलाइन के कर्मचारियों द्वारा पूछताछ करने पर उन्होंने बताया कि वे लोग मंडोर एक्सप्रेस ट्रेन से दिल्ली से जोधपुर अपने घर वालों को बिना बताए आए हैं। चाइल्डलाइन के कर्मचारियों द्वारा तीनों नाबालिक बच्चे जिनमें से एक नाबालिग लड़का और दो नाबालिग लड़कियों से घर से बिना बताए भाग कर आने का कारण पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उनके माता-पिता की मौत कई साल पहले हो चुकी है और वे लोग आश्रम में रहते थे लेकिन कुछ महीने पहले ही दिल्ली में एक दंपति द्वारा तीनों बच्चों को गोद लिया गया और कुछ समय तक व्यवहार सही किया गया लेकिन पिछले कई महीनों से दोनों दंपत्ति द्वारा तीनों बच्चों के साथ मारपीट की जाती थी और उन्हें छोटी-छोटी बातों पर टॉर्चर किया जाता था। जिसके चलते हुए बच्चे परेशान हो गए और घर से बिना बताए ट्रेन में बैठकर जोधपुर आ गए।


Body:तीनों नाबालिक बच्चों के जोधपुर पहुंचने के बाद वे लोग जोधपुर के रेलवे स्टेशन के आसपास ही घूमते रहे और गुरुवार को वे लोग रेलवे स्टेशन के आसपास घूम रहे थे कि वहां पर दुकान चलाने वाले एक युवक ने बच्चों से बात की तो उन्होंने दिल्ली से जोधपुर आना बताया। जिस पर दुकान मालिक को संदेह हुआ और उसने तुरंत रूप से चाइल्ड लाइन एनजीओ को कॉल कर बच्चों को सरदारपुरा पुलिस थाने ले गए। सरदारपुरा पुलिस थाने में लाने के बाद पुलिस द्वारा तीनों बच्चों से उनके और उनके परिजनों के बारे में जानकारी ली गई और कागजी कार्रवाई पूरी कर तीनों बच्चों को पुलिस द्वारा चाइल्डलाइन के सुपुर्द कर दिया गया। चाइल्डलाइन एनजीओ द्वारा तीनों बच्चों को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश कर उन्हें बाल सुधार गृह भेज दिया जाएगा। चाइल्डलाइन एनजीओ की कर्मचारी नीतू प्रजापत ने बताया कि एक युवक द्वारा सूचना मिले पर चाइल्ड लाइन की टीम रेलवे स्टेशन पहुंची जहां दिल्ली से आए तीन नाबालिगों को संरक्षण में लेकर सरदारपुरा पुलिस थाने ले जाया गया और वहां से कागजी कार्रवाई पूरी करने के बाद इन्हें बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया जाएगा। बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश करने के बाद इनकी काउंसलिंग होगी और बाल कल्याण विभाग के आदेशों अनुसार कार्यवाही की जाएगी।


Conclusion:बाईट नीतू प्रजापत चाइल्ड लाइन कर्मचारी जोधपुर
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