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स्पेशल रिपोर्ट: नेत्रहीन छात्र आम आदमी की तरह कर रहे मोबाइल का प्रयोग...देखें VIDEO

क्या कभी आपने सुना है कि कोई नेत्रहीन मोबाइल का बखूबी उपयोग कर रहा है. लेकिन ऐसा मुमकिन है और यह मुमकिन कार्य जोधपुर के एक विद्यालय के छात्रों द्वारा किया जा रहा है, जिन्हें देखकर आप भी चौंक जाएंगे कि आखिर कोई नेत्रहीन कैसे एक आम व्यक्ति की तरह मोबाइल का उपयोग कर सकता है. पढ़िये हमारी ये खास रिपोर्ट...

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Published : Sep 19, 2019, 6:09 PM IST

जोधपुर. दिव्यांग शब्द को सुनते ही हमारे दिमाग में उस व्यक्ति की छवि बन जाती है जो विमंदता और विकलांगता का शिकार है. हमारे मन में उनके लिए दया भाव उमड़ने लगते हैं. लेकिन कई बार ऐसी कहानियां हम सुनते हैं जब दिव्यांगों के हौंसलों को सलाम किए बगैर हम रह नहीं पाते. कुछ ऐसा ही है जिले के आंगनवा अंध विद्यालय में जहां दिव्यांग छात्रों ने सोशल मीडिया युग में प्रवेश किया और सबको चकित कर दिया.

जोधपुर के आंगनवा अंध विद्यालय के दिव्यांग छात्र, जो शिक्षा ग्रहण करने के साथ एंड्रॉयड मोबाइल पर व्हाट्सएप, फेसबुक चलाने का प्रशिक्षण ले रहे हैं. हालांकि केंद्र सरकार भी ऐसे दिव्यांगों को लेकर काफी संवेदनशील है और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी दिव्यांगों को समाज की मुख्यधारा में लाने की हर संभव प्रयास कर रहे हैं. सरकार के प्रयासों से इन दिव्यांग छात्रों को एंड्राइड मोबाइल पर सोशल मीडिया से जोड़ने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. ताकि आम छात्रों की तरह यह छात्र भी मोबाइल द्वारा सोशल मीडिया पर सक्रिय होकर अपने जीवन में रंग भर सके.

नेत्रहीन कर रहे मोबाइल उपयोग

पढ़ें: आधी रात को बोला तलाक, तलाक, तलाक और महिला को निकाल दिया घर से

जोधपुर के लगभग 20 किलोमीटर दूर आंगनवा क्षेत्र के राजकीय अंध विद्यालय में पढ़ने वाले नेत्रहीन छात्र आम आदमी की तरह मोबाइल का प्रयोग करते दिखाई दे रहे हैं. यहां पर नेत्रहीन छात्रों की संख्या लगभग 40 से 45 है जिसमें से लगभग 90% छात्र एंड्राइड मोबाइल का आसानी से प्रयोग करते हैं. साथ ही अपनी पढ़ाई के नोट्स भी एंड्राइड मोबाइल पर ही पढ़ते हैं.

यहां पर पढ़ने वाले छात्रों का कहना है कि वे लोग आम आदमी की तरह मोबाइल पर सारे काम कर लेते हैं. जैसे कि कॉल लगाना, मोबाइल में नंबर सेव करना, सोशल मीडिया का प्रयोग करना, नोटस खोल कर पढ़ाई करना, मोबाइल एप्लीकेशन पर रेलवे टिकट बुक करना और ट्रेन का लाइव स्टेटस भी यह मोबाइल पर पता कर लेते हैं. वर्तमान में राज्य सरकार की ओर से दिए गए आदेशों की पालना करते हुए नेत्रहीन छात्रों को निशुल्क मोबाइल भी वितरित किए गए हैं. साथ ही विद्यालय में छात्र-छात्राओं को मोबाइल चलाने का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है. छात्रों का कहना है कि वे काफी जागरूकता से मोबाइल चलाना सीख भी रहे हैं. साथ ही जिन छात्रों को मोबाइल चलाना आता है वे मोबाइल के बारे में अन्य छात्र-छात्राओं को जानकारी भी दे रहे हैं.

पढ़ें: स्पेशल स्टोरी: चंबल की तबाही से मंदिर, मस्जिद और स्कूल भी नहीं बचे

कहीं ना कहीं देखा जाए तो नेत्रहीन छात्रों को दिया जा रहा मोबाइल प्रशिक्षण उनके भविष्य के लिए काफी कारगर साबित होगा. साथ ही जिन छात्रों ने मोबाइल का रूप तक नहीं देखा वह लोग मोबाइल का प्रयोग करते हुए काफी उत्सुक नजर आए.

जोधपुर. दिव्यांग शब्द को सुनते ही हमारे दिमाग में उस व्यक्ति की छवि बन जाती है जो विमंदता और विकलांगता का शिकार है. हमारे मन में उनके लिए दया भाव उमड़ने लगते हैं. लेकिन कई बार ऐसी कहानियां हम सुनते हैं जब दिव्यांगों के हौंसलों को सलाम किए बगैर हम रह नहीं पाते. कुछ ऐसा ही है जिले के आंगनवा अंध विद्यालय में जहां दिव्यांग छात्रों ने सोशल मीडिया युग में प्रवेश किया और सबको चकित कर दिया.

जोधपुर के आंगनवा अंध विद्यालय के दिव्यांग छात्र, जो शिक्षा ग्रहण करने के साथ एंड्रॉयड मोबाइल पर व्हाट्सएप, फेसबुक चलाने का प्रशिक्षण ले रहे हैं. हालांकि केंद्र सरकार भी ऐसे दिव्यांगों को लेकर काफी संवेदनशील है और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी दिव्यांगों को समाज की मुख्यधारा में लाने की हर संभव प्रयास कर रहे हैं. सरकार के प्रयासों से इन दिव्यांग छात्रों को एंड्राइड मोबाइल पर सोशल मीडिया से जोड़ने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. ताकि आम छात्रों की तरह यह छात्र भी मोबाइल द्वारा सोशल मीडिया पर सक्रिय होकर अपने जीवन में रंग भर सके.

नेत्रहीन कर रहे मोबाइल उपयोग

पढ़ें: आधी रात को बोला तलाक, तलाक, तलाक और महिला को निकाल दिया घर से

जोधपुर के लगभग 20 किलोमीटर दूर आंगनवा क्षेत्र के राजकीय अंध विद्यालय में पढ़ने वाले नेत्रहीन छात्र आम आदमी की तरह मोबाइल का प्रयोग करते दिखाई दे रहे हैं. यहां पर नेत्रहीन छात्रों की संख्या लगभग 40 से 45 है जिसमें से लगभग 90% छात्र एंड्राइड मोबाइल का आसानी से प्रयोग करते हैं. साथ ही अपनी पढ़ाई के नोट्स भी एंड्राइड मोबाइल पर ही पढ़ते हैं.

यहां पर पढ़ने वाले छात्रों का कहना है कि वे लोग आम आदमी की तरह मोबाइल पर सारे काम कर लेते हैं. जैसे कि कॉल लगाना, मोबाइल में नंबर सेव करना, सोशल मीडिया का प्रयोग करना, नोटस खोल कर पढ़ाई करना, मोबाइल एप्लीकेशन पर रेलवे टिकट बुक करना और ट्रेन का लाइव स्टेटस भी यह मोबाइल पर पता कर लेते हैं. वर्तमान में राज्य सरकार की ओर से दिए गए आदेशों की पालना करते हुए नेत्रहीन छात्रों को निशुल्क मोबाइल भी वितरित किए गए हैं. साथ ही विद्यालय में छात्र-छात्राओं को मोबाइल चलाने का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है. छात्रों का कहना है कि वे काफी जागरूकता से मोबाइल चलाना सीख भी रहे हैं. साथ ही जिन छात्रों को मोबाइल चलाना आता है वे मोबाइल के बारे में अन्य छात्र-छात्राओं को जानकारी भी दे रहे हैं.

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कहीं ना कहीं देखा जाए तो नेत्रहीन छात्रों को दिया जा रहा मोबाइल प्रशिक्षण उनके भविष्य के लिए काफी कारगर साबित होगा. साथ ही जिन छात्रों ने मोबाइल का रूप तक नहीं देखा वह लोग मोबाइल का प्रयोग करते हुए काफी उत्सुक नजर आए.

Intro:जोधपुर
दिव्यांग के हौसले की समय-समय पर ऐसी कहानियां हमारे सामने आती रही है जिन के मन में कुछ करने का जुनून कूट कूट कर भरा होता हो। ऐसे लोगों की कहानियां सुन ने से हमारे भीतर भी ऊर्जा भर आती है ।कुछ ऐसा ही कमाल कर दिखा रहे हैं जोधपुर के आंगनवा अंध विद्यालय के दिव्यांग छात्र। यह छात्र शिक्षा ग्रहण करने के साथ आप एंड्रॉयड मोबाइल पर व्हाट्सएप फेसबुक चलाने का प्रशिक्षण ले रहे हैं। हालांकि केंद्र सरकार भी ऐसे दिव्यांगों को लेकर काफी संवेदनशील है और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी दिव्यांगों को समाज की मुख्यधारा में लाने की हर संभव प्रयास कर रहे हैं सरकार के प्रयासों से इन दिव्यांग छात्रों को एंड्राइड मोबाइल पर सोशल मीडिया से जोड़ने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है ।ताकि आम छात्रों की तरह यह छात्र भी मोबाइल द्वारा सोशल मीडिया पर सक्रिय होकर अपने जीवन में रंग भर सके।


Body:यह नजारा जोधपुर के लगभग 20 किलोमीटर दूर आंगनवा क्षेत्र के राजकीय अंध विद्यालय का है जहां पर पड़ने वाले नेत्रहीन छात्र आम आदमी की तरह मोबाइल का प्रयोग करते दिखाई दे रहे हैं
यहां पर नेत्रहीन छात्रों की संख्या लगभग 40 से 45 है जिसमें से लगभग 90% छात्र एंड्राइड मोबाइल का आसानी से प्रयोग करते हैं साथ ही अपनी पढ़ाई के नोट्स भी एंड्राइड मोबाइल पर ही पढ़ते हैं। यहां पर पढ़ने वाले छात्रों का कहना है कि वह लोग आम आदमी की तरह मोबाइल पर सारे काम कर लेते हैं जैसे कि कॉल लगाना मोबाइल में नंबर सेव करना ,सोशल मीडिया का प्रयोग करना ,नोटस खोल कर पढ़ाई करना ,मोबाइल एप्लीकेशन पर रेलवे टिकट बुक करना और ट्रेन का लाइव स्टेटस भी यह मोबाइल पर पता कर लेते हैं। वर्तमान में राज्य सरकार द्वारा दिए गए आदेशों की पालना करते हुए नेत्रहीन छात्रों को निशुल्क मोबाइल भी वितरित किए गए हैं साथ ही विद्यालय में छात्र-छात्राओं को मोबाइल चलाने का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। छात्रों का कहना है कि वे काफी जागरूकता से मोबाइल चलाना सीख भी रहे हैं साथ ही जिन छात्रों को मोबाइल चलाना आता है वह मोबाइल के बारे में अन्य छात्र-छात्राओं को जानकारी भी दे रहे हैं।


Conclusion:कहीं ना कहीं देखा जाए तो नेत्रहीन छात्रों को दिया जा रहा मोबाइल प्रशिक्षण उनके भविष्य के लिए काफी कारगर साबित होगा। साथ ही जिन छात्रों ने मोबाइल का रूप तक नहीं देखा वह लोग मोबाइल का प्रयोग करते हुए काफी उत्सुक नजर आए।

बाईट राकेश छात्र
बाईट अनिल छात्र
बाईट अजय कुमार नेत्रहीन शिक्षक
बाईट सुनील शिक्षक
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