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आंकड़ाः अनलॉक के बाद सरकारी मुलाजिमों के बीच तेजी से बढ़ा रिश्वत लेने का चलन

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Published : Jan 4, 2021, 10:06 AM IST

Updated : Jan 4, 2021, 1:31 PM IST

भ्रष्टाचार मुक्त समाज का सपना देख रहीं सरकारों के मुलाजिम ही भ्रष्टाचार में लिप्त पाए जा रहे हैं. आंकड़े बतातें हैं कि जोधपुर रेंज में अनलॉक होने के बाद से रिश्वतखोरी के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है. ACB ने जहां एक जनवरी से 31 मार्च तक 5 लोगों को रिश्वत लेते ट्रैप किया था, वहीं एक जून से 31 दिसंबर के बीच एसीबी ने 40 लोगों को रिश्वत लेते ट्रैप किया. ऐसे में इन आंकड़ों से साफ झलक रहा है कि अनलॉक के बाद से सरकारी मुलाजिमों के बीच रिश्वत लेने का चलन तेजी से बढ़ा है.

Corruption Increased in Rajasthan, Rajasthan Hindi News
राजस्थान ACB कार्यालय

जोधपुर. साल 2020 में ACB की कार्रवाइयों से साफ झलकता है कि जिले में भ्रष्टाचार में इजाफा हुआ है. पिछले साल के मुकाबले लोग रिश्वत लेते ज्यादा गिरफ्तार हुए हैं. आंकड़े बताते हैं कि जून से हुए अनलॉक के बाद भ्रष्टाचार में तेजी से इजाफा हुआ है.

आंकड़ों के मुताबिक सरकारी विभागों में रिश्वत लेने का चलन बढ़ गया है. ACB ने जोधपुर रेंज में कुल 45 कर्मचारियों और अधिकारियों को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. चौकाने वाली बात यह है कि इनमें 40 मामले एक जून से 31 दिसंबर के बीच के हैं. यानी की एक जून के बाद हुए अनलॉक में सरकारी कर्मचारियों में रिश्वत लेने का ग्राफ बढ़ गया. बता दें, जोधपुर रेंज में एक जनवरी से 31 मार्च तक कुल 5 लोगों को ACB ने ट्रैप किया था.

भ्रष्टाचार में लिप्त सरकारी मुलाजिम

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जोधपुर रेंज के उपमहानिरीक्षक डॉ विष्णुकांत के अनुसार साल 2019 में 39 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी, लेकिन साल 2020 में कोरोन के बावजूद रिश्वतखोरी की घटनाओं में बढ़ोतरी देखने को मिला. डॉ. विष्णुकांत बताते हैं कि पिछले साल के मुकाबले साल 2020 में रिश्वतखोरी की 45 शिकायतें दर्ज की गईं, जो पिछले साल के मुकाबले ज्यादा थीं. इसके अलावा 6 मामले ऐसे हैं, जिनमें रिश्वत मांगना सबित हुआ, लेकिन ट्रैप नहीं हुआ. हालांकि, उनके भी मामले दर्ज किए गए.

ट्रैप की कार्रवाइयों में 14 लाख की राशि जब्त

जोधपुर रेंज में रिश्वतखोरी के मामले में ट्रैप आरोपियों के पास से 14 लाख से अधिक की राशि जब्त की गई है. इनमें सबसे बड़ी राशि 10 लाख रुपए है, जो जयपुर में की गई कार्रवाई से जब्त की गई. वहीं, साल 2019 में दर्ज 39 मामलों में 4 लाख रुपए से भी कम की राशि जब्त की गई थी. इतना ही नहीं इस साल एसीबी ने चार राजपत्रित अधिकारियों को भी रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है.

यह भी पढ़ेंः ट्रंप की तरह मोदी सरकार की भी हेकड़ी निकाल देगी जनता, इस बार तो किसानों से पंगा ले लिया है : अशोक गहलोत

हेल्पलाइन नंबर 1064 का दिखा असर

एसीबी ने इस साल आमजन के लिए भ्रष्टाचार के विरुद्ध शिकायत दर्ज करवाने के लिए हेल्पलाइन नंबर 1064 जारी किया था. डीआईजी विष्णुकांत के मुताबिक इस बार जोधपुर और बीकानेर रेंज में 4-4 मामले 1064 हेल्पलाइन पर मिली शिकायत के बाद ट्रैप किए गए. जोधपुर रेंज में कुल 45 लोगों को ट्रैप किया गया. इनमें सबसे ज्यादा 11 भ्रष्ट कर्मचारियों को जोधपुर शहर एसीबी चौकी ने पकड़ा, जबकि जोधपुर ग्रामीण ने 4, जोधपुर स्पेशल यूनिट ने 7, पाली ने 3, सिरोही चौकी ने 4, जालौर ने 5, बाड़मेर ने 5 और जैसलमेर चौकी ने 6 लोगों को रिश्वत लेते पकड़ा. साल के अंतिम दिन भी जैसलमेर चौकी ने भू-अभिलेख निरीक्षक लक्ष्मणसिंह को गिरफ्तार किया, जिसके घर की तलाशी में 58 लाख रुपए नकद मिले.

यह भी पढ़ेंः हनुमानगढ़: जबरासर गांव में 88 कौए मृत मिले....बर्ड फ्लू की आशंका, कौओं का सैंपल लिया

बीकानेर रेंज का भी यही हाल

जोधपुर रेंज के साथ-साथ बीकानेर रेंज का भी प्रभार संभाल रहे उपमहानिरीक्षक डॉ विष्णुकांत ने बताया कि बीकानेर रेंज में कुल 46 प्रकरण दर्ज किए गए. इनमें 34 मामलों में रिश्वत लेते आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, जबकि 12 मामलों में आय से अधिक संपति और रिश्वत मांगने की पुष्टि हुई, लेकिन ट्रैप नहीं हुए. यहां भी लॉक डाउन से पहले सिर्फ 4 मामले थे, लेकिन अनलॉक के बाद से 31 दिसंबर तक 42 मामले दर्ज किए गए.

जोधपुर. साल 2020 में ACB की कार्रवाइयों से साफ झलकता है कि जिले में भ्रष्टाचार में इजाफा हुआ है. पिछले साल के मुकाबले लोग रिश्वत लेते ज्यादा गिरफ्तार हुए हैं. आंकड़े बताते हैं कि जून से हुए अनलॉक के बाद भ्रष्टाचार में तेजी से इजाफा हुआ है.

आंकड़ों के मुताबिक सरकारी विभागों में रिश्वत लेने का चलन बढ़ गया है. ACB ने जोधपुर रेंज में कुल 45 कर्मचारियों और अधिकारियों को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. चौकाने वाली बात यह है कि इनमें 40 मामले एक जून से 31 दिसंबर के बीच के हैं. यानी की एक जून के बाद हुए अनलॉक में सरकारी कर्मचारियों में रिश्वत लेने का ग्राफ बढ़ गया. बता दें, जोधपुर रेंज में एक जनवरी से 31 मार्च तक कुल 5 लोगों को ACB ने ट्रैप किया था.

भ्रष्टाचार में लिप्त सरकारी मुलाजिम

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जोधपुर रेंज के उपमहानिरीक्षक डॉ विष्णुकांत के अनुसार साल 2019 में 39 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी, लेकिन साल 2020 में कोरोन के बावजूद रिश्वतखोरी की घटनाओं में बढ़ोतरी देखने को मिला. डॉ. विष्णुकांत बताते हैं कि पिछले साल के मुकाबले साल 2020 में रिश्वतखोरी की 45 शिकायतें दर्ज की गईं, जो पिछले साल के मुकाबले ज्यादा थीं. इसके अलावा 6 मामले ऐसे हैं, जिनमें रिश्वत मांगना सबित हुआ, लेकिन ट्रैप नहीं हुआ. हालांकि, उनके भी मामले दर्ज किए गए.

ट्रैप की कार्रवाइयों में 14 लाख की राशि जब्त

जोधपुर रेंज में रिश्वतखोरी के मामले में ट्रैप आरोपियों के पास से 14 लाख से अधिक की राशि जब्त की गई है. इनमें सबसे बड़ी राशि 10 लाख रुपए है, जो जयपुर में की गई कार्रवाई से जब्त की गई. वहीं, साल 2019 में दर्ज 39 मामलों में 4 लाख रुपए से भी कम की राशि जब्त की गई थी. इतना ही नहीं इस साल एसीबी ने चार राजपत्रित अधिकारियों को भी रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है.

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हेल्पलाइन नंबर 1064 का दिखा असर

एसीबी ने इस साल आमजन के लिए भ्रष्टाचार के विरुद्ध शिकायत दर्ज करवाने के लिए हेल्पलाइन नंबर 1064 जारी किया था. डीआईजी विष्णुकांत के मुताबिक इस बार जोधपुर और बीकानेर रेंज में 4-4 मामले 1064 हेल्पलाइन पर मिली शिकायत के बाद ट्रैप किए गए. जोधपुर रेंज में कुल 45 लोगों को ट्रैप किया गया. इनमें सबसे ज्यादा 11 भ्रष्ट कर्मचारियों को जोधपुर शहर एसीबी चौकी ने पकड़ा, जबकि जोधपुर ग्रामीण ने 4, जोधपुर स्पेशल यूनिट ने 7, पाली ने 3, सिरोही चौकी ने 4, जालौर ने 5, बाड़मेर ने 5 और जैसलमेर चौकी ने 6 लोगों को रिश्वत लेते पकड़ा. साल के अंतिम दिन भी जैसलमेर चौकी ने भू-अभिलेख निरीक्षक लक्ष्मणसिंह को गिरफ्तार किया, जिसके घर की तलाशी में 58 लाख रुपए नकद मिले.

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बीकानेर रेंज का भी यही हाल

जोधपुर रेंज के साथ-साथ बीकानेर रेंज का भी प्रभार संभाल रहे उपमहानिरीक्षक डॉ विष्णुकांत ने बताया कि बीकानेर रेंज में कुल 46 प्रकरण दर्ज किए गए. इनमें 34 मामलों में रिश्वत लेते आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, जबकि 12 मामलों में आय से अधिक संपति और रिश्वत मांगने की पुष्टि हुई, लेकिन ट्रैप नहीं हुए. यहां भी लॉक डाउन से पहले सिर्फ 4 मामले थे, लेकिन अनलॉक के बाद से 31 दिसंबर तक 42 मामले दर्ज किए गए.

Last Updated : Jan 4, 2021, 1:31 PM IST
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