जोधपुर. इस समय सामान्यत: शादियों का सीजन रहता है. इसके चलते इन दिनों बंपर शुभ सावे होने से सैकड़ों विवाह होते हैं. लेकिन लॉकडाउन के चलते इस सीजन में होने वाले ज्यादातर विवाह टाल दिए गए है. लेकिन कुछ लोग ऐसे भी है जो शादी टालने के बजाए शुभ मुहूर्त पर साधारण तरीके से ही विवाह का संस्कार संम्पन्न कर रहे है.
इसी क्रम में रविवार को ऐसा ही नजारा जोधपुर में देखने को मिला. दरअसल, रविवार को इस विवाह में वर पक्ष की ओर से खुद दूल्हा रवि और उनकी बहन रेखा दो ही लोग शामिल हुए. वहीं, शहर के पावटा स्थित रूप नगर निवासी पंडित सोहनलाल दवे के घर को देखते हुए ऐसा बिल्कुल नहीं लग रहा था कि यहां कोई विवाह होने जा रहा है. लेकिन घर के अंदर जाने पर विवाह की वेदी जरूर नजर आई.
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दरअसल, पंडित दवे ने अपनी पुत्री भावना का विवाह 26 अप्रैल को ही करना निश्चित किया था. ऐसे में उन्होंने जिस पंडित को विवाह के लिए तय किया था, उनसे अनुमति लेकर खुद ही श्रीमाली समाज की पद्धति से विवाह संपन्न करवाया.
बता दें कि इस पद्धति में दूल्हा-दुल्हन को आम विवाह की तरह फेरों में शेरवानी या महंगे जोड़े नहीं पहने जाते है. इसमें सामान्य वस्त्र का उपयोग होता है और दूल्हे को दुल्हन को गोद में उठाकर भी फेरे लेने होते हैं, जिसे कोकिल पद्धति कहा जाता है.
दूल्हे की बहन रेखा ने बताया कि विवाह तो धूमधाम से ही होना था, लेकिन कोरोना के चलते परिवार वालों ने निर्णय लिया कि साधारण तरीके से विवाह शुभ मुहूर्त पर हो जाना चाहिए और हमें 5 लोगों को विवाह में शामिल होने की अनुमति मिली थी.
वहीं, दुल्हन भावना खुद वर्तमान में जिला प्रशासन में सेवारत है. उन्होंने बताया कि उन्होंने इस दौर को ध्यान में रखते हुए नियमानुसार विवाह किया है. इस विवाह में भावना की मां और बहन ही शामिल हो सकी. नजदीक रहने वाले अन्य रिश्तेदार भी नहीं आ सके.