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SPECIAL : वैक्सीन रजिस्ट्रेशन के लिए Co-WIN पोर्टल पर स्लॉट का 'संकट'...कुछ ही मिनटों में हो रहा 'फुल', एक अनार सौ बीमार के हालात

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Published : May 12, 2021, 7:27 PM IST

Updated : May 12, 2021, 10:24 PM IST

जोधपुर जिले में 18 से 44 साल की उम्र के 16 लाख लोगों को कोरोना का टीका लगना है. जबकि 45 वर्ष से अधिक उम्र के ही अभी 10 लाख लोगों का टीकाकरण बाकी है. इसके अनुपात में टीके बहुत कम उपलब्ध हो रहे हैं.

vaccination Cowin Portal jodhpur
कोविन पोर्टल पर स्लॉट की कमी

जोधपुर. सरकार कोरोना से लोगों को बचाने के लिए टीकाकरण करवा रही है. टीके कमी लोगों के लिए परेशानी का सबब बन रही है. सरकार ने कोविन पोर्टल पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू तो किया लेकिन जोधपुर में सिर्फ 20-22 साइट पर ही टीकाकरण हो रहा है.

Co-WIN पोर्टल पर स्लॉट का 'संकट'

ऐसे में रजिस्ट्रेशन करा चुके लोग भी अपनी बारी के लिए लंबा इंतजार कर रहे हैं. आलम ये है कि जोधपुर में 18 वर्ष से 44 वर्ष के लोगों को स्लॉट में जगह पाने में खासी मशक्कत करनी पड़ रही है. 45 वर्ष से अधिक के लोगों को दूसरी या पहली डोज के लिए भटकना पड़ रहा है. वजह है टीकों की कमी.

vaccination Cowin Portal jodhpur
स्लॉट अवेलेबल नहीं हैं

ईटीवी भारत की टीम ने जोधपुर में चल रहे टीकाकरण की पड़ताल की तो सामने आया है कि युवाओं को तीन से सात दिन तक लगातार कोविन पोर्टल पर अपने टीकाकरण के लिए स्लॉट लेने के लिए मेहनत करनी पड़ रही है. शाम छह बजे कोविन पोर्टल पर रजिस्टर्ड लाभार्थी को टीका लगवाने के लिए टीकाकरण स्थल का स्लॉट बुक करवाना पड़ता है. 6 बजे ज्यों ही पोर्टल पर स्लॉट खुलता है तो कुछ मिनटों में ही यह फुल हो जाता है. प्रत्येक केंद्र पर 200 से तीन सौ लोगों के लिए स्लॉट ओपन होता है.

पढ़ें- जोधपुर : कोरोना के प्रति जागरूकता के लिए निःशुल्क पेंटिंग बना रहे पेंटर

मुश्किल से मिल रहा स्लॉट

हजारों की संख्या में लोग पोर्टल पर एक्टिव रहते हैं जिसके चलते कुछ मिनटों में ही यह स्लॉट बुक हो जाते हैं. कुछ युवाओं ने बताया कि उन्हें सात सात दिन लगातार पोर्टल पर स्लॉट बुक करने के लिए मेहनत करनी पड़ी. तब टीकाकरण में नंबर आया है. सामान्यत: भी दो से तीन दिन लगातार शाम को लेपटॉप एक्टिव रहना पड़ता है. इसके बाद टीकाकरण के लिए स्लॉट बुक हो रहा है. खास बात यह है कि शहरी क्षेत्र के युवा तो इसमें सफल हो जाते हैं लेकिन जो लोग कम पढ़े लिखे और गजेट का प्रयोग नहीं कर सकते हैं उनके लिए टीकाकरण करवाना आसान नहीं है.

बुजुर्गों को पड़ रहा है भटकना

45 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को दूसरी डोज के लिए भटकना पड़ रहा है. इसकी वजह भी टीकों की कमी है. कई टीकाकरण स्थल पर डोज उपलब्ध नहीं होने से बुजुर्गों को परेशानी उठानी पड़ रही है. वर्तमान में 45 वर्ष से अधिक लोगों के लिए केंद्र से निशुल्क टीका मिल रहा है. जबकि 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए राज्य सरकार को टीका खरीदना पड़ रहा है. दोनों श्रेणी में अलग अलग टीकाकरण और इसका लेखा-जोखा परेशानी का सबब बना हुआ है.

जोधपुर. सरकार कोरोना से लोगों को बचाने के लिए टीकाकरण करवा रही है. टीके कमी लोगों के लिए परेशानी का सबब बन रही है. सरकार ने कोविन पोर्टल पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू तो किया लेकिन जोधपुर में सिर्फ 20-22 साइट पर ही टीकाकरण हो रहा है.

Co-WIN पोर्टल पर स्लॉट का 'संकट'

ऐसे में रजिस्ट्रेशन करा चुके लोग भी अपनी बारी के लिए लंबा इंतजार कर रहे हैं. आलम ये है कि जोधपुर में 18 वर्ष से 44 वर्ष के लोगों को स्लॉट में जगह पाने में खासी मशक्कत करनी पड़ रही है. 45 वर्ष से अधिक के लोगों को दूसरी या पहली डोज के लिए भटकना पड़ रहा है. वजह है टीकों की कमी.

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स्लॉट अवेलेबल नहीं हैं

ईटीवी भारत की टीम ने जोधपुर में चल रहे टीकाकरण की पड़ताल की तो सामने आया है कि युवाओं को तीन से सात दिन तक लगातार कोविन पोर्टल पर अपने टीकाकरण के लिए स्लॉट लेने के लिए मेहनत करनी पड़ रही है. शाम छह बजे कोविन पोर्टल पर रजिस्टर्ड लाभार्थी को टीका लगवाने के लिए टीकाकरण स्थल का स्लॉट बुक करवाना पड़ता है. 6 बजे ज्यों ही पोर्टल पर स्लॉट खुलता है तो कुछ मिनटों में ही यह फुल हो जाता है. प्रत्येक केंद्र पर 200 से तीन सौ लोगों के लिए स्लॉट ओपन होता है.

पढ़ें- जोधपुर : कोरोना के प्रति जागरूकता के लिए निःशुल्क पेंटिंग बना रहे पेंटर

मुश्किल से मिल रहा स्लॉट

हजारों की संख्या में लोग पोर्टल पर एक्टिव रहते हैं जिसके चलते कुछ मिनटों में ही यह स्लॉट बुक हो जाते हैं. कुछ युवाओं ने बताया कि उन्हें सात सात दिन लगातार पोर्टल पर स्लॉट बुक करने के लिए मेहनत करनी पड़ी. तब टीकाकरण में नंबर आया है. सामान्यत: भी दो से तीन दिन लगातार शाम को लेपटॉप एक्टिव रहना पड़ता है. इसके बाद टीकाकरण के लिए स्लॉट बुक हो रहा है. खास बात यह है कि शहरी क्षेत्र के युवा तो इसमें सफल हो जाते हैं लेकिन जो लोग कम पढ़े लिखे और गजेट का प्रयोग नहीं कर सकते हैं उनके लिए टीकाकरण करवाना आसान नहीं है.

बुजुर्गों को पड़ रहा है भटकना

45 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को दूसरी डोज के लिए भटकना पड़ रहा है. इसकी वजह भी टीकों की कमी है. कई टीकाकरण स्थल पर डोज उपलब्ध नहीं होने से बुजुर्गों को परेशानी उठानी पड़ रही है. वर्तमान में 45 वर्ष से अधिक लोगों के लिए केंद्र से निशुल्क टीका मिल रहा है. जबकि 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए राज्य सरकार को टीका खरीदना पड़ रहा है. दोनों श्रेणी में अलग अलग टीकाकरण और इसका लेखा-जोखा परेशानी का सबब बना हुआ है.

Last Updated : May 12, 2021, 10:24 PM IST
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