जोधपुर. कोरोना के बढ़ते मरीजों को देखते हुए सरकार ने निर्णय लिया है कि, अब जोधपुर संभाग से आने वाले किसी भी कोरोना मरीज को मुख्यालय के डॉ. एसएन मेडिकल काॅलेज संबद्ध अस्पतालों में भर्ती नहीं किया जाएगा. ऐसे सभी मरीजों को जो पूरे संभाग से आएंगे, उन्हें जोधपुर एम्स में ही भर्ती किया जाएगा.
गुरुवार को जोधपुर जिला प्रभारी सचिव नवीन महाजन ने प्रेसवार्ता में यह बात कही. सरकारी अस्पतालों में सामान्य सुविधाएं सामान्य नहीं होने से मरीजों की परेशानी को लेकर पूछे गए सवाल को लेकर प्रभारी सचिव ने यह जवाब दिया. महाजन ने बताया कि इसको लेकर हमारी जोधपुर एम्स प्रबंधन से बात हो गई है. वे इसके लिए तैयार है. जल्द ही मथुरादास माथुर और महात्मा गांधी अस्पताल को कोराना से मुक्त किया जाएगा. जिससे सामान्य मरीजों को चिकित्सा सुविधा मिल सके. कोरोना के सभी गंभीर मरीज जो कि संभाग के पाली, जालोर, सिरोही, जैसलमेर और बाडमेर से आएंगे उन्हें भी एम्स में रखा जाएगा.
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सिलिकोसिस पीड़ितों पर ध्यान
महाजन ने खनन क्षेत्र में कार्यरत सिलिकोसिस पीड़ितों के कोरोना की चपेट में आने की आशंका से इनकार नहीं किया. उन्होंने कहा कि हमारी इस पर नजर है. इसको लेकर सभी विभागों को अलर्ट किया गया है. जिससे कोरोना प्रसार वहां नहीं हो.
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गौरतलब है कि जोधपुर के प्रतापनगर से कबीर नगर क्षेत्र तक कोरोना के मामले सामने आ चुके हैं. इसके आगे फिदूसर चौपड खनन क्षेत्र जहां के मजदूर नजदीकी इलाकों में ही सामान लेने आते हैं. सिलिकोसिस पीड़ित होने से उनके फेंफडे पहले से ही कमजोर हैं, ऐसे में कोराेना संक्रमण की चपेट में आने से जीवन का संकट बन सकता है.