जोधपुर. डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज के प्लास्टिक सर्जन के डॉग को चेन से बांधकर गाड़ी चलाने के विरोध में सोमवार शाम को कॉलेज के प्राचार्य डॉ. दिलीप कच्छवाह के घर के बाहर जमकर प्रदर्शन किया. पशु प्रेमियों ने प्लास्टिक सर्जन डॉ. रजनीश गालवा के खिलाफ कॉलेज की ओर से कार्रवाई करने की मांग की. बड़ी संख्या में एकत्र प्रदर्शनकारियों ने सड़क जाम कर दी. प्रिंसिपल के आश्वासन के बाद प्रदर्शनकारी वापस जाने लगे थे. इस दौरान एक युवती ने अपने साथ छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए शोर मचाया जिसके बाद प्रदर्शन में शामिल लोगों ने व्यक्ति के साथ मारपीट शुरू कर दी.
थाना अधिकारी जोगेंद्र सिंह चौधरी ने बताया कि मौके पर पहुंची पुलिस ने व्यक्ति को बचाया और अपनी गाड़ी में बैठाकर जाने लगे. इस दौरान (Ruckus in Protest in Jodhpur) प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की गाड़ी को भी घेर लिया और युवक को उतारने की मांग करने लगे. इस दौरान निरीक्षक गोविंद व्यास को चोटें भी आईं. इसके बाद पुलिस 6 से ज्यादा पदाधिकारियों को पकड़कर थाने ले गई. पुलिस के समझाने के बाद भी प्रदर्शनकारी नहीं माने और पुलिस से ही उलझ गए.
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थाना अधिकारी जोगेंद्र सिंह चौधरी ने बताया कि मामले में कुछ प्रदर्शनकारियों को हिरासत (Protest against Plastic Surgeon in Jodhpur) में लिया है. उनके विरुद्ध कार्रवाई की जा रही है. रविवार को डॉ. रजनीश गालवा का अपनी गाड़ी के पीछे एक डॉग को बांध कर ले जाने का वीडियो वायरल हुआ था. जिसके बाद डॉग होम फांउउेशन ने पुलिस को रिपोर्ट दी. इस मामले में सांसद मेनका गांधी ने भी कार्रवाई की मांग की है. वहीं डॉ. गालवा के खिलाफ मामला दर्ज किया गया. सोमवार को पुलिस ने डॉग का पशु चिकित्सकों से मेडिकल भी करवाया है. लेकिन इस बीच सोमवार शाम को बड़ी संख्या में पशु प्रेमी प्रदर्शन करने पहुंच गए.
अधिनियम में जुर्माना दस रुपए, भादस में कठोर : पुलिस ने (Plastic surgeon dragged dog with car in Jodhpur) पशु क्रूरता अधिनियम 1960 की धारा 11 में डॉ गालवा के विरुद्ध मामला दर्ज किया है. इस धारा के अनुसार अगर पहली बार इस तरह का अपराध किया है तो उस स्थिति में जुर्माना दस रुपए से कम नहीं होगा. लेकिन अधिकतम 50 रुपए हो सकता है. तीन वर्ष में दूसरी बार भी यही अपराध होता है तो जुर्माना 25 रुपए से कम और 100 रुपए से अधिक नहीं होगा. 3 माह का करवास भी हो सकता है या फिर दोनों से दंडित किया जा सकता है. पुलिस इस मामले में आईपीसी की धारा 428 भी लगाई है. जिसके तहत न्यायाधीश जुर्माना या फिर दो वर्ष की सजा सुना सकते हैं. मेनका गांधी ने इसमें 429 भी लगाने की मांग की है. इसके तहत पांच पर्ष की अधिकतम सजा होती है.