जोधपुर. राजस्थान उच्च न्यायालय (Rajasthan High Court) में रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काई लाइट (sky light) से जुड़े मामले में दायर याचिका पर मंगलवार को याचिकाकर्ताओं की ओर से मेरिट पर बहस पूरी की गई. लेकिन समय कम होने के कारण सुनवाई अधूरी रही. बुधवार को ईडी की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल राजदीपक रस्तोगी अपना पक्ष रखेंगे.
न्यायाधीश पुष्पेंद्र सिंह भाटी (Judge Pushpendra Singh Bhati) की अदालत में मंगलवार को वाड्रा की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता केटीएस तुलसी (Senior Advocate of Supreme Court KTS Tulsi) और राजस्थान उच्च न्यायालय के अधिवक्ता कुलदीप माथुर व उनके सहयोगी धीरेन्द्र सिंह सोढ़ा ने पक्ष रखा.
वरिष्ठ अधिवक्ता तुलसी ने कहा कि वाड्रा के खिलाफ FIR आधारहीन व सारहीन हैं. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के कई निर्णय भी पढ़कर बताए. वाड्रा की ओर से मेरिट पर पक्ष पूरा होने के बाद ईडी की ओर से पक्ष रखा जाना था, लेकिन समय अभाव के चलते मामले को कल तक के लिए मुल्तवी कर दिया गया. अब आगे की सुनवाई कल बुधवार को होगी.
ईडी की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल राजदीपक रस्तोगी व जोधपुर से यूनियन ऑफ इंडिया के अधिवक्ता भानु प्रकाश बोहरा मौजूद रहे. ईडी ने दो प्रार्थना पत्र पेश कर रॉबर्ट वाड्रा को हिरासत में लेकर पूछताछ करने की अनुमति मांगी है.
ये है मामला
रॉबर्ट वाड्रा की कम्पनी स्काई लाइन ने बीकानेर जिले के कोलायत क्षेत्र में साल 2012 में सस्ती दरों पर करीब 270 बीघा जमीन 79 लाख रूपये में खरीदी थी. जबकि ये जमीन भारतीय सेना (Indian Army) की महाजन फील्ड फायरिंग रेंज (Mahajan Field Firing Range) के लिए आंवटित थी. फर्जी तरीके से जमीन के बेचने का मामला उजागर होने से पहले ही वाड्रा की कम्पनी स्काई लाईट ने इस जमीन को 5 करोड़ रुपए में बेच दिया था.
मनी लॉन्ड्रिंग (money laundering) से जुड़े इस मामले की ईडी ने जांच शुरू की थी. ईडी की पूछताछ से बचने के लिए रॉबर्ट वाड्रा लंबे अरसे से प्रयास कर रहे थे, लेकिन राजस्थान उच्च न्यायालय के निर्देश पर उन्हें ईडी के समक्ष पेश होना पड़ा. ईडी ने अनुसंधान में सहयोग नहीं करने पर उच्च न्यायालय में प्रार्थना पत्र पेश कर उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ की अनुमति मांगी है.