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RAS भर्ती- 2018 रिश्वत मामलाः ACB के सामने पेश हुए निर्वतमान जिला प्रमुख पूनाराम चौधरी, मोबाइल जब्त

RAS भर्ती- 2018 के इंटरव्यू में नंबर दिलाने के नाम पर 20 लाख की रिश्वत प्रकरण में एसीबी के राडार पर रहे जोधपुर के निर्वतमान जिला प्रमुख पूनाराम चौधरी गुरुवार केा एसीबी के सामने पेश हुए. हालांकि, एसीबी की टीम पूनाराम चौधरी को गिरफ्तार नहीं कर सकी.

पूनाराम चौधरी, Bribery Case in RAS Recruitment 2018
पूनाराम चौधरी
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Published : Aug 11, 2021, 10:27 PM IST

जोधपुर. RAS भर्ती- 2018 के इंटरव्यू में 70 अंक के लिए 20 लाख की रिश्वत देने के प्रकरण में एसीबी के राडार पर रहे जोधपुर के निर्वतमान जिला प्रमुख पूनाराम चौधरी गुरुवार केा एसीबी के सामने पेश हुए. इस दौरान एसीबी के अधिकारियों ने पूनाराम चौधरी से 3-4 घंटे पूछताछ की और एसीबी ने ​चौधरी का मोबाइल भी जब्त कर लिया.

एसीबी सूत्रों के अनुसार चौधरी अपना मोबाइल का डाटा पूरी तरह से डिलीट कर आए थे. अब एसीबी इस मोबाइल को फॉरेंसिक लैब भेज कर डाटा रिकवर करवाने का प्रयास करेगी. एसीबी, पूनाराम चौधरी को गिरफ्तार नहीं कर सकी, क्योंकि चौधरी अपने साथ न्यायालय से एक आदेश लेकर आए थे, जिसमें साक्ष्य के अभाव में सिर्फ पूछताछ करने के लिए गिरफ्तार नहीं कर सकेगी.

बता दें, बाड़मेर निवासी RAS परीक्षा में 166वीं रैंक प्राप्त करने वाले हरीश सारण को इंटरव्यू में 70 अंक दिलाने के लिए उसके रिश्तेदार जोगाराम और निजी संस्थान चलाने वाले ठाकराराम ने जोधपुर में आदर्श विद्या मंदिर के पीटीआई किसनाराम को 20 लाख रुपए दिए थे. लेकिन, इंटरव्यू में 54 अंक ही आए, जिसके बाद 20 लाख रुपए वापस मांगे, जिस पर 28 जुलाई को किसनाराम से जोगाराम और ठाकराराम 20 लाख रुपए लेकर वापस जा रहे थे उस समय एसीबी की टीम ने कल्याणपुर में नाकाबंदी कर गाड़ी रूकवाकर यह राशि बरामद की थी. बाद में किसनाराम को भी गिरफ्तार किया गया था.

यह भी पढ़ेंः चिंकारा हिरण शिकार : फार्म हाउस पर हिरण का मांस पकाकर खा रहे थे...4 आरोपी गिरफ्तार

Whatsapp चैट में पूनाराम चौधरी का नाम

किसनाराम के व्हाट्सएप चैट से ही रुपए के लेनदेन की पुष्टि हुई थी, लेकिन एसीबी उस व्यक्ति को पता नहीं लगा पा रही थी, जिसके मार्फत यह राशि आरपीएससी के किसी व्यक्ति के पास पहुंची और वापस आई. जांच के दौरान ही किसनाराम की चैट में निर्वतमान जिला प्रमुख पूनाराम चौधरी का नाम आया था. दोनों के बीच व्हाट्सएप पर बातचीत भी हुई, जिसके बाद एसीबी ने पूनाराम चौधरी को पकड़ने के लिए घर पहुंची, लेकिन चौधरी भूमिगत हो गए.

वहीं, अब पूनाराम चौधरी कोर्ट से राहत लेकर ही एसीबी के सामने पेश हुए हैं. जोधपुर एसीबी ने इस प्रकरण की जांच सिरोही एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नारायणसिंह राजपुरोहित को सौंप दी है, जबकि पहले यह जांच बाड़मेर एसीबी को दी गई थी.

जोधपुर. RAS भर्ती- 2018 के इंटरव्यू में 70 अंक के लिए 20 लाख की रिश्वत देने के प्रकरण में एसीबी के राडार पर रहे जोधपुर के निर्वतमान जिला प्रमुख पूनाराम चौधरी गुरुवार केा एसीबी के सामने पेश हुए. इस दौरान एसीबी के अधिकारियों ने पूनाराम चौधरी से 3-4 घंटे पूछताछ की और एसीबी ने ​चौधरी का मोबाइल भी जब्त कर लिया.

एसीबी सूत्रों के अनुसार चौधरी अपना मोबाइल का डाटा पूरी तरह से डिलीट कर आए थे. अब एसीबी इस मोबाइल को फॉरेंसिक लैब भेज कर डाटा रिकवर करवाने का प्रयास करेगी. एसीबी, पूनाराम चौधरी को गिरफ्तार नहीं कर सकी, क्योंकि चौधरी अपने साथ न्यायालय से एक आदेश लेकर आए थे, जिसमें साक्ष्य के अभाव में सिर्फ पूछताछ करने के लिए गिरफ्तार नहीं कर सकेगी.

बता दें, बाड़मेर निवासी RAS परीक्षा में 166वीं रैंक प्राप्त करने वाले हरीश सारण को इंटरव्यू में 70 अंक दिलाने के लिए उसके रिश्तेदार जोगाराम और निजी संस्थान चलाने वाले ठाकराराम ने जोधपुर में आदर्श विद्या मंदिर के पीटीआई किसनाराम को 20 लाख रुपए दिए थे. लेकिन, इंटरव्यू में 54 अंक ही आए, जिसके बाद 20 लाख रुपए वापस मांगे, जिस पर 28 जुलाई को किसनाराम से जोगाराम और ठाकराराम 20 लाख रुपए लेकर वापस जा रहे थे उस समय एसीबी की टीम ने कल्याणपुर में नाकाबंदी कर गाड़ी रूकवाकर यह राशि बरामद की थी. बाद में किसनाराम को भी गिरफ्तार किया गया था.

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Whatsapp चैट में पूनाराम चौधरी का नाम

किसनाराम के व्हाट्सएप चैट से ही रुपए के लेनदेन की पुष्टि हुई थी, लेकिन एसीबी उस व्यक्ति को पता नहीं लगा पा रही थी, जिसके मार्फत यह राशि आरपीएससी के किसी व्यक्ति के पास पहुंची और वापस आई. जांच के दौरान ही किसनाराम की चैट में निर्वतमान जिला प्रमुख पूनाराम चौधरी का नाम आया था. दोनों के बीच व्हाट्सएप पर बातचीत भी हुई, जिसके बाद एसीबी ने पूनाराम चौधरी को पकड़ने के लिए घर पहुंची, लेकिन चौधरी भूमिगत हो गए.

वहीं, अब पूनाराम चौधरी कोर्ट से राहत लेकर ही एसीबी के सामने पेश हुए हैं. जोधपुर एसीबी ने इस प्रकरण की जांच सिरोही एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नारायणसिंह राजपुरोहित को सौंप दी है, जबकि पहले यह जांच बाड़मेर एसीबी को दी गई थी.

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