जोधपुर. भाजपा नेता एवं विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र सिंह राठौड़ का कहना है कि प्रदेश की कानून-व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है. उन्होंने कहा कि राज्य के थानों में विधायक मिनी मुख्यमंत्री बने हुए हैं. यह सरकार केवल नाम की है, काम की नहीं.
गुरुवार को जोधपुर सर्किट हाउस में मीडिया से बात करते हुए राठौड़ ने कहा कि 1 जनवरी से 31 नवंबर तक प्रदेश में 1660 हत्याओं के मामले (Murder Cases in Rajasthan) दर्ज हुए हैं, 32,000 चोरियां हुई हैं जिनमें 20,000 मामलों में पुलिस ने एफआर लगा दी है, जो बताता है कि प्रदेश की कानून-व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के गृह नगर में भी कानून व्यवस्था का आलम दोयम दर्जे का है. यहां लगातार फायरिंग जैसी घटनाएं बता रही हैं कि हालात कैसे हैं? राठौड़ ने आरोप लगाया कि सत्ता में बैठे नेताओं और अपराधियों के बीच गठजोड़ पुलिस का इकबाल कमजोर कर रहा है. उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था में इतना ज्यादा हस्तक्षेप है कि प्रदेश के हर थाने में विधायक मिनी मुख्यमंत्री बनकर बैठे हैं. हर विधानसभा में हारे और जीते कांग्रेसी विधायक खुद को मुख्यमंत्री समझते हैं, इसलिए राज्य में व्यापक स्तर पर भ्रष्टाचार हो रहा है.
बजट घोषणाएं पूरी करने का दावा कपोल कल्पित...
राठौड़ ने कहा कि सरकार 3 साल बेमिसाल का नारा (Gehlot govt three year anniversary) लगाकर अपनी सफलताएं अर्जित करने की कहानियां बता रही है, जबकि हालात ऐसे हैं कि 120 करोड़ रुपए के विज्ञापन देकर यह सब कुछ किया जा रहा है. सरकार जो 70 फीसदी बजट घोषणा की पूरी करने की दावा कर रही है, वह सिर्फ कपोल कल्पित है. मुख्यमंत्री के गृह नगर में भी आधी से ज्यादा बजट घोषणा अभी तक कागजों में ही सिमटी हुई है.
राजेंद्र राठौड ने RTI कार्यकर्ता पर हुए हमले पर सरकार को घेरा...
राज्य विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र सिंह राठौड़ ने बाड़मेर के आरटीआई कार्यकर्ता अमराराम गोदारा पर हुए जानलेवा निर्मम हमले को लेकर सरकार पर हमला बोला है. राठौड़ ने कहा कि राजस्थान के शहरों में खौफजदा माहौल है, दहशत की जिंदगी लोग जी रहे हैं. जोधपुर में जो कानून-व्यवस्था की हालत किसी से छुपी नहीं है. पुलिस कस्टडी में गोली मार दी जाती है. इस प्रकार की कई घटनाएं जोधपुर संभाग व शहर में हुई हैं. बाड़मेर आरटीआई कार्यकर्ता का अपराध सिर्फ इतना ही था कि प्रशासन गांवों के संग, जहां कोई काम नहीं होता है. ऐसे में जब पूरा प्रशासन गांव के संग बैठा था.
ऐसे में एक कार्यकर्ता रिकॉर्ड के आधार पर अवैध शराब की शिकायत करे और बदले में उस पर निर्मम हमला हो और पुलिस कोई कार्रवाई नहीं करे इससे बुरी बात नहीं हो सकती. राठौड़ ने बताया कि इससे पहले भी इसी सरकार के राज में बाड़मेर के पचपदरा में आरटीआई कार्यकर्ता जगदीश गोलिया की पुलिस कस्टडी में मौत हुई थी. सरकार ने सिर्फ वहां की एसएचओ को निलंबित कर इतिश्री कर ली, जिसके चलते इस तरह की घटनाएं होती है. इस समय अपराधों का आंकड़ा प्रदेश की कानून-व्यवस्था बता रहे हैं. पुलिस अपराधी और शासन में बैठे नेताओं के गठजोड़ से हर सप्ताह राजस्थान की पुलिस पिट रही है, जो बता रहा है कि प्रदेश में कानून का राज खत्म हो रहा है. राजेंद्र राठौड़ शनिवार को बाड़मेर में होने वाली जन आक्रोश रैली में भाग लेने के लिए देर रात तक बाड़मेर पहुंचेंगे.