जोधपुर. शहर में शनिवार को राजस्थान फार्मासिस्ट कर्मचारी संघ द्वारा जोधपुर जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया. राजस्थान फार्मेसी संघ द्वारा मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना में कार्यरत फार्मेसिस्ट के कैडर का गठन करने और सेवा नियम बनाने के लिए मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया.
ज्ञापन में राजस्थान फार्मासिस्ट कर्मचारी संघ ने बताया कि राजस्थान मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना की शुरुआत साल 2011 में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा की गई थी. इस योजना से गरीब जनता को बहुत फायदा मिल रहा है और इस योजना को सफल बनाने में फार्मेसिस्ट का महत्वपूर्ण योगदान है, लेकिन दुर्भाग्यवश वर्तमान समय तक फार्मेसिस्ट के पदोन्नति कैडर और सेवा नियम नहीं बन पाए हैं.
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चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में लगभग 34 वर्षों से कार्यरत फार्मेसिस्ट है, लेकिन अभी तक उनके लिए अलग से कैडर नहीं बनाया गया है. जिसमें फार्मेसिस्ट के कार्यों को अन्य स्टाफ द्वारा संपादित किया जा रहा है. राजस्थान फार्मासिस्ट कर्मचारी संघ ने बताया कि अन्य राज्यों में फार्मेसी के कैडर का गठन पूर्ण हो चुका है और भारत सरकार के राजपत्र 2015 में भी फार्मेसिस्ट बहुस्तरीय संवर्ग किया जा चुका है. जबकि फार्मेसी काउंसलिंग ऑफ इंडिया में वर्ष 1981 में ही फार्मासिस्ट की पांचवें वेतन आयोग में अनुशंसा कर दी थी.
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फार्मासिस्ट कर्मचारी संघ का कहना है कि पूर्व में भी मुख्यमंत्री स्तर से लेकर अन्य विभिन्न स्तरों पर कई बार मांग पत्र दिया गया है, लेकिन हर बार फार्मासिस्ट कर्मचारियों को निराशा ही हाथ लगी है. इस कारण फार्मेसिस्ट कर्मचारियों में आक्रोश है. साथ ही उन्होंने बताया कि अगर आने वाले समय में उनकी मांगे पूरी नहीं की गई तो आक्रोशित होकर राजस्थान के समस्त फार्मेसिस्ट आंदोलन की राह पकड़ने को मजबूर होंगे.