जोधपुर. राजस्थान उच्च न्यायालय में अपने ही आश्रम की नाबालिग के साथ यौन दुराचार के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम की ओर से अधिवक्ता ने मामले की सुनवाई टालने का निवेदन किया. जिसे स्वीकार करते हुए न्यायालय ने सभी अपीलों पर 1 फरवरी को सुनवाई करने के निर्देश दिए हैं.
आसाराम की ओर से उच्च न्यायालय में सजा के खिलाफ पेश की गई अपील पर वरिष्ठ अधिवक्ता शिरीष गुप्ते के सहयोगी प्रेम काशवानी ने मामले की सुनवाई 01 फरवरी को करने का अनुरोध किया, जिसे कोर्ट ने स्वीकार करते हुए उच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश संदीप मेहता व न्यायाधीश देवेंद्र कच्छावा ने अगली तारीख पर सुनवाई के निर्देश दिए. सरकारी अधिवक्ता की ओर से भी विरोध नहीं किया गया.
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गौरतलब है कि आसाराम अपने ही आश्रम की नाबालिग के साथ यौन दुराचार के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं. केन्द्रीय कारागृह में विशेष अदालत का गठन करते हुए एससी-एसटी एक्ट कोर्ट के जज मधुसूदन शर्मा जिनको पॉक्सो एक्ट के तहत दायर मामलों की सुनवाई करने के अधिकार था. करीब 6 वर्ष की सुनवाई के बाद 25 अप्रैल 2018 को फैसला सुनाते हुए मुख्य अभियुक्त आसाराम को प्राकृतिक उम्र की समाप्ति तक के लिए उम्र कैद की सजा सुनाई थी. आसाराम के साथ ही सहयोगियों की अपील पर भी उसके साथ ही सुनवाई होगी.