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हाईकोर्ट: अस्थायी नर्स को नियुक्ति और परिलाभ देने के आदेश - Rajasthan High Court

राजस्थान उच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण आदेश पारित करते हुए याची को 31 मई 2021 से पहले नर्स ग्रेड-सेकेंड पद पर नियुक्ति देने के आदेश दिए हैं. साथ ही 24 जनवरी 2020 की दिनांक से समस्त नोशनल परिलाभ भी देने के आदेश दिए हैं.

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राजस्थान उच्च न्यायालय
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Published : Apr 19, 2021, 10:05 PM IST

Updated : Apr 19, 2021, 10:57 PM IST

जोधपुर. राजस्थान उच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण आदेश पारित करते हुए याची को 31 मई 2021 से पहले नर्स ग्रेड-सेकेंड पद पर नियुक्ति देने के आदेश दिए हैं. साथ ही 24 जनवरी 2020 की दिनांक से समस्त नोशनल परिलाभ भी देने के आदेश दिए हैं.

उच्च न्यायालय ने कहा कि राजस्थान नर्सिंग काउंसिल विधायिका की ओर से अधिनियमित अधिनियम और रेगुलेशन अनुसार ही कार्यवाही कर सकती है. याची की अभ्यर्थिता निरस्त करने को संविधान के अनुच्छेद 14, 16 और 19(1)(g) का उल्लंघन माना है.

पढ़ें- पूर्व PM मनमोहन सिंह कोरोना वायरस से संक्रमित, CM गहलोत ने की जल्द स्वस्थ होने की कामना

याचिकाकर्ता संगीता मेथ्यू की ओर से अधिवक्ता यशपाल खिलेरी ने याचिका पेश कर बताया कि नर्स ग्रेड सेकेंड पद पर वैद्य राजस्थान नर्सिंग रजिस्ट्रेशन आरएनसी सर्टिफिकेट नहीं होने पर नियुक्ति को रद्द कर दिया था, जबकि याचिकाकर्ता 2009 से ही मथुरादास माथुर अस्पताल जोधपुर में अस्थायी नर्स पद पर कार्यरत है.

याची की ओर से अधिवक्ता खिलेरी ने बताया कि याची का राजस्थान नर्सिंग काउंसिल जयपुर मे पंजीयन 11.02.2009 को हो गया. इसके बाद उसकी नियुक्ति अर्जेंट टेम्पररी बेसिस पर नर्स पद पर मथुरादास माथुर अस्पताल जोधपुर में दिनांक 01.09.2009 को हो गई और तब से लगातार यही कार्यरत है और अपनी संतोषजनक सेवाएं दे रही है.

विज्ञप्ति की शर्त अनुसार आरएनसी रजिस्ट्रेशन अंतिम दिनांक 12.05.2018 तक होना आवश्यक था जो याची के पास था. इसके बाद दस्तावेज सत्यापन के समय उसके पास आरएनसी रजिस्ट्रेशन की रिन्यूअल रसीद भी पेश कर दी, लेकिन राजस्थान नर्सिंग काउंसिल ने रिन्यूअल नहीं किया और कहा कि नया आरएनसी रजिस्ट्रेशन बनाना पड़ेगा. जिस पर मजबूरन याची ने पुनः नया आवेदन कर दिया.

याची ने अभ्यावेदन प्रस्तुत कर नया आरएनसी रजिस्ट्रेशन भी पेश कर दिया लेकिन कोई कार्यवाही नहीं होने पर उच्च न्यायालय में रिट याचिका पेश की. याची की प्रारंभिक सुनवाई पर याची के लिए एक पद रिक्त रखने का अंतरिम आदेश दिया. याची की ओर से यह भी बताया गया कि गत नर्स भर्ती 2013 में राज्य से बाहर कार्यरत अस्थायी नर्सिंग स्टाफ को भी बोनस का लाभ दिया जाकर नियमित नियुक्ति दी गई थी और राज्य से बाहर कार्यरत होने का मतलब उन अभ्यर्थियों के पास आवेदन के समय आरएनसी रजिस्ट्रेशन भी नहीं था, जबकि याची 2009 से राजकीय चिकित्सालय में कार्यरत है.

इस पर उच्च न्यायालय न्यायाधीश दिनेश मेहता ने समस्त नियमों और रिकॉर्ड का अनुशीलन कर याची की रिट याचिका स्वीकार करते हुए चयन निरस्त करने के आदेश को अपास्त करते हुए याची को नर्स ग्रेड द्वितिय के पद पर समस्त परिलाभ सहित 31 मई से पहले नियुक्ति देने के आदेश दिए.

जोधपुर. राजस्थान उच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण आदेश पारित करते हुए याची को 31 मई 2021 से पहले नर्स ग्रेड-सेकेंड पद पर नियुक्ति देने के आदेश दिए हैं. साथ ही 24 जनवरी 2020 की दिनांक से समस्त नोशनल परिलाभ भी देने के आदेश दिए हैं.

उच्च न्यायालय ने कहा कि राजस्थान नर्सिंग काउंसिल विधायिका की ओर से अधिनियमित अधिनियम और रेगुलेशन अनुसार ही कार्यवाही कर सकती है. याची की अभ्यर्थिता निरस्त करने को संविधान के अनुच्छेद 14, 16 और 19(1)(g) का उल्लंघन माना है.

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याचिकाकर्ता संगीता मेथ्यू की ओर से अधिवक्ता यशपाल खिलेरी ने याचिका पेश कर बताया कि नर्स ग्रेड सेकेंड पद पर वैद्य राजस्थान नर्सिंग रजिस्ट्रेशन आरएनसी सर्टिफिकेट नहीं होने पर नियुक्ति को रद्द कर दिया था, जबकि याचिकाकर्ता 2009 से ही मथुरादास माथुर अस्पताल जोधपुर में अस्थायी नर्स पद पर कार्यरत है.

याची की ओर से अधिवक्ता खिलेरी ने बताया कि याची का राजस्थान नर्सिंग काउंसिल जयपुर मे पंजीयन 11.02.2009 को हो गया. इसके बाद उसकी नियुक्ति अर्जेंट टेम्पररी बेसिस पर नर्स पद पर मथुरादास माथुर अस्पताल जोधपुर में दिनांक 01.09.2009 को हो गई और तब से लगातार यही कार्यरत है और अपनी संतोषजनक सेवाएं दे रही है.

विज्ञप्ति की शर्त अनुसार आरएनसी रजिस्ट्रेशन अंतिम दिनांक 12.05.2018 तक होना आवश्यक था जो याची के पास था. इसके बाद दस्तावेज सत्यापन के समय उसके पास आरएनसी रजिस्ट्रेशन की रिन्यूअल रसीद भी पेश कर दी, लेकिन राजस्थान नर्सिंग काउंसिल ने रिन्यूअल नहीं किया और कहा कि नया आरएनसी रजिस्ट्रेशन बनाना पड़ेगा. जिस पर मजबूरन याची ने पुनः नया आवेदन कर दिया.

याची ने अभ्यावेदन प्रस्तुत कर नया आरएनसी रजिस्ट्रेशन भी पेश कर दिया लेकिन कोई कार्यवाही नहीं होने पर उच्च न्यायालय में रिट याचिका पेश की. याची की प्रारंभिक सुनवाई पर याची के लिए एक पद रिक्त रखने का अंतरिम आदेश दिया. याची की ओर से यह भी बताया गया कि गत नर्स भर्ती 2013 में राज्य से बाहर कार्यरत अस्थायी नर्सिंग स्टाफ को भी बोनस का लाभ दिया जाकर नियमित नियुक्ति दी गई थी और राज्य से बाहर कार्यरत होने का मतलब उन अभ्यर्थियों के पास आवेदन के समय आरएनसी रजिस्ट्रेशन भी नहीं था, जबकि याची 2009 से राजकीय चिकित्सालय में कार्यरत है.

इस पर उच्च न्यायालय न्यायाधीश दिनेश मेहता ने समस्त नियमों और रिकॉर्ड का अनुशीलन कर याची की रिट याचिका स्वीकार करते हुए चयन निरस्त करने के आदेश को अपास्त करते हुए याची को नर्स ग्रेड द्वितिय के पद पर समस्त परिलाभ सहित 31 मई से पहले नियुक्ति देने के आदेश दिए.

Last Updated : Apr 19, 2021, 10:57 PM IST
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