ETV Bharat / city

विकलांगता का फर्जी प्रमाण पत्र मामला: कोर्ट की दो टूक- दोषी है तो FIR दर्ज करें, अधिकारियों के खिलाफ भी लिया जाए एक्शन

राजस्थान हाईकोर्ट ने विकलांगता के फर्जी प्रमाण पत्र साबित होने पर (Rajasthan HC On Fake Certificate) याचिकाकर्ता के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश जारी किए हैं. शिकायतकर्ता ने विकलांगता के पैमाने पर फिट बैठते हुए भी नौकरी न दिए जाने को लेकर याचिका डाली थी.

Rajasthan HC Order
विकलांगता का फर्जी प्रमाण पत्र मामला
author img

By

Published : Jul 17, 2022, 10:40 AM IST

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर मुख्यपीठ जस्टिस रेखा बोराणा ने एफआईआर दर्ज करने के साथ ही इन फर्जी प्रमाण पत्रों को जारी करने वाले अधिकारियों के खिलाफ एक्शन लेने के निर्देश दिए हैं (Rajasthan HC On Fake Certificate). इसकी रिपोर्ट अगली सुनवाई में पेश करने का भी आदेश दिया है. याचिकाकर्ता मनीष चौधरी ने एक याचिका पेश कर पशुधन सहायक भर्ती में उसकी पात्रता खारिज करने पर चुनौती दी थी.

सरकार की ओर से एएजी अनिल गौड़ ने बताया कि याचिकाकर्ता का प्रमाण पत्र फर्जी है. वर्ष 2016 की भर्ती में याचिकाकर्ता ने विकलांगता का प्रमाण पत्र पेश किया था जिसमें उसे 60 प्रतिशत विकलांग बताया गया था जबकि मेडिकल बोर्ड ने उसकी विकलांगता को नहीं माना और पात्रता निरस्त कर दी. वर्ष 2018 में पशुधन सहायक भर्ती में उसी विकलांगता प्रमाण पत्र का उपयोग किया गया और उसमें 40 प्रतिशत विकलांगता बताई गई.

पढ़ें-Rajasthan High Court: पुलिस विभाग में रिक्त पदों को लेकर हाईकोर्ट गंभीर, राज्य सरकार को नया हलफनामा पेश करने के दिए निर्देश

एक अभ्यर्थी ने एक ही बार के प्रमाण पत्र को दो अलग-अलग वर्षों में उपयोग करते हुए विकलांगता साबित करने का प्रयास किया जबकि यह फर्जी था. हाईकोर्ट ने अजीबो गरीब तथ्यों को देखते हुए याचिकाकर्ता को जारी विकलांगता प्रमाण पत्र की जांच करने एवं दोषी पाए जाने पर एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं (Rajasthan HC Order). वहीं जारी करने वाले अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई का निर्देश देते हुए अगली सुनवाई पर रिपोर्ट तलब की है.

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर मुख्यपीठ जस्टिस रेखा बोराणा ने एफआईआर दर्ज करने के साथ ही इन फर्जी प्रमाण पत्रों को जारी करने वाले अधिकारियों के खिलाफ एक्शन लेने के निर्देश दिए हैं (Rajasthan HC On Fake Certificate). इसकी रिपोर्ट अगली सुनवाई में पेश करने का भी आदेश दिया है. याचिकाकर्ता मनीष चौधरी ने एक याचिका पेश कर पशुधन सहायक भर्ती में उसकी पात्रता खारिज करने पर चुनौती दी थी.

सरकार की ओर से एएजी अनिल गौड़ ने बताया कि याचिकाकर्ता का प्रमाण पत्र फर्जी है. वर्ष 2016 की भर्ती में याचिकाकर्ता ने विकलांगता का प्रमाण पत्र पेश किया था जिसमें उसे 60 प्रतिशत विकलांग बताया गया था जबकि मेडिकल बोर्ड ने उसकी विकलांगता को नहीं माना और पात्रता निरस्त कर दी. वर्ष 2018 में पशुधन सहायक भर्ती में उसी विकलांगता प्रमाण पत्र का उपयोग किया गया और उसमें 40 प्रतिशत विकलांगता बताई गई.

पढ़ें-Rajasthan High Court: पुलिस विभाग में रिक्त पदों को लेकर हाईकोर्ट गंभीर, राज्य सरकार को नया हलफनामा पेश करने के दिए निर्देश

एक अभ्यर्थी ने एक ही बार के प्रमाण पत्र को दो अलग-अलग वर्षों में उपयोग करते हुए विकलांगता साबित करने का प्रयास किया जबकि यह फर्जी था. हाईकोर्ट ने अजीबो गरीब तथ्यों को देखते हुए याचिकाकर्ता को जारी विकलांगता प्रमाण पत्र की जांच करने एवं दोषी पाए जाने पर एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं (Rajasthan HC Order). वहीं जारी करने वाले अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई का निर्देश देते हुए अगली सुनवाई पर रिपोर्ट तलब की है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.