जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर मुख्यपीठ ने एक जनहित याचिका को निस्तारित करते हुए कहा कि राजस्थान स्टाम्प अधिनियम के तहत गाय और उसकी संतानों का संरक्षण एवं प्रसार के लिए उपकर के रूप में एकत्र 10 प्रतिशत राशि का उपयोग गौवंश के लिए किया जाएगा अन्यत्र इसका उपयोग नहीं किया (Court on cow Cess usages) जाएगा.
वरिष्ठ न्यायाधीश संदीप मेहता व न्यायाधीश कुलदीप माथुर की खंडपीठ में बीकानेर गौशाला की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद निर्देशों के साथ निस्तारित कर दिया गया. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता मोतीसिंह राजपुरोहित ने पक्ष रखा, वहीं सरकार की ओर से एएजी संदीप शाह ने पैरवी की. सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त शपथपत्र में कहा गया कि धारा 3 बी के तहत स्टाम्प शुल्क पर पहले 10 प्रतिशत उपकर था जो कि गौवंश के लिए था.
बाद में 2020 में संशोधन करते हुए प्राकृतिक या मानव निर्मित आपदाओं जिसमें सूखा, बाढ़, महामारी,आग और सार्वजनिक स्वास्थ्य सम्बंधी आवश्यकताएं शामिल हैं, उसके लिए 10 प्रतिशत का प्रावधान किया गया. दोनों को मिलाकर कुल 20 प्रतिशत उपकर का प्रावधान किया गया. कोर्ट ने याचिका को निस्तारित करते हुए कहा कि 10 प्रतिशत गायों का पैसा गायों पर ही खर्च किया जाएगा. संशोधन से पूर्व एकत्र राशि भी गौवंश पर ही खर्च की जाएगी.