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राजस्थान की जेल से पैरोल पर गए दो कैदी 12 साल बाद नहीं लौटे, हाईकोर्ट ने यूपी के DGP को किया तलब

राजस्थान हाईकोर्ट ने हत्या के मामले में सजायाफ्ता दो कैदियों की पैरोल पर जाने बाद वापस नहीं आने के मामले में यूपी के डीजीपी को तलब किया है. कैदी वर्ष 2007 में पैरोल मिलने के बाद अब तक जेल वापस नहीं आए हैं.

राजस्थान हाईकोर्ट
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Published : Jul 25, 2019, 9:31 PM IST

जोधपुर. हत्या के मामले में उत्तर प्रदेश निवासी दो कैदियों के पैरोल पर जाने के बाद वापस नहीं आने के मामले में हाईकोर्ट ने कड़ा रूख अपनाया है. मामले में राजस्थान उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेश को तलब किया है.

राजस्थान हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश के DGP को किया तलब

यह आदेश जस्टिस संदीप महेता व अभय चतुर्वेदी की खंडपीठ ने गुरुवार को दिए हैं. मामले की सुनवाई करते हुए 4 सितंबर को उत्तर प्रदेश पुलिस के महानिदेशक को इसलिए तलब किया है. अदालत ने सवाल किया है कि उत्तर प्रदेश पुलिस दोनों अभियुक्तों के नाम जारी वारंट अभी तक तामील क्यों नहीं हुए. अगर डीजीपी नहीं आए तो खंडपीठ उत्तर प्रदेश के गृहविभाग के प्रधान सचिव को नोटिस दिया जाएगा.

जोधपुर जेल में हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे कैदी किरनपाल और लोकेंद्र को वर्ष 2007 में पैरोल मिली थी. पैरोल की अवधि पूरी होने के बावजूद दोनों वापस नहीं आए. इसको लेकर उत्तरप्रदेश पुलिस से कई तरह के पत्र व्यवहार किया गया. जिसका यूपी पुलिस की ओर से कोई प्रगति नहीं हुई.

नवंबर 2018 में उत्तर प्रदेश पुलिस के मुखिया के नाम नोटिस भेजकर दोनों अभियुक्तों को गिरफ्तार करने का कहा गया. इसके बावजूद किसी भी प्रयास की जानकारी आज तक उत्तर प्रदेश पुलिस से नहीं मिली है. इसके बाद इस वर्ष जनवरी में सुनवाई के बाद मार्च में उत्तर प्रदेश पुलिस ने कंप्लाइंस रिपोर्ट पेश की गई. मामले की फाइल खो जाने से चार माह बाद सुनवाई हुई है. इसके चलते खंडपीठ ने राजस्थान हाईकोर्ट के ज्यूटिशियल रजिस्ट्रार को इस मामले की मॉनिटरिंग डे टू डे करने के निर्देश दिए हैं.

जोधपुर. हत्या के मामले में उत्तर प्रदेश निवासी दो कैदियों के पैरोल पर जाने के बाद वापस नहीं आने के मामले में हाईकोर्ट ने कड़ा रूख अपनाया है. मामले में राजस्थान उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेश को तलब किया है.

राजस्थान हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश के DGP को किया तलब

यह आदेश जस्टिस संदीप महेता व अभय चतुर्वेदी की खंडपीठ ने गुरुवार को दिए हैं. मामले की सुनवाई करते हुए 4 सितंबर को उत्तर प्रदेश पुलिस के महानिदेशक को इसलिए तलब किया है. अदालत ने सवाल किया है कि उत्तर प्रदेश पुलिस दोनों अभियुक्तों के नाम जारी वारंट अभी तक तामील क्यों नहीं हुए. अगर डीजीपी नहीं आए तो खंडपीठ उत्तर प्रदेश के गृहविभाग के प्रधान सचिव को नोटिस दिया जाएगा.

जोधपुर जेल में हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे कैदी किरनपाल और लोकेंद्र को वर्ष 2007 में पैरोल मिली थी. पैरोल की अवधि पूरी होने के बावजूद दोनों वापस नहीं आए. इसको लेकर उत्तरप्रदेश पुलिस से कई तरह के पत्र व्यवहार किया गया. जिसका यूपी पुलिस की ओर से कोई प्रगति नहीं हुई.

नवंबर 2018 में उत्तर प्रदेश पुलिस के मुखिया के नाम नोटिस भेजकर दोनों अभियुक्तों को गिरफ्तार करने का कहा गया. इसके बावजूद किसी भी प्रयास की जानकारी आज तक उत्तर प्रदेश पुलिस से नहीं मिली है. इसके बाद इस वर्ष जनवरी में सुनवाई के बाद मार्च में उत्तर प्रदेश पुलिस ने कंप्लाइंस रिपोर्ट पेश की गई. मामले की फाइल खो जाने से चार माह बाद सुनवाई हुई है. इसके चलते खंडपीठ ने राजस्थान हाईकोर्ट के ज्यूटिशियल रजिस्ट्रार को इस मामले की मॉनिटरिंग डे टू डे करने के निर्देश दिए हैं.

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Body:पैराल पर भागे यूपी के दो अपराधी वापस नहीं, यूपी डीजीपी तलब


जोधपुर। जोधपुर में हत्या के आरोप में गिरफ्तार उत्तर प्रदेश निवासी सजायाफ्ता दो बंदियों के पैरोल पर जाने के बाद वापस नहीं आने के मामले में राजस्थान हाईकोर्ट ने कडा रूख अपनाते हुए उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेश को तलब किया है। जस्टिस संदीप महेता व अभय चतुर्वेदी की खंडपीठ ने गुरुवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए 4 सितंबर को उत्तर प्रदेश पुलिस के महानिदेशक को इसलिए तलब किया है कि उत्तर प्रदेश पुलिस दोनों अभियुक्तों के नाम जारी वारंट अभी तक तामील क्यों नहीं हुए। अगर डीजीपी नहीं आए तो खंडपीठ उत्तर प्रदेश के गृहविभाग के प्रधान सचिव को नोटिस दिया जाएगा। जोधपुर जेल में बंद बंदी किरनपाल व लोकेंद्र को 2007में पैरोल मिली थी लेकिन पैरोल अवधि पूरी होने के बावजूद दोनों वापस नहीं आए। इसको लेकर उत्तरप्रदेश पुलिस से कई तरह के पत्र व्यवहार किया गया लेकिन कोई प्रगति नहीं हुइ। नवंबर 2018 में उत्तर प्रदेश पुलिस के मुखिया के नाम नोटिस भेजकर दोनों अभियुक्तों को गिरफ्तार करने का कहा गया लेकिन इसको लेकर कोई गंभीर प्रयास की जानकारी आज दिन तक उत्तर प्रदेश पुलिस से नहीं मिली। इसके बाद इस वर्ष जनवरी में सुनवाई के बाद मार्च में उत्तर प्रदेश पुलिस ने कंप्लाइंस रिपोर्ट पेश की गई। लेकिन मामले की फाइल खो जाने से चार माह बाद सुनवाई हुई है। इसके चलते खंडपीठ ने राजस्थान हाईकोर्ट के ज्यूटिशियल रजिस्ट्रार को इस मामले की मॉनिटरिंग डे टू डे करने के निर्देश दिए है।




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