जोधपुर. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान जोधपुर में सोमवार को प्रदेश का पहला बायोनेस्ट बायोइनक्यूबेटर शुरू हो गया. आईआईटी जोधपुर और आईआईटी जोधपुर टेक्नोलॉजी इन्नोवेशन एंड स्टार्टअप सेंटर की ओर से संयुक्त रूप से आयोजित वर्चुअल समारोह के माध्यम से इसका उद्घाटन किया गया.
बता दें कि आईआईटी के निदेशक प्रोफेसर शांतनु चौधरी, बायो टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री रिसर्च असिस्टेंट काउंसिल की डॉ. चंद्रा माधवी, जोधपुर एम्स के एकेडमिक डीन डॉ. कुलदीप सिंह सहित अन्य विशेषज्ञ इसमें शामिल हुए. आईआईटी के डायरेक्टर ने बताया कि केंद्रीय विज्ञान एवं तकनीकी मंत्रालय (डीबीटी) के अंतर्गत बायो टेक्नोलॉजी विभाग ने बायोटेक रिसर्च को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बायोनेक्स्ट योजना शुरू की.
उन्होंने बताया कि इसमें आईटी की जगह केंद्रीय भूमिका बायोटेक और मेडिकल क्षेत्र की है. योजना के अंतर्गत डीबीटी से आईआईटी जोधपुर को 4.5 करोड़ का अनुदान प्रप्त हुआ है. उन्होंने बताया कि राजस्थान में बायोटेक्निक सत्र में स्टार्टअप शुरू करने वाले उद्यमियों के लिए यह बहुत बड़ा अवसर है. जो बायोटेक्निक फील्ड में अपना काम शुरू करना चाहते हैं उसके लिए सही गाइडलाइन और रिसर्च मैनेजमेंट से जुड़ी सारी बातें जोधपुर आईआईटी के माध्यम से प्राप्त कर सकेंगे.
प्रोफेसर शांतनु ने बताया कि जोधपुर आईआईटी में बायो लैबोरेट्री फैसिलिटी स्टार्टअप टेस्टिंग फैसिलिटी पर काम होगा. आईआईटी जोधपुर (IIT Jodhpur) के बायोइनक्यूबेटर में एक साथ 40 इनक्यूबेटिंज के काम करने की योजना बनाई गई है. बायोटेक और मेडिकल क्षेत्र में काम करने वाला कोई भी व्यक्ति अपनी कंपनी के आइडिया लेकर जोधपुर आईआईटी से संपर्क कर सकता है. आईआईटी की कमेटी कंपनी के आइडिया पर विचार करेगी और अनुमति मिलने पर जोधपुर के बायोइनक्यूबेटर में काम हो सकेगा.
देश मे है 52 बायो इनक्यूबेटर
देश में बायोटेक्निक पर काम करने के लिए वर्तमान में 52 बायोनेस्ट बायोइनक्यूबेटर हैं, जो ज्यादातर दक्षिण भारत में ही हैं. राजस्थान में यह पहला बायोइनक्यूबेटर जोधपुर आईआईटी में प्रारंभ हुआ है.