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इंटर्न डॉक्टर का आरोप...मनरेगा श्रमिक से भी कम मिलती है मानदेय, हड़ताल की चेतावनी

जोधपुर में एसएन मेडिकल कॉलेज के इंटर्न डॉक्टर्स का स्टाइपेंड बढ़ाने की मांग को लेकर बुधवार को भी विरोध व कार्य बहिष्कार जारी है. वहीं मेडिकल कॉलेज के इंटर्न की ओर से चेतावनी दी गई है कि अगले 2 दिनों में अगर उनकी मांगों पर विचार नहीं किया गया तो वे हड़ताल पर जाएंगे और रेजिडेंट डॉक्टर्स इनका समर्थन करेंगे.

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इंटर्न डॉक्टर्स ने किया कार्य बहिष्कार
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Published : Oct 7, 2020, 2:57 PM IST

जोधपुर. जिले में एसएन मेडिकल कॉलेज के इंटर्न डॉक्टर्स अपने स्टाइपेंड बढ़ाने की मांग को लेकर दूसरे दिन भी विरोध और कार्य बहिष्कार पर अड़े रहे. बुधवार को मथुरादास माथुर अस्पताल के जनाना विंग के बाहर इंटर्न डॉक्टर नारेबाजी करते हुए सरकार से अपना स्टाइपेंड बढ़ाने की मांग की है. साथ ही नारेबाजी करते समय डॉक्टर्स अपने हाथ में कुदाल और झाड़ू लेकर आए थे.

इंटर्न डॉक्टर्स ने किया कार्य बहिष्कार

उनका कहना था कि हमें वर्तमान में प्रतिदिन 233 रुपये का मानदेय दिया जा रहा है जो कि न्यूनतम मजदूरी से भी कम है और नरेगा मजदूर से भी कम है. उनका कहना है कि एक नरेगा मजदूर को कुछ घंटे काम करने पर भी हमसे ज्यादा वेतन मिलता है, जबकि इनका ओर से लगातार काम किया जा रहा हैं. इसके अलावा डॉक्टर्स का कहना है कि अस्पतालों के अन्य काम में भी लगातार सहयोग कर रहे हैं लेकिन बावजूद इसके सरकार हमारा मानदेय नहीं बढ़ा रही है.

वहीं मेडिकल कॉलेज के इंटर्न ने चेतावनी दी है कि अगले 2 दिनों में अगर हमारी मांगों पर गंभीरता से विचार नहीं किया गया तो हम हड़ताल पर जाएंगे और रेजिडेंट डॉक्टर्स भी हमारा समर्थन करेंगे. उल्लेखनीय है कि डॉक्टर एसएन मेडिकल कॉलेज के रेसिडेंट डॉक्टर भी पिछले 1 सप्ताह से अपनी मांगों को लेकर विरोध स्वरूप काली पट्टी बांधकर काम कर रहे हैं और पिछले 2 दिनों से इंटर्न डॉक्टर भी विरोध पर उतर आए हैं.

पढ़ें: सांसद दीया कुमारी की अनुशंषा के बाद 30 मार्गों की वित्तीय स्वीकृति जारी...PM का जताया आभार

इसको लेकर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य को ज्ञापन भी दिया गया लेकिन अभी तक सरकार के स्तर पर कोई निर्णय नहीं होने से स्थिति जैसे की तैसी बनी हुई है. बता दें कि एमबीबीएस करने वाले मेडिकोज के अंतिम 1 साल की अवधि को इंटर्नशिप कहा जाता है. इस दौरान वे अस्पतालों में क्लीनिकल ड्यूटी करते हैं. इस इंटर्नशिप के बाद बतौर एमबीबीएस डॉक्टर कॉउंसिल में रजिस्ट्रेशन के लिए एलिजेबल होते हैं.

जोधपुर. जिले में एसएन मेडिकल कॉलेज के इंटर्न डॉक्टर्स अपने स्टाइपेंड बढ़ाने की मांग को लेकर दूसरे दिन भी विरोध और कार्य बहिष्कार पर अड़े रहे. बुधवार को मथुरादास माथुर अस्पताल के जनाना विंग के बाहर इंटर्न डॉक्टर नारेबाजी करते हुए सरकार से अपना स्टाइपेंड बढ़ाने की मांग की है. साथ ही नारेबाजी करते समय डॉक्टर्स अपने हाथ में कुदाल और झाड़ू लेकर आए थे.

इंटर्न डॉक्टर्स ने किया कार्य बहिष्कार

उनका कहना था कि हमें वर्तमान में प्रतिदिन 233 रुपये का मानदेय दिया जा रहा है जो कि न्यूनतम मजदूरी से भी कम है और नरेगा मजदूर से भी कम है. उनका कहना है कि एक नरेगा मजदूर को कुछ घंटे काम करने पर भी हमसे ज्यादा वेतन मिलता है, जबकि इनका ओर से लगातार काम किया जा रहा हैं. इसके अलावा डॉक्टर्स का कहना है कि अस्पतालों के अन्य काम में भी लगातार सहयोग कर रहे हैं लेकिन बावजूद इसके सरकार हमारा मानदेय नहीं बढ़ा रही है.

वहीं मेडिकल कॉलेज के इंटर्न ने चेतावनी दी है कि अगले 2 दिनों में अगर हमारी मांगों पर गंभीरता से विचार नहीं किया गया तो हम हड़ताल पर जाएंगे और रेजिडेंट डॉक्टर्स भी हमारा समर्थन करेंगे. उल्लेखनीय है कि डॉक्टर एसएन मेडिकल कॉलेज के रेसिडेंट डॉक्टर भी पिछले 1 सप्ताह से अपनी मांगों को लेकर विरोध स्वरूप काली पट्टी बांधकर काम कर रहे हैं और पिछले 2 दिनों से इंटर्न डॉक्टर भी विरोध पर उतर आए हैं.

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इसको लेकर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य को ज्ञापन भी दिया गया लेकिन अभी तक सरकार के स्तर पर कोई निर्णय नहीं होने से स्थिति जैसे की तैसी बनी हुई है. बता दें कि एमबीबीएस करने वाले मेडिकोज के अंतिम 1 साल की अवधि को इंटर्नशिप कहा जाता है. इस दौरान वे अस्पतालों में क्लीनिकल ड्यूटी करते हैं. इस इंटर्नशिप के बाद बतौर एमबीबीएस डॉक्टर कॉउंसिल में रजिस्ट्रेशन के लिए एलिजेबल होते हैं.

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