जोधपुर. राजस्थान उच्च न्यायालय ने एक याचिका पर महत्वपूर्ण आदेश पारित करते हुए द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट संस्थान को याचिकाकर्ता का परिणाम जारी करने के साथ 20 हजार रुपए हर्जाना देने का आदेश पारित किया है. उच्च न्यायालय के न्यायाधीश दिनेश मेहता की अदालत ने रिशा लोढा की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया है.
याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता विकास बालिया ने याचिका पेश कर बताया कि याची ने द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड संस्थान से चार्टर्ड एकाउंटेंट बनने के लिए प्रथम प्रयास में ही वर्ष 2018 में अपनी सीए फाउंडेशन परीक्षा पास की. जिसके परिणाम स्वरूप वह सीए इंटरमीडिएट परीक्षा जो कि मई 2020 के लिए निर्धारित थी उसमें बैठने के लिए योग्य थी. लेकिन इसी बीच कोविड-19 के चलते परीक्षा स्थगित होने के साथ नवम्बर में परीक्षा आयोजित करने का कार्यक्रम था.
बाद में याचिकाकर्ता ने नवंबर की परीक्षा से बाहर होने का विकल्प चुना था और 22 जनवरी 2021 से 7 फरवरी 2021 तक आयोजित होने वाली परीक्षा का विकल्प चुना. जिसके लिए उपस्थित होने के लिए प्रवेश पत्र जारी किया गया.
याचिकाकर्ता के अनुसार आयोजित सभी प्रश्नपत्रों/परीक्षाओं में उपस्थित हुई. परीक्षा के बाद डिप्टी सेक्रेटरी परीक्षा जो कि प्रतिवादी संख्या दो है ने एक मेल सूचित करते हुए उसका परिणाम रोक दिया गया था क्योंकि उसने अपने ई-मेल में अपमानजनक टिप्पणी की थी. एक साथ स्पष्टीकरण मांगा गया था कि क्यों नही उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कारवाई शुरू की जाए.
इसके लिए याची ने एक लिखित मेल के जरिये माफी भी मांगी, लेकिन उसके बावजूद उसका परिणाम रोक दिया गया. उच्च न्यायालय में याचिका दायर होने के बाद न्यायालय में सीलबंद लिफाफा पेश किया गया, जिसमें याची का परिणाम था. उच्च न्यायालय के आदेश पर याची का परिणाम प्रदर्शित करने का आदेश दिया गया है. याची को परीक्षा में पास कर दिया गया. वहीं, अब उसका परिणाम प्रदर्शित करना होगा. साथ ही अदालत ने संस्थान पर बीस हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया जो कि संस्थान द्वारा याची को दिया जाए.