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जोधपुर स्वास्थ्य विभाग की चूकः 13 जून को हुई कोरोना रोगी की मौत, 7 दिनों बाद आंकड़ों में किया शामिल - Jodhpur news

जोधपुर में स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है. दरअसल, 13 जून को कोरोना के कारण हुई एक व्यक्ति की मौत को 7 दिनों बाद आंकड़ों में शामिल किया गया. वहीं, शुक्रवार को जिले में 38 नए कोरोना मरीज सामने आए.

Jodhpur Health Department News,  Jodhpur news
जोधपुर स्वास्थ्य विभाग की चूक
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Published : Jun 20, 2020, 5:13 AM IST

जोधपुर. कोरोना संक्रमण की रोकथाम में लगे जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की एक बड़ी चूक सामने आई है. 13 जून को जोधपुर एम्स में इलाज के लिए भर्ती भीतरी शहर के एक मरीज की कोरोना संक्रमण से मौत हो गई थी, लेकिन 7 दिन तक इस मौत को स्वास्थ्य विभाग ने छुपाए रखा और प्रतिदिन जारी होने वाली सूची में शामिल नहीं किया.

जोधपुर स्वास्थ्य विभाग की चूक

बता दें कि शुक्रवार शाम को स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी की गई बुलेटिन इस मौत की जानकारी दी गई और कुल मौतों की संख्या 32 बताई. इसको लेकर जिम्मेदारों का कहना है कि एम्स से जानकारी नहीं मिली. वहीं, एम्स के स्थानीय प्रशास का कहना है कि 13 जून को ही इसकी जानकारी दे दी गई थी और शव भी सरकारी कर्मचारियों को दिया गया था.

पढ़ें- झालावाड़: 12 नए कोरोना पॉजिटिव केस आए सामने, कुल आंकड़ा 365

मामले को लेकर जांच की गई तो पता चला कि निगम ने अब तक कोरोना वायरस के कारण मरने वाले 34 लोगों का अंतिम संस्कार किया है, जबकि स्वास्थ्य विभाग आधिकारिक रूप से गुरुवार तक 31 मौत बता रहा था. वहीं, मरीज ने आत्महत्या की थी लेकिन रिपोर्ट पॉजिटिव आई, इसके बावजूद उसे कोरोना से मरने वालों की सूची से निकाल दिया गया.

इसी तरह गत दिनों पीपाड़ के शातिर निवासी एक व्यक्ति की जोधपुर के अस्पताल में मौत हो गई थी, उसकी भी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने उसकी मौत का कारण टीबी बता दिया था, जबकि वह टीबी अस्पताल में भर्ती हुआ था तो उसे कोरोना नहीं था. वहां भर्ती रहने के दौरान संभवतः उसे कोरोना हुआ और जब उसकी तबीयत ज्यादा बिगड़ी तो उसे महात्मा अस्पताल भेजा गया, जहां उसकी मौत हो गई.

पढ़ें- उदयपुर में कोरोना के 634 में 583 मरीज हुए ठीक

वहीं, मौत के बाद शव का नमूना लिया गया जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने उसे भी कोरोना वायरस से मरने वालों की सूची में शामिल नहीं किया. लेकिन दोनों मरीजों का नाम नगर निगम की ओर से कोरोना वायरस के कारण मरने वालों के अंतिम संस्कार करने की सूची में शामिल है. इन दोनों नामों को जोड़ दे तो ऐसे में कुल संख्या 33 बनती है, जबकि शुक्रवार शाम तक निगम की ओर से किए गए अंतिम संस्कारों की संख्या 34 थी. इसके बाद पता चला कि एक और मरीज जिसकी मौत 13 जून को हुई थी उसका अंतिम संस्कार भी सरकारी कर्मचारी की ओर से किया गया था. इस मामले में देर रात तक सीएमएचओ ने फोन नहीं उठाया.

38 नए मामले आए सामने

शुक्रवार को जारी सूची में शहर में कुल 38 नए कोरोना के मामलों की पुष्टि की गई है. इनमें भीतरी शहर के सिटी पुलिस, गोलनाड़ी में भी एक बार फिर पॉजिटिव मामले सामने आए हैं. इसके अलावा सरदारपुरा, कमला नेहरू नगर, सूरसागर, मसूरिया, बलदेव नगर, हाउसिंग बोर्ड , कलाल कॉलोनी, गोल नाड़ी, कागा कागढ़ी सहित अन्य इलाकों में नए मामले सामने आए हैं. जिले में अबतक कुल पॉजिटिव मामलों की संख्या 2321 हो गई है. वर्तमान में 356 एक्टिव केस जोधपुर में है.

जोधपुर. कोरोना संक्रमण की रोकथाम में लगे जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की एक बड़ी चूक सामने आई है. 13 जून को जोधपुर एम्स में इलाज के लिए भर्ती भीतरी शहर के एक मरीज की कोरोना संक्रमण से मौत हो गई थी, लेकिन 7 दिन तक इस मौत को स्वास्थ्य विभाग ने छुपाए रखा और प्रतिदिन जारी होने वाली सूची में शामिल नहीं किया.

जोधपुर स्वास्थ्य विभाग की चूक

बता दें कि शुक्रवार शाम को स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी की गई बुलेटिन इस मौत की जानकारी दी गई और कुल मौतों की संख्या 32 बताई. इसको लेकर जिम्मेदारों का कहना है कि एम्स से जानकारी नहीं मिली. वहीं, एम्स के स्थानीय प्रशास का कहना है कि 13 जून को ही इसकी जानकारी दे दी गई थी और शव भी सरकारी कर्मचारियों को दिया गया था.

पढ़ें- झालावाड़: 12 नए कोरोना पॉजिटिव केस आए सामने, कुल आंकड़ा 365

मामले को लेकर जांच की गई तो पता चला कि निगम ने अब तक कोरोना वायरस के कारण मरने वाले 34 लोगों का अंतिम संस्कार किया है, जबकि स्वास्थ्य विभाग आधिकारिक रूप से गुरुवार तक 31 मौत बता रहा था. वहीं, मरीज ने आत्महत्या की थी लेकिन रिपोर्ट पॉजिटिव आई, इसके बावजूद उसे कोरोना से मरने वालों की सूची से निकाल दिया गया.

इसी तरह गत दिनों पीपाड़ के शातिर निवासी एक व्यक्ति की जोधपुर के अस्पताल में मौत हो गई थी, उसकी भी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने उसकी मौत का कारण टीबी बता दिया था, जबकि वह टीबी अस्पताल में भर्ती हुआ था तो उसे कोरोना नहीं था. वहां भर्ती रहने के दौरान संभवतः उसे कोरोना हुआ और जब उसकी तबीयत ज्यादा बिगड़ी तो उसे महात्मा अस्पताल भेजा गया, जहां उसकी मौत हो गई.

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वहीं, मौत के बाद शव का नमूना लिया गया जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने उसे भी कोरोना वायरस से मरने वालों की सूची में शामिल नहीं किया. लेकिन दोनों मरीजों का नाम नगर निगम की ओर से कोरोना वायरस के कारण मरने वालों के अंतिम संस्कार करने की सूची में शामिल है. इन दोनों नामों को जोड़ दे तो ऐसे में कुल संख्या 33 बनती है, जबकि शुक्रवार शाम तक निगम की ओर से किए गए अंतिम संस्कारों की संख्या 34 थी. इसके बाद पता चला कि एक और मरीज जिसकी मौत 13 जून को हुई थी उसका अंतिम संस्कार भी सरकारी कर्मचारी की ओर से किया गया था. इस मामले में देर रात तक सीएमएचओ ने फोन नहीं उठाया.

38 नए मामले आए सामने

शुक्रवार को जारी सूची में शहर में कुल 38 नए कोरोना के मामलों की पुष्टि की गई है. इनमें भीतरी शहर के सिटी पुलिस, गोलनाड़ी में भी एक बार फिर पॉजिटिव मामले सामने आए हैं. इसके अलावा सरदारपुरा, कमला नेहरू नगर, सूरसागर, मसूरिया, बलदेव नगर, हाउसिंग बोर्ड , कलाल कॉलोनी, गोल नाड़ी, कागा कागढ़ी सहित अन्य इलाकों में नए मामले सामने आए हैं. जिले में अबतक कुल पॉजिटिव मामलों की संख्या 2321 हो गई है. वर्तमान में 356 एक्टिव केस जोधपुर में है.

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