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लॉकडाउन में भी कच्ची बस्तियों में रहने वाले बच्चों को शिक्षा से जोड़े रखने के लिए माधव सेवा समिति की महत्वपूर्ण भूमिका

जोधपुर की कच्ची बस्तियों में रहने वाले बच्चों को पढ़ाई से जोड़े रखने के लिए कोरोना काल में माधव सेवा समिति ने कई कदम उठाए. इस दौरान समिति के शिक्षक और कार्यकर्ता कच्ची बस्ती में रहने वाले बच्चों को लगातार घर जाकर पढ़ाते रहे और होमवर्क भी देते रहे.

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माधव सेवा समिति
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Published : Jun 15, 2020, 3:02 PM IST

जोधपुर. कोरोना संकट के चलते करीब तीन माह से स्कूल बंद होने के कारण बच्चों का शिक्षण कार्य पूरी तरह से रूक सा गया है. शहरों के बडे स्कूल ऑनलाइन पढ़ाई करवा रहे हैं. लेकिन शहर में दूर दराज की कच्ची बस्तियों में रहने वाले बच्चों के लिए यह दूर की कौड़ी है. ऐसे बच्चों को इस काल में भी पढ़ाई से जोड़े रखने में श्री माधव सेवा समिति महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है.

बच्चों को शिक्षा से जोड़े रखने का काम जारी

जानकारी के अनुसार समिति के शिक्षक बच्चों के घर जाकर उन्हें प्रतिदिन होमवर्क देते है और जांच भी कर रहे है. जिससे की वे पढ़ाई से जुड़े रहें. समिति के संजय शर्मा बताते हैं कि कोराना से पहले समिति के शिक्षक कच्ची बस्तियों में शिक्षण कार्य से जुड़े थे. इसके करीब 32 केंद्र चल रहे थे. इनमें दो सरकारी स्कूलों में भी समिति के शिक्षक सेवाएं देते थे. कोरोना के चलते सभी केंद्र बंद कर दिए गए.

पढ़ें: होटल जेडब्ल्यू में CM गहलोत ने खेला फुटबॉल, विधायक भी योगा करते आए नजर

जिसके बाद समिति के शिक्षकों के साथ कार्यकर्ताओं ने सूरसागर और सांगरिया क्षेत्र की कच्ची बस्तियों में जाकर जरूरतमंदों को भोजन वितरण किया. इसके बाद रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए काढ़ा वितरण शुरू किया. जो अभी तक जारी है. इसके साथ ही यह तय किया गया कि बच्चों को पढ़ाई से जोड़े रखना है. इसलिए बस्तियों में जाने वाले शिक्षकों ने बच्चों को होमवर्क देने के साथ-साथ प्रतिदिन उसकी जांच शुरू की. जिससे बच्चों का शिक्षण बाधित नहीं हो. इसके साथ ही समिति के कार्यकर्ता बस्तियों में लोगों को कोरोना से बचने के लिए सोशल डिस्टेसिंग, मास्क की उपयोगिता सहित अन्य सावधानियों से प्रतिदिन अवगत करवा रहे हैं.

जोधपुर. कोरोना संकट के चलते करीब तीन माह से स्कूल बंद होने के कारण बच्चों का शिक्षण कार्य पूरी तरह से रूक सा गया है. शहरों के बडे स्कूल ऑनलाइन पढ़ाई करवा रहे हैं. लेकिन शहर में दूर दराज की कच्ची बस्तियों में रहने वाले बच्चों के लिए यह दूर की कौड़ी है. ऐसे बच्चों को इस काल में भी पढ़ाई से जोड़े रखने में श्री माधव सेवा समिति महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है.

बच्चों को शिक्षा से जोड़े रखने का काम जारी

जानकारी के अनुसार समिति के शिक्षक बच्चों के घर जाकर उन्हें प्रतिदिन होमवर्क देते है और जांच भी कर रहे है. जिससे की वे पढ़ाई से जुड़े रहें. समिति के संजय शर्मा बताते हैं कि कोराना से पहले समिति के शिक्षक कच्ची बस्तियों में शिक्षण कार्य से जुड़े थे. इसके करीब 32 केंद्र चल रहे थे. इनमें दो सरकारी स्कूलों में भी समिति के शिक्षक सेवाएं देते थे. कोरोना के चलते सभी केंद्र बंद कर दिए गए.

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जिसके बाद समिति के शिक्षकों के साथ कार्यकर्ताओं ने सूरसागर और सांगरिया क्षेत्र की कच्ची बस्तियों में जाकर जरूरतमंदों को भोजन वितरण किया. इसके बाद रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए काढ़ा वितरण शुरू किया. जो अभी तक जारी है. इसके साथ ही यह तय किया गया कि बच्चों को पढ़ाई से जोड़े रखना है. इसलिए बस्तियों में जाने वाले शिक्षकों ने बच्चों को होमवर्क देने के साथ-साथ प्रतिदिन उसकी जांच शुरू की. जिससे बच्चों का शिक्षण बाधित नहीं हो. इसके साथ ही समिति के कार्यकर्ता बस्तियों में लोगों को कोरोना से बचने के लिए सोशल डिस्टेसिंग, मास्क की उपयोगिता सहित अन्य सावधानियों से प्रतिदिन अवगत करवा रहे हैं.

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