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अनलॉक के बाद शुरू हुआ लोकानुरंजन मेला, अलग-अलग राज्यों के कलाकार देंगे प्रस्तुतिया

जोधपुर में राजस्थान संगीत नाटक अकादमी की ओर से देश के विभिन्न राज्यों से लोक कलाकारों की लोक कला पर आधारित महाकुंभ ‘लोकानुरंजन मेला’ आयोजित हुआ. यह मेला 18 से 20 फरवरी तक चलेगा.

जोधपुर में शुरू हुआ लोकानुरंजन मेला, Lokanuranjan fair started in Jodhpur
जोधपुर में शुरू हुआ लोकानुरंजन मेला
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Published : Feb 19, 2021, 10:36 PM IST

जोधपुर. लॉक डाउन के साथ ही जोधपुर सहित प्रदेश में सभी प्रकार के आयोजनों पर रोक लगी हुई थी, लेकिन अनलॉक के साथ ही पाबंदिया कम हुई और कोविड गाइडलाइन के साथ ही आयोजन भी शुरू होने लग गए. इसी कड़ी में जोधपुर में पिछले 20 साल से चल रहे राजस्थान संगीत नाटक अकादमी की ओर से देश के विभिन्न राज्यों से लोक कलाकारों की लोक कला पर आधारित महाकुंभ ‘लोकानुरंजन मेला’ 18 से 20 फरवरी तक चलेगा.

जोधपुर में शुरू हुआ लोकानुरंजन मेला

जहां जोधपुर के जयनारायण व्यास टाउन हॉल परिसर में कार्यक्रम की शुरुवात की गई. मेले के अध्यक्ष रमेश बोराणा ने बताया कि कोविड की पालना के साथ यह मेला प्रतिदिन दो भागों में प्रस्तुत किया जाएगा. प्रथम दिन 18 फरवरी को टाउन हॉल परिसर में शाम 6.30 से 7 बजे तक राजस्थान के विभिन्न जिलों से लोक कलाकार ने अपनी लोक कलाओं से मेले में आने वाले लोगो का मनोरंजन किया.

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इस सत्र में जानकीलाल चाचौड़ा चकरी नृत्य, गोपाल बम्ब नृत्य, धानुक शाहबाद सहरिया नृत्य, शशिबाला लक्ष्मणगढ़ बम्ब नृत्य, राधेश्याम बालोतरा युवा गैर, पाबूसर के गोपालराय डफ नृत्य, बांदीकुई के अकरम का बहरूपिया, जोधपुर के एहसान का सामूहिक शहनाई के साथ ही जोधपुर के गोविन्द मिरासी तीन ढोल बांकिया, उस्मान खान का जादूगर करतब और भारतीय लोककला मंडल कठपुतली नृत्य की प्रस्तुती की जाएगी.

मेले के प्रथम दिन 18 फरवरी को 15 मिनट के विश्राम के बाद इसी परिसर में कोविड पालना के साथ ही देश के विभिन्न प्रांतों के लोक कलाकार अपनी प्रस्तुति से लोकानुरंजन करेंगे. इसके अंतर्गत जम्मु कश्मीर के इरफान खान साथी रूफ नृत्य, उतराखंड के जोगिन्दरसिंह हब्बी साथी सिरमोरी नृत्य, महाराष्ट्र साथी फाग, पंजाब के अरमिन्दर सिंह गिद्धा, रोहतक प्रस्तुत किए गए.

उन्होंने बताया कि दूसरे दिन 19 फरवरी को टाउन हॅाल परिसर में जानकीलाल चाचौडा द्वारा चकरी नृत्य, श्रीमती शशिबाला लक्ष्मणगढ की बम्ब नृत्य, अकरम बांदी कुई के बहुरूपिया, ऐहसान जोधपुर के सामूहिक शहनाई, श्रीमती गंगादेवी पादरला द्वारा तेरहताल नृत्य, श्रीमती विजय लक्ष्मी, महेश आमेटा उदयपुर के चरी नृत्य, जितेन्द्र पाराशर डीग द्वारा मयूर नृत्य और भारतीय लोक कला मण्डल उदयपुर की ओर से कठपुतली प्रस्तुत किए जाएंगे.

इसी दिन परिसर में सायं 7.15 बजे इरफान खान और साथी जम्मू कश्मीर की ओर से रूफ नृत्य, प्रकाश विशिष्ट और साथी उतराखण्ड की ओर से छपेली नृत्य, जोगिन्दरसिंह हब्बी और साथी हिमाचल प्रदेश की ओर से सिरमोरी नाटी नृत्य, श्रीमती श्रद्धा संविदकर और साथी महाराष्ट्र की ओर से कोली नृत्य, अशोक गुडा हरियाणा की ओर से घूमर नृत्य, अमरमिन्दर सिंह और साथी पंजाब की ओर से भगडा नृत्य कार्यक्रम होंगे.

समारोह में 20 फरवरी को सायं 6.30 बजे टाउन हॅाल परिसर में गोरधन राम बालोतरा का सफेदी आंगी गैर, अचलाराम द्वारा डांडिया, ऐहसान जोधपुर की ओर से सामुहिक शहनाई, श्यामाराम द्वारा तीन ढोल थाली बांकिया, दिलावर जोधपुर की ओर से कच्ची घोड़ी, उस्मान खान की ओर से जादूगर और सायं 7.15 बजे श्रीमती गंगा देवी पादरला का तेरहताल नृत्य, विजय लक्ष्मी, महेश आमेटा का घूमर नृत्य, जितेन्द्र पाराशर डीग का फूलों की होली नृत्य, सीमा जोधपुर का भवाई व कालबेलिया नृत्य कार्यक्रम होंगे.

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देखा जाए तो आमजन के लिए कोरोना बीमारी और लम्बे अंतराल ने बाद शुरू हुए इस मेले से कही ना कही जोधपुर की जनता का मनोरंजन तो होगा ही उसी के साथ कलाकारो के लिए भी एक बार फिर से रोजगार के अवसर खुल जाएंगे. मेला संयोजक ने बताया की यह मेला आमजनता के लिए निशुल्क रखा गया है, तो वहीं कलाकारों के मानदेय और बाकि सारे बंदोबस्त अकादमी द्वारा ही किये जाएंगे.

जोधपुर. लॉक डाउन के साथ ही जोधपुर सहित प्रदेश में सभी प्रकार के आयोजनों पर रोक लगी हुई थी, लेकिन अनलॉक के साथ ही पाबंदिया कम हुई और कोविड गाइडलाइन के साथ ही आयोजन भी शुरू होने लग गए. इसी कड़ी में जोधपुर में पिछले 20 साल से चल रहे राजस्थान संगीत नाटक अकादमी की ओर से देश के विभिन्न राज्यों से लोक कलाकारों की लोक कला पर आधारित महाकुंभ ‘लोकानुरंजन मेला’ 18 से 20 फरवरी तक चलेगा.

जोधपुर में शुरू हुआ लोकानुरंजन मेला

जहां जोधपुर के जयनारायण व्यास टाउन हॉल परिसर में कार्यक्रम की शुरुवात की गई. मेले के अध्यक्ष रमेश बोराणा ने बताया कि कोविड की पालना के साथ यह मेला प्रतिदिन दो भागों में प्रस्तुत किया जाएगा. प्रथम दिन 18 फरवरी को टाउन हॉल परिसर में शाम 6.30 से 7 बजे तक राजस्थान के विभिन्न जिलों से लोक कलाकार ने अपनी लोक कलाओं से मेले में आने वाले लोगो का मनोरंजन किया.

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इस सत्र में जानकीलाल चाचौड़ा चकरी नृत्य, गोपाल बम्ब नृत्य, धानुक शाहबाद सहरिया नृत्य, शशिबाला लक्ष्मणगढ़ बम्ब नृत्य, राधेश्याम बालोतरा युवा गैर, पाबूसर के गोपालराय डफ नृत्य, बांदीकुई के अकरम का बहरूपिया, जोधपुर के एहसान का सामूहिक शहनाई के साथ ही जोधपुर के गोविन्द मिरासी तीन ढोल बांकिया, उस्मान खान का जादूगर करतब और भारतीय लोककला मंडल कठपुतली नृत्य की प्रस्तुती की जाएगी.

मेले के प्रथम दिन 18 फरवरी को 15 मिनट के विश्राम के बाद इसी परिसर में कोविड पालना के साथ ही देश के विभिन्न प्रांतों के लोक कलाकार अपनी प्रस्तुति से लोकानुरंजन करेंगे. इसके अंतर्गत जम्मु कश्मीर के इरफान खान साथी रूफ नृत्य, उतराखंड के जोगिन्दरसिंह हब्बी साथी सिरमोरी नृत्य, महाराष्ट्र साथी फाग, पंजाब के अरमिन्दर सिंह गिद्धा, रोहतक प्रस्तुत किए गए.

उन्होंने बताया कि दूसरे दिन 19 फरवरी को टाउन हॅाल परिसर में जानकीलाल चाचौडा द्वारा चकरी नृत्य, श्रीमती शशिबाला लक्ष्मणगढ की बम्ब नृत्य, अकरम बांदी कुई के बहुरूपिया, ऐहसान जोधपुर के सामूहिक शहनाई, श्रीमती गंगादेवी पादरला द्वारा तेरहताल नृत्य, श्रीमती विजय लक्ष्मी, महेश आमेटा उदयपुर के चरी नृत्य, जितेन्द्र पाराशर डीग द्वारा मयूर नृत्य और भारतीय लोक कला मण्डल उदयपुर की ओर से कठपुतली प्रस्तुत किए जाएंगे.

इसी दिन परिसर में सायं 7.15 बजे इरफान खान और साथी जम्मू कश्मीर की ओर से रूफ नृत्य, प्रकाश विशिष्ट और साथी उतराखण्ड की ओर से छपेली नृत्य, जोगिन्दरसिंह हब्बी और साथी हिमाचल प्रदेश की ओर से सिरमोरी नाटी नृत्य, श्रीमती श्रद्धा संविदकर और साथी महाराष्ट्र की ओर से कोली नृत्य, अशोक गुडा हरियाणा की ओर से घूमर नृत्य, अमरमिन्दर सिंह और साथी पंजाब की ओर से भगडा नृत्य कार्यक्रम होंगे.

समारोह में 20 फरवरी को सायं 6.30 बजे टाउन हॅाल परिसर में गोरधन राम बालोतरा का सफेदी आंगी गैर, अचलाराम द्वारा डांडिया, ऐहसान जोधपुर की ओर से सामुहिक शहनाई, श्यामाराम द्वारा तीन ढोल थाली बांकिया, दिलावर जोधपुर की ओर से कच्ची घोड़ी, उस्मान खान की ओर से जादूगर और सायं 7.15 बजे श्रीमती गंगा देवी पादरला का तेरहताल नृत्य, विजय लक्ष्मी, महेश आमेटा का घूमर नृत्य, जितेन्द्र पाराशर डीग का फूलों की होली नृत्य, सीमा जोधपुर का भवाई व कालबेलिया नृत्य कार्यक्रम होंगे.

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देखा जाए तो आमजन के लिए कोरोना बीमारी और लम्बे अंतराल ने बाद शुरू हुए इस मेले से कही ना कही जोधपुर की जनता का मनोरंजन तो होगा ही उसी के साथ कलाकारो के लिए भी एक बार फिर से रोजगार के अवसर खुल जाएंगे. मेला संयोजक ने बताया की यह मेला आमजनता के लिए निशुल्क रखा गया है, तो वहीं कलाकारों के मानदेय और बाकि सारे बंदोबस्त अकादमी द्वारा ही किये जाएंगे.

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