जोधपुर. मादक पदार्थ की तस्करी के मामले के आरोपी की जमानत पर बहस के दौरान शुक्रवार को राजस्थान उच्च न्यायालय में मामला ही गरम हो गया. वीसी के जरिये हो रही सुनवाई के दौरान वकील जज से उलझ गए.
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि अधिवक्ता ने कोर्ट की मर्यादा के खिलाफ असभ्य भाषा का उपयोग किया है. जिसे सुनकर वहां मौजूद अधिवक्ता और स्टॉफ भी हतप्रभ रह गये. न्यायाधीश देवेंद्र कच्छवाहा ने इसे गंभीरता से लेते हुए कहा कि यह मामला अवमानना का है. लेकिन उदार रहते हुए उन्होने बार कौंसिल ऑफ राजस्थान को कारवाई के लिए तुरंत कार्रवाई करने के लिए लिखा है.
कोर्ट ने इस मामले में आवश्यक कार्रवाई के लिए चीफ जस्टिस का ध्यान भी आकर्षित किया है. सांगरिया उपकारागृह में बंद रामधन की ओर से अधिवक्ता रामावतार सिंह चौधरी ने जमानत याचिका दायर कर कोर्ट से जमानत देने का आग्रह किया था. कोर्ट में जब यह जानकारी सामने आई कि आरोपी के खिलाफ ऐसे ही दो मामले और भी विचाराधीन हैं. जिस मामले में जमानत याचिका पेश की गई है उसका अनुसंधान जारी है और चार्जशीट पेश नहीं हुई है.
कोर्ट ने अधिवक्ता को स्थगन लेने या याचिका वापस लेने का विकल्प दिया. इस दौरान अधिवक्ता चौधरी तैश में आ गए और अभद्र व्यवहार करने लगे. उन्होंने अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया. कोर्ट ने आदेश में लिखा है कि अधिवक्ता ने जैसी गंदी भाषा बोली है, सामान्यतया वैसी भाषा बेहद हल्के लोग बोलते हैं.
अधिवक्ता का ऐसा व्यवहार देख कोर्ट में मौजूद सरकारी अधिवक्ता और महिला कोर्ट मास्टर भी भौचक्के रह गए. हाईकोर्ट ने कहा कि यदि अधिवक्ता के खिलाफ एक्शन नहीं लिया गया तो पूरे न्यायिक सिस्टम से आम जन का विश्वास कम हो जायेगा और दूसरे लोग भी ऐसे व्यवहार के लिए प्रेरित हो सकते हैं.