कोलकाता: इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष और प्रवक्ता राधारमण दास ने बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ जारी टारगेट हिंसा पर बढ़ती चिंताओं के बीच वहां के भिक्षुओं और अनुयायियों से अपनी सुरक्षा के लिए उपाय अपनाने का आग्रह किया है. दास ने मंगलवार को इस्कॉन अनुयायियों को सार्वजनिक रूप से भगवा वस्त्र और तिलक पहनने से बचने की सलाह दी. साथ ही सुझाव दिया कि वे अपने धर्म का सावधानी से पालन करें.
यह चेतावनी बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हमलों में वृद्धि और शेख हसीना की सरकार को सत्ता से बेदखल करने वाले राजनीतिक परिवर्तन के बाद हाल ही में तीन इस्कॉन पुजारियों की गिरफ्तारी के बाद आई है.
सार्वजनिक रूप से छिपाएं अपनी पहचान
दास ने पीटीआई को दिए इंटरव्यू में कहा कि बांग्लादेश में स्थिति चिंताजनक है, जो साधु और भक्त हमें फोन कर रहे हैं. हमने उनसे कहा है कि वे इस्कॉन अनुयायी या साधु के रूप में अपनी पहचान सार्वजनिक रूप से छिपाएं. हमने उनसे कहा है कि वे अपने घरों या मंदिरों के अंदर ही अपने धर्म का पालन करें. हमने उन्हें सलाह दी है कि वे ऐसे कपड़े पहनें जिससे उन पर किसी का ध्यान न जाए.
उन्होंने स्पष्ट किया कि यह सलाह अस्थायी है और इस अस्थिर अवधि के दौरान केवल भक्तों की सुरक्षा के लिए है. यह कोई सलाह या सामान्य दिशा-निर्देश नहीं है, बल्कि भिक्षुओं और भक्तों के लिए मेरा व्यक्तिगत सुझाव है, जो पिछले कुछ दिनों से हमें लगातार फोन कर रहे हैं.
दास ने कहा, "मंदिर में तोड़फोड़ और हिंदू परिवारों को धमकियों की खबरों ने चिंताओं को और बढ़ा दिया है. हमारे कई भक्त और उनके परिवार धमकियों और धमकी का सामना कर रहे हैं."
चिन्मय कृष्ण की गिरफ्तारी
बता दें कि बांग्लादेश सम्मिलिता सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण को सोमवार को ढाका के हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक रैली के लिए चटगांव जाते समय गिरफ़्तार किया गया था. बाद में उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया गया और मंगलवार को जेल भेज दिया गया.
उल्लेखनीय है कि चिन्मय कृष्ण का प्रतिनिधित्व करने के लिए कोई वकील तैयार नहीं है. भिक्षु चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी को एक महीने जेल में बिताना होगा, जबकि उनके पिछले वकील पर भी हमला हुआ था, जिसके बाद वह अस्पताल के आईसीयू में जीवन के लिए संघर्ष कर रहे हैं.
वहीं, इस्कॉन इंडिया ने सोमवार को बताया कि चिन्मय कृष्ण दास का प्रतिनिधित्व कर रहे अधिवक्ता रामेन रॉय पर कट्टकपंथियों ने क्रूरतापूर्वक हमला किया और उनके घर में तोड़फोड़ की. रॉय पर हमले और वकीलों को धमकियों के बाद दास मंगलवार को चटगांव की अदालत में कानूनी रूप से प्रतिनिधित्व नहीं कर पाए. मामले की अगली सुनवाई की 2 जनवरी को होगी.
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