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पशु परिचर भर्ती परीक्षा: 7 लाख से ज्यादा अभ्यर्थी रहे अनुपस्थित

प्रदेश में आयोजित हुई पशु परिचर भर्ती परीक्षा में 7 लाख से ज्यादा अनुपस्थित रहे. 17 लाख से ज्यादा अभ्यर्थियों ने पंजीकरण करवाया था.

RSMSSB Animal Attendant exam 2023
पशु परिचर भर्ती परीक्षा 2023 (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 16 hours ago

जयपुर: प्रदेश में एक ऐसी परीक्षा हुई जिसमें 7 लाख से ज्यादा कैंडिडेट एब्सेंट रहे. राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से 1 से 3 दिसंबर के बीच 6 पारियों में पशु परिचर भर्ती परीक्षा का आयोजन किया गया. जिसमें 17 लाख 63 हजार 897 अभ्यर्थी पंजीकृत हुए थे. इनमें से 10 लाख 52 हजार 566 अभ्यर्थियों ने ही परीक्षा में भाग लिया. यानी कि इस परीक्षा में महज 59.67 फीसदी उपस्थिति रही. जिसे बोर्ड के अध्यक्ष मेजर जनरल आलोक राज ने गंभीर बताते हुए युवाओं को इस पर सोचने और मनन करने की बात कही.

प्रदेश में 5934 पदों पर पशु परिचर भर्ती परीक्षा का आयोजन किया गया. तीन दिन छह पारियों में हुई इस भर्ती परीक्षा को लेकर प्रदेश के 33 जिलों में 942 परीक्षा केंद्र बनाए गए. परीक्षा में किसी तरह की धांधली न हो, इसलिए परीक्षा केंद्रों पर त्रिस्तरीय जांच के बाद अभ्यर्थियों को परीक्षा कक्ष में बैठने की अनुमति दी गई. ड्रेस कोड की भी सख्ती से पालना करवाई गई. बोर्ड इन परीक्षाओं का सफल आयोजन कराने में तो जीत गया, लेकिन अभ्यर्थियों से हार गया. यही वजह है कि कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष मेजर जनरल आलोक राज को खुद एक्स पर इस परीक्षा में अभ्यार्थियों की अनुपस्थिति को लेकर सवाल उठाना पड़ा.

पढ़ें: पशु परिचर भर्ती में ड्रेस कोड को लेकर दिखी सख्ती, पहली पारी में 64.90 और दूसरी पारी में 64.55 फीसदी रही उपस्थिति

60 फीसदी ही रही उपस्थिति: आलोक राज ने लिखा कि एक परीक्षा में 7 लाख कैंडीडेट्स एब्सेंट रहे, बहुत ही दुखद है. ये आरोप-प्रत्यारोप का विषय नहीं बल्कि सोचने और मनन करने का विषय है. बोर्ड ने पहले रीट में 25 जिलों में परीक्षा कराई थी और ज्यादातर परीक्षाएं सात जिलों में ही होती रही हैं. पशु परिचर परीक्षा 33 जिलों में कराई, फिर भी उपस्थित 60 फीसदी ही रही. उन्होंने कहा कि बोर्ड सुझावों पर काम कर रहा है और उसमें इंप्रूवमेंट भी किया जाएगा. लेकिन इस परीक्षा में जितने अभ्यर्थी आए यदि उतने ही परीक्षा फॉर्म भरे होते तो बेहतर हो सकता था. क्योंकि कम संख्या होने से बोर्ड और ज्यादा कैंडिडेट्स को उनके गृह जिलों में एडजस्ट कर पाता. कम केंद्र यानी कम स्कूलों को परीक्षा के लिए बंद करना यानी स्कूली छात्रों की पढ़ाई में कम हर्जाना होता. कम टीचर्स की आवश्यकता पड़ती, संसाधनों और लागत की बचत होती है.

पढ़ें: पशु परिचर परीक्षा 2023: बाड़मेर परीक्षा केंद्र में प्रवेश के लिए महिलाओं को तोड़नी पड़ी चूड़ियां, उतारी बिछिया

बोर्ड अध्यक्ष को उठाना पड़ा सवाल: उन्होंने कहा कि जितना छोटा एग्जाम, उतना अच्छा कंट्रोल, जितना बड़ा एग्जाम, उतनी बड़ी पेपर लीक, नकल की समस्या. जब केंद्र ज्यादा लेने पड़े तो कई प्राइवेट स्कूलों में भी सेंटर लेने पड़ जाते हैं. कम सेंटर हो तो बेस्ट सरकारी स्कूलों में परीक्षा कराई जा सकती है, जो सेफ होती है. छह पारी के बजाए कम पारी में एग्जाम नॉर्मलाइजेशन में हेल्प करता और स्कूलों में परीक्षा के दिन कम खराब होते. पेपर, फ्यूल और टाइम की भी बचत होती, जो आज की युग में बहुत जरूरी है. उन्होंने कहा कि पांच-सात परसेंट का किसी कारण से एब्सेंट होना समझ में आता है, लेकिन 40% का एब्सेंट होना बहुत निराशाजनक है. बोर्ड अपनी कमियों को कम करने का प्रयास करेगा. उम्मीद है कि युवा भी अपनी जिम्मेदारी समझते हुए आगामी परीक्षा में फॉर्म भरेंगे.

पढ़ें: Rajasthan: दीपावली से पहले युवा बेरोजगारों को भर्ती विज्ञप्तियों का तोहफा, इन पदों के लिए होगी परीक्षा

ये रही उपस्थिति :

शिफ्टपंजीकृतउपस्थितअनुपस्थित
1 दिसंबर मॉर्निंग 293912190747103165
1 दिसंबर इवनिंग 293912 189772 104190
2 दिसंबर मॉर्निंग 293912 179273 113702
2 दिसंबर इवनिंग293912179273114639
3 दिसंबर मॉर्निंग 293912160897133015
3 दिसंबर इवनिंग293912 151717 142620


जयपुर: प्रदेश में एक ऐसी परीक्षा हुई जिसमें 7 लाख से ज्यादा कैंडिडेट एब्सेंट रहे. राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से 1 से 3 दिसंबर के बीच 6 पारियों में पशु परिचर भर्ती परीक्षा का आयोजन किया गया. जिसमें 17 लाख 63 हजार 897 अभ्यर्थी पंजीकृत हुए थे. इनमें से 10 लाख 52 हजार 566 अभ्यर्थियों ने ही परीक्षा में भाग लिया. यानी कि इस परीक्षा में महज 59.67 फीसदी उपस्थिति रही. जिसे बोर्ड के अध्यक्ष मेजर जनरल आलोक राज ने गंभीर बताते हुए युवाओं को इस पर सोचने और मनन करने की बात कही.

प्रदेश में 5934 पदों पर पशु परिचर भर्ती परीक्षा का आयोजन किया गया. तीन दिन छह पारियों में हुई इस भर्ती परीक्षा को लेकर प्रदेश के 33 जिलों में 942 परीक्षा केंद्र बनाए गए. परीक्षा में किसी तरह की धांधली न हो, इसलिए परीक्षा केंद्रों पर त्रिस्तरीय जांच के बाद अभ्यर्थियों को परीक्षा कक्ष में बैठने की अनुमति दी गई. ड्रेस कोड की भी सख्ती से पालना करवाई गई. बोर्ड इन परीक्षाओं का सफल आयोजन कराने में तो जीत गया, लेकिन अभ्यर्थियों से हार गया. यही वजह है कि कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष मेजर जनरल आलोक राज को खुद एक्स पर इस परीक्षा में अभ्यार्थियों की अनुपस्थिति को लेकर सवाल उठाना पड़ा.

पढ़ें: पशु परिचर भर्ती में ड्रेस कोड को लेकर दिखी सख्ती, पहली पारी में 64.90 और दूसरी पारी में 64.55 फीसदी रही उपस्थिति

60 फीसदी ही रही उपस्थिति: आलोक राज ने लिखा कि एक परीक्षा में 7 लाख कैंडीडेट्स एब्सेंट रहे, बहुत ही दुखद है. ये आरोप-प्रत्यारोप का विषय नहीं बल्कि सोचने और मनन करने का विषय है. बोर्ड ने पहले रीट में 25 जिलों में परीक्षा कराई थी और ज्यादातर परीक्षाएं सात जिलों में ही होती रही हैं. पशु परिचर परीक्षा 33 जिलों में कराई, फिर भी उपस्थित 60 फीसदी ही रही. उन्होंने कहा कि बोर्ड सुझावों पर काम कर रहा है और उसमें इंप्रूवमेंट भी किया जाएगा. लेकिन इस परीक्षा में जितने अभ्यर्थी आए यदि उतने ही परीक्षा फॉर्म भरे होते तो बेहतर हो सकता था. क्योंकि कम संख्या होने से बोर्ड और ज्यादा कैंडिडेट्स को उनके गृह जिलों में एडजस्ट कर पाता. कम केंद्र यानी कम स्कूलों को परीक्षा के लिए बंद करना यानी स्कूली छात्रों की पढ़ाई में कम हर्जाना होता. कम टीचर्स की आवश्यकता पड़ती, संसाधनों और लागत की बचत होती है.

पढ़ें: पशु परिचर परीक्षा 2023: बाड़मेर परीक्षा केंद्र में प्रवेश के लिए महिलाओं को तोड़नी पड़ी चूड़ियां, उतारी बिछिया

बोर्ड अध्यक्ष को उठाना पड़ा सवाल: उन्होंने कहा कि जितना छोटा एग्जाम, उतना अच्छा कंट्रोल, जितना बड़ा एग्जाम, उतनी बड़ी पेपर लीक, नकल की समस्या. जब केंद्र ज्यादा लेने पड़े तो कई प्राइवेट स्कूलों में भी सेंटर लेने पड़ जाते हैं. कम सेंटर हो तो बेस्ट सरकारी स्कूलों में परीक्षा कराई जा सकती है, जो सेफ होती है. छह पारी के बजाए कम पारी में एग्जाम नॉर्मलाइजेशन में हेल्प करता और स्कूलों में परीक्षा के दिन कम खराब होते. पेपर, फ्यूल और टाइम की भी बचत होती, जो आज की युग में बहुत जरूरी है. उन्होंने कहा कि पांच-सात परसेंट का किसी कारण से एब्सेंट होना समझ में आता है, लेकिन 40% का एब्सेंट होना बहुत निराशाजनक है. बोर्ड अपनी कमियों को कम करने का प्रयास करेगा. उम्मीद है कि युवा भी अपनी जिम्मेदारी समझते हुए आगामी परीक्षा में फॉर्म भरेंगे.

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ये रही उपस्थिति :

शिफ्टपंजीकृतउपस्थितअनुपस्थित
1 दिसंबर मॉर्निंग 293912190747103165
1 दिसंबर इवनिंग 293912 189772 104190
2 दिसंबर मॉर्निंग 293912 179273 113702
2 दिसंबर इवनिंग293912179273114639
3 दिसंबर मॉर्निंग 293912160897133015
3 दिसंबर इवनिंग293912 151717 142620


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