जोधपुर. बिलाड़ा कस्बे में एक ज्वेलर्स के साथ हुई लूट का पुलिस ने खुलासा कर दिया है. पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर (16 kg silver jewelery was robbed from the trader) लूटी गई 16 किलो चांदी के आभूषण भी बरामद कर लिए हैं. खास बात यह रही कि घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी कहीं भागे नहीं, बल्कि वहीं अंजान बनकर रहते रहे.
जिला पुलिस अधीक्षक जोधपुर ग्रामीण अनिल कयाल ने बताया कि घटना का खुलासा करने के लिए डिस्ट्रिक्ट स्पेशल टीम के प्रभारी सबइंस्पेक्टर दीपसिंह सहित टीम को बिलाड़ा में ही कैंप कराया गया. थाने के साथ तालमेल मिलाते हुए सीसीटीवी फूटेज व तकनीकी डेटा विश्लेषण के आधार पर पुलिस ने 500 लोगों से पूछताछ की. इसके बाद आरोपियों को दस्तयाब किया गया. पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने लूट की घटना कबूल ली है. पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर छुपा कर रखे 16 किलो चांदी के जेवरात बरामद कर लिए. गिरफ्तार आरोपियों में एक खुद सोने चांदी का काम करता है. उसने ही पूरी रैकी कर अपने साथियों को बताया, इसके बाद घटना को अंजाम दिया था.
पढ़ेंः बागरा रेलवे क्रॉसिंग पर 15 लाख की लूट का पर्दाफाश, चार आरोपी गिरफ्तार
एसपी ने बताया कि 7 मई को जेवरात का काम करने वाला कल्याणसिंह सिरवी चांदी के गहनों की पॉलिस करवाने के लिए बिलाड़ा के राठौड़ मार्केट स्थित किशोर राव की दुकान पर आया था. जहां चांदी पायल की छिलाई व डिजाइन करवाकर रात को वापस निकला. रात को लाधूराम के बेरे के पास झंझावत बिलाड़ा पहुंचा तो पीछे से एक बाइक पर आए दो व्यक्तियों ने उसके साथ मारपीट करते हुए घायल कर दिया. साथ ही पिस्टल दिखाकर करीब 16 किलोग्राम चांदी के जेवरात से भरा बैग छीनकर ले गए.
पढ़ेंः Car theft Case in Jodhpur : कार लूट की घटना का खुलासा, आरोपी गिरफ्तार...18 मामले हैं दर्ज
घटना की सूचना पर पुलिस की टीम ने सीसीटीवी फूटेज के आधार पर आरोपियों का हुलिया तलाशा. पुलिस को मोबाइल कॉल डिटेल व लोकेशन का तकनीकी डेटा तैयार करने के बाद पिचियाक निवासी तेजाराम जाट, घाणामगरा निवासी सम्पत सेंगवा व पाली जिला निवासी रवि देवासी उर्फ कीकाराम पर संदेह हुआ. इसके बाद पुलिस ने आरोपियों पर नजर बनाए रखी. आरोपियों की गतिविधियां संदिग्ध होने पर इन्हें पुलिस ने दस्तयाब कर लिया. पूछताछ में सामने आया कि रवि ने ही दोनों को व्यापारी के आने-जाने की जानकारी दी थी. जिसके बाद घटना को अंजाम दिया गया. पुलिस की कार्रवाई की आशंका चलते घटना के बाद भी आरोपी सामान्य तरीके से आते-जाते रहे. इस बात को लेकर सजग थे कि जितना मामला पुराना होगा उसके बाद आसानी से माल का बंटवारा करेंगे. लेकिन इस बीच पुलिस ने संदेह के आधार पर आरोपियों को पकड़ लिया, जिसके बाद पूरी घटना का खुलासा हो गया.