जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर मुख्यपीठ ने राज्य सरकार को आखिरी मौका देते हुए (Jodhpur Highcourt order to Rajasthan Government) जुलाई के पहले सप्ताह तक शपथ पत्र पेश करने के आदेश दिए हैं. इसके साथ ही राज्य के मोटर यान दुर्घटना और अधिकरणों में रिक्त लेखाधिकारी पदों की जानकारी देने को भी कहा है. कोर्ट ने राज्य सरकार से अधिकरणों में 1211 स्टेनोग्राफर के लंबे समय से रिक्त पदों पर नियुक्ति नहीं होने को लेकर जवाब मांगा है. वरिष्ठ न्यायाधीश विजय विश्नोई और न्यायाधीश रामेश्वर व्यास की खंडपीठ ने जिला अभिभाषक संघ बांसवाड़ा की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान आदेश जारी किया.
संघ की ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ता अनिल भंडारी ने कहा कि पिछले 6 सालों से आशुलिपिक पद पर नियुक्ति प्रक्रिया धीमी गति से चल रही है. कोर्ट की कई हिदायतों के बावजूद अभी तक पद रिक्त होने से अधिकरण के काम पर भी असर पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि जोधपुर महानगर में संविदा पर लगे हुए स्टेनोग्राफर को तीन माह से वेतन भी नहीं दिया जा रहा है. दावेदारों को जमा राशि के बावजूद जोधपुर में 8 से 10 माह तक अवार्ड राशि का भुगतान नहीं किया गया. खंडपीठ के 9 सितंबर 2020 के आदेश पर लेखाधिकारी की भर्ती कर दी गई, लेकिन अन्य जगहों पर बार बार समय लिए जाने के बावजूद सरकार स्थिति स्पष्ट नहीं कर रही है.
इस पर खंडपीठ ने मौखिक रूप से टिप्पणी करते हुए कहा कि सरकार की मोटर दुर्घटना दावा अधिकरणों के प्रति अपनी प्राथमिकता सबसे अंत में रहती है. सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता संदीप शाह ने कहा कि 1211 पदों पर स्टेनोग्राफर भर्ती में सफल आवेदकों के दस्तावेजों के सत्यापन की कार्रवाई पूर्ण होते ही, अविलंब नियुक्तियां कर दी जाएंगी. इस पर खंडपीठ ने सरकार को आखिरी मौका देते हुए कहा कि कोर्ट के गत 9 मार्च के आदेश की पालना करते हुए जुलाई के प्रथम सप्ताह से पहले शपथ पत्र पेश कर अधिकरणों में लेखाधिकारी पद और आशुलिपिक पद की भर्ती को लेकर स्थिति स्पष्ट करें.