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नारी निकेतनों में स्मार्ट टेलीविजन के जरिये शिक्षा देने के निर्देश - राजस्थान उच्च न्यायालय

राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा नारी निकेतन, बालिका गृह व बाल अवलोकन गृह को लेकर जारी निर्देशों को लेकर गुरुवार को सुनवाई हुई. वरिष्ठ न्यायाधीश संदीप मेहता व न्यायाधीश देवेन्द्र कच्छवाहा की खंडपीठ के समक्ष सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता सुनील बेनीवाल ने निर्देशों की पालना रिपोर्ट पेश की.

rajasthan hc order
राजस्थान उच्च न्यायालय के आदेश
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Published : Jan 28, 2021, 10:33 PM IST

जोधपुर. राजस्थान उच्च न्यायालय में सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से बताया गया कि नारी निकेतन, बालिका गृह व बाल अवलोकन गृह को लेकर जारी निर्देशों की पालना कर दी गई है. वहीं, ओपन एयर जिम भी स्थापित किये जा रहे हैं अगले दो महिने में राजस्थान के सभी स्थानों पर कार्य पूरा हो जायेगा. न्यायमित्र डॉ. नुपूर भाटी ने न्यायालय के समक्ष सुझाव पेश किया कि नारी निकेतनों में रहने वाली महिलाओं को व्यावसायिक कौशल प्रदान करना चाहिए, जो कि एलईडी स्क्रीन के जरिये हो सकता है.

न्यायालय ने तीनों अतिरिक्त महाधिवक्ता करण सिंह राजपुरोहित, मनीष व्यास व पंकज शर्मा को निर्देश दिये हैं कि नारी निकेतन व बाल अवलोकन गृहों में स्मार्ट टेलीविजन लगाने के साथ उन पर शिक्षा विभाग की ओर से पूर्व दर्ज पाठ्यक्रमों से उनको शिक्षा दी जा सकती है. इसके लिए जल्द से जल्द कार्य पूरा करें. उन पर आयु के अनुसार खेल भी हो, ताकि उनको वहा पर खेल भी सिखने को मिले. अतिरिक्त महाधिवक्ता फरजंद अली ने न्यायालय को बताया कि शिक्षा विभाग द्वारा स्माइल नाम से अभी एक कार्यक्रम विकसित किया गया है, जो आसानी से उन महिलाओं को प्रदर्शित कर सिखाया जा सकता है.

पढ़ें : जोधपुर: एनसीबी की कार्रवाई, 290 किलो गांजे के साथ 2 आरोपी गिरफ्तार

वहीं, स्वास्थ्य विभाग की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता मनीष व्यास ने कहा कि जो भी निर्देश दिये गये, उसकी पालना हो रही है. मेडिकल कॉलेज की ओर से समय-समय पर स्त्री रोग विशेषज्ञ, बाल रोग विशेषज्ञ और मनोचिकित्सक वहां जाकर स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है और बेहतर मेडिकल सुविधाए दी जा रही है. इस पर न्यायालय ने 15 मार्च को प्रगति रिपोर्ट पेश करने के निर्देश जारी किये हैं.

जोधपुर. राजस्थान उच्च न्यायालय में सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से बताया गया कि नारी निकेतन, बालिका गृह व बाल अवलोकन गृह को लेकर जारी निर्देशों की पालना कर दी गई है. वहीं, ओपन एयर जिम भी स्थापित किये जा रहे हैं अगले दो महिने में राजस्थान के सभी स्थानों पर कार्य पूरा हो जायेगा. न्यायमित्र डॉ. नुपूर भाटी ने न्यायालय के समक्ष सुझाव पेश किया कि नारी निकेतनों में रहने वाली महिलाओं को व्यावसायिक कौशल प्रदान करना चाहिए, जो कि एलईडी स्क्रीन के जरिये हो सकता है.

न्यायालय ने तीनों अतिरिक्त महाधिवक्ता करण सिंह राजपुरोहित, मनीष व्यास व पंकज शर्मा को निर्देश दिये हैं कि नारी निकेतन व बाल अवलोकन गृहों में स्मार्ट टेलीविजन लगाने के साथ उन पर शिक्षा विभाग की ओर से पूर्व दर्ज पाठ्यक्रमों से उनको शिक्षा दी जा सकती है. इसके लिए जल्द से जल्द कार्य पूरा करें. उन पर आयु के अनुसार खेल भी हो, ताकि उनको वहा पर खेल भी सिखने को मिले. अतिरिक्त महाधिवक्ता फरजंद अली ने न्यायालय को बताया कि शिक्षा विभाग द्वारा स्माइल नाम से अभी एक कार्यक्रम विकसित किया गया है, जो आसानी से उन महिलाओं को प्रदर्शित कर सिखाया जा सकता है.

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वहीं, स्वास्थ्य विभाग की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता मनीष व्यास ने कहा कि जो भी निर्देश दिये गये, उसकी पालना हो रही है. मेडिकल कॉलेज की ओर से समय-समय पर स्त्री रोग विशेषज्ञ, बाल रोग विशेषज्ञ और मनोचिकित्सक वहां जाकर स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है और बेहतर मेडिकल सुविधाए दी जा रही है. इस पर न्यायालय ने 15 मार्च को प्रगति रिपोर्ट पेश करने के निर्देश जारी किये हैं.

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