जोधपुर. मारवाड़ के युवाओं के स्टार्टअप के सपने पूरे करने के उद्देश्य से शुरू होने जा रहे इन्क्यूबेशन सेंटर iStart Nest को लेकर युवाओं की उम्मीदें परवान पर हैं. अभी इस सेंटर का विधिवत शुभारंभ होना बाकी है, लेकिन इससे पहले ही (Government Incubation Center in Jodhpur) यहां काम शुरू हो गया है. अलग-अलग स्टार्ट अप की 45 सीटें बुक हो चुकी हैं. कुछ ने काम शुरू भी कर दिया है. जयपुर के बाद दूसरे इन्क्यूबेशन सेंटर पर करीब 13 करोड़ रुपये की राशि खर्च कर इसे कॉर्पोरेट लुक दिया गया है.
यहां स्टार्ट अप से जुड़े 125 युवाओं के बैठने की जगह विकसित की गई है, जिसे को-वर्किंग प्लेस कहा जाता है. पहले चरण में 75 सीटें आवंटित होंगीं. इसके बाद 50 सीटें सेंटर के प्रथम तल पर दी जाएंगीं. सेंटर प्रभारी व राजस्थान सरकार के डीओईटी विभाग के उप निदेशक जेपी ज्याणी का कहना है कि सरकार ने स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए (Excitement Among Youth of Marwar) अच्छा कदम उठाया है. एंटरप्रेन्योर यहां से सरकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त कर सकते हैं. एक साल तक यहां नि:शुल्क बैठकर अपना काम कर सकते हैं. एंटरप्रेन्योर 'आई स्टार्ट नेस्ट' की वेबसाइट पर जाकर रजिस्ट्रेशन कर यहां प्रवेश की प्रक्रिया से जुड़ सकते हैं.
यह सुविधाएं मिल रही हैं फ्री : इन्क्यूबेशन सेंटर पर को-वर्किंग स्पेस के अलावा, तेज वाईफाई, कांफ्रेंस रूम, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधा, वर्कशॉप हॉल, ट्रेनिंग रूम के अलावा टिंकलिंग लैब भी लगाई गई हैं. जिन स्टार्टअप को यहां जगह मिल रही है, उन्हें सरकारी फंडिंग भी मिल सकेगी. इसके अलावा उनसे सरकार सीधे उनकी सेवाएं या प्रोडक्ट लेगी. हैंडीक्राफ्ट इंडस्ट्रीज में सीएनसी का काफी महत्व है. इसकी डिजाइन के सॉफ्टवेयर तैयार कर रहे ध्रुव शर्मा का कहना है कि यहां उन्हें काफी सुविधाएं मिली हैं. खास तौर से एक माहौल मिलता है जिससे काम करने का जोश बना रहता है. इसके अलावा मेंटोरशिप भी मिल रही है. इसी तरह से सोशल मीडिया के सभी प्लेटफार्म पर एक साथ लाइव करने पर काम कर रहे रामजीवन का कहना है कि छोटे शहर में हम जैसे लेागों के लिए ऐसी जगह बहुत फायदेमंद है.
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एंटरप्रेन्योर में क्रेज : जोधपुर के पॉलिटेक्निक कॉलेज परिसर में बने (Jodhpur Polytechnic College Campus) इस सेंटर के मेंटोर रौनक सिंघवी का कहना है कि शुरुआत से पहले ही एंटरप्रेन्योर में क्रेज दिख रहा है. हम जल्द यहां डिजिफेस्ट करवाने वाले हैं. हमारे पास अभी फिनटेक से जुड़े स्टार्टअप के अलावा हैंडीक्राफ्ट, मिल्की प्रॉडक्ट सहित लोग रजिस्टर्ड हो चुके हैं. रौनक बताते हैं कि अपना स्टार्टअप शुरू करने के लिए शुरुआत में बहुत खर्च होता है. इस सेंटर से उनका यह खर्च बच जाता है और वे पूरा ध्यान अपने काम में लगा सकते हैं. यही सरकार का उद्देश्य है, जिससे युवा आने वाले समय में क्षेत्र में रोजगार देने में भी सक्षम होंगे. इसके लिए हमने कई इंस्टीट्यूट से एमओयू भी किए हैं, जो नए एंटरप्रेन्योर के लिए फायदेमंद होंगे.