जोधपुर. बहुचर्चित एएनएम भंवरी देवी अपहरण व हत्या के मामले में सह आरोपी परसराम विश्नोई की ओर से सर्वोच्च न्यायालय में दायर एसएलपी पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीशों ने निर्देश दिए हैं कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति निवारण अदालत जल्द से जल्द सभी आरोपियों के बयान मुलजिम पूरे करे. राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधीश दिनेश मेहता की अदालत ने 20 जुलाई 2020 को परसराम विश्नोई की ओर से पेश जमानत याचिका को खारिज कर दिया था.
परसराम की ओर से उच्च न्यायालय के समक्ष 7वीं बार जमानत याचिका पेश की गई थी. परसराम ने उच्च न्यायालय की ओर से जमानत याचिका को खारिज करने पर उस आदेश को सर्वोच्च न्यायालय में एसएलपी के जरिए चुनौती दी है. सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश संजय किशन कौल व न्यायाधीश हेमन्त गुप्ता की बैंच ने सुनवाई करते हुए निर्देश जारी करते हुए एसएलपी की अगली सुनवाई 12 अप्रेल 2021 को मुकर्रर की है.
सर्वोच्च न्यायालय में याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी, अधिवक्ता संजय विश्नोई, अधिवक्ता हेमन्त नाहटा ने पक्ष रखते हुए बताया कि साल 2011 से मामला विचाराधीन है, जिसकी ट्रायल 2014 में शुरू की गई है. मामले में अभी तक केवल अभियोजन पक्ष की ओर से अपने सभी गवाहों 197 के बयान करवाये हैं और उसके बाद बयान मुलजिम शुरू हुए, लेकिन अभी तक केवल तीन के ही पूरे हुए हैं, जबकि मामले में कुल 16 लोगों को आरोपी बनाया गया है.
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ट्रायल कोर्ट में मंथर गति से ट्रायल चल रही है, जिसका खामियाजा मुलजिमों को उठाना पड़ रहा है. करीब 10 साल पूरे होने के हैं, लेकिन अभी तक बयान मुलजिम तक पूरे नहीं हो पाए हैं. मामले में पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा, पूर्व विधायक मलखान सिंह सहित 16 आरोपी हैं. मामले में सीबीआई ने साल 2012 में चालान पेश कर दिया था. बयान मुलजिम में प्रत्येक मुलजिम से करीब एक हजार सवाल पूछे जा रहे हैं, ऐसे में समय ज्यादा लग रहा है.
सर्वोच्च न्यायालय ने सुनवाई करते हुए ट्रायल कोर्ट को निर्देश दिए हैं कि 5 अप्रैल तक सभी मुलजिम के बयान मुलजिम पूरे करें और किन किन मुलजिम की ओर से बचाव में गवाह पेश किए जाने हैं. इसको लेकर पूरी स्टेटस रिपोर्ट अगली सुनवाई पर सर्वोच्च न्यायालय में पेश की जाए. सर्वोच्च न्यायालय ने यह भी कहा कि प्रतिदिन सुनवाई करते हुए या फिर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई जल्द से जल्द पूरी करें.