जोधपुर. शहर में लावारिस लोगों के हिंदू पद्धति से अंतिम संस्कार करने वाली संस्था हिंदू सेवा मंडल के श्मशान में तीन साल में हुए अंतिम संस्कार से एकत्र 1136 लोगों की अस्थियों का विसर्जन करने के लिए संस्था के सदस्यों का एक दल रविवार को ट्रेन से हरिद्वार के लिए रवाना (1136 unclaimed ashes to immerse in Ganga) हुआ. इससे एक दिन पहले सभी दिवंगतों के नाम एक जगराता किया गया. रविवार को स्टेशन पर ट्रेन में बैठने से पहले सभी दिवंगत आत्माओं से उनके साथ चलने का आह्वान किया गया.
सेवा मंडल के सचिव विष्णु प्रजापत के अनुसार विगत तीन साल में करीब 700 लावारिश शवों का संस्कार किया गया था. इसके अलावा ऐसे परिवारों के सदस्यों की भी अस्थियां हैं जो हरिद्वार जाने में सक्षम नहीं हैं. साथ ही कोरोना में दिवंगत हुए लोगों की अस्थियां भी हैं, जो परिजन लेकर नहीं गए. इनमें दो विदेशियों की भी अस्थियां हैं, जिनके संस्कार सेवा मंडल के श्मशान में हुए थे. सभी अस्थियों को एकदाशी 26 अप्रैल को गंगा में प्रभावित किया जाएगा.
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हिंदू सेवा मंडल का यह क्रम पिछले 98 सालों से चल रहा है. इसकी स्थापना 1924 में हुई थी. सेवा मंडल के श्मशान में बनाए गए अस्थि बैंक में 500 लोगों के अस्थि कलश रखने की सुविधा थी. लेकिन कोरोना में यहां 700 से ज्यादा अंतिम संस्कार हुए. जिनकी अस्थियां लम्बे समय तक यहां परिजनों को रखनी पड़ी, जिसके चलते अस्थि बैंक की क्षमता बढ़ाकर 1000 की गई थी. सेवा मंडल पहली बार 1136 अस्थियों का एक साथ विसर्जन कर रहा है.