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नशे के बढ़ते कारोबार पर हाईकोर्ट गंभीर, समाज कल्याण विभाग ने पेश किया जवाब...केन्द्र सरकार ने प्रभावी कार्रवाई के लिए मांगा समय

राजस्थान में लगातार नशे के बढ़ते कारोबार को लेकर हाईकोर्ट गंभीर है. हाईकोर्ट ने स्वप्रेरणा से दायर याचिका पर सुनवाई की. इस संबंध में समाज कल्याण विभाग की ओर से जवाब भी पेश किया गया जबकि केंद्र की ओर से प्रभावी कार्रवाई के लिए अतिरिक्त समय मांगा गया है.

राजस्थान उच्च न्यायालय, नशे का कारोबार , Rajasthan High Court , drug trade
नशे के बढ़ते कारोबार पर हाईकोर्ट गंभीर
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Published : Sep 28, 2021, 9:33 PM IST

जोधपुर. राजस्थान उच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश संदीप मेहता और न्यायाधीश विजय विश्नोई की खंडपीठ में प्रदेश के जोधपुर के आसपास फलफूल रहे नशे के कारोबार के मामले में स्व प्रेरणा से प्रसंज्ञान लेकर दायर की गई जनहित याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई. राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता अनिल गौड़ ने अतिरिक्त शपथ पत्र पेश करते हुए समाज कल्याण विभाग की ओर से नशा मुक्ति शिविरों का आयोजन कर युवाओं को इसके दुष्प्रभाव से बचाने के लिए उठाए जा रहे कदमों की जानकारी दी.

वहीं केन्द्र सरकार व केन्द्रीय विभागों की ओर से एएसजी मुकेश राजपुरोहित और एएजी फरजंद अली ने प्रभावी कार्रवाई के लिए कुछ समय देने का अनुरोध किया. उन्होंने कहा कि बेहतर तरीके से किस प्रकार उस ओर कदम उठाये जा सकते हैं उसके लिए विभागों से बातचीत की जा रही है. इसके साथ ही एनडीपीएस एक्ट के तहत किस तरह प्रभावी कार्रवाई को अंजाम दिया जा सके.

पढ़ें. राजस्थान महिला आयोग में चेयरमैन और सदस्यों की नियुक्ति दो माह में की जाए: हाईकोर्ट

पिछली सुनवाई पर राज्य सरकार की ओर से एएजी फरजंद अली ने प्रभावी कार्रवाई के लिए एक प्रार्थना पत्र पेश करते हुए सेंट्रल ब्यूरो ऑफ नारकोटिक्स, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो,कंट्रोलर ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट तथा सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग को पक्षकार बनाने का अनुरोध किया था. न्यायालय ने इसे स्वीकार करते हुए इन सभी को पक्षकार बनाते हुये नोटिस जारी किया था.

जोधपुर. राजस्थान उच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश संदीप मेहता और न्यायाधीश विजय विश्नोई की खंडपीठ में प्रदेश के जोधपुर के आसपास फलफूल रहे नशे के कारोबार के मामले में स्व प्रेरणा से प्रसंज्ञान लेकर दायर की गई जनहित याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई. राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता अनिल गौड़ ने अतिरिक्त शपथ पत्र पेश करते हुए समाज कल्याण विभाग की ओर से नशा मुक्ति शिविरों का आयोजन कर युवाओं को इसके दुष्प्रभाव से बचाने के लिए उठाए जा रहे कदमों की जानकारी दी.

वहीं केन्द्र सरकार व केन्द्रीय विभागों की ओर से एएसजी मुकेश राजपुरोहित और एएजी फरजंद अली ने प्रभावी कार्रवाई के लिए कुछ समय देने का अनुरोध किया. उन्होंने कहा कि बेहतर तरीके से किस प्रकार उस ओर कदम उठाये जा सकते हैं उसके लिए विभागों से बातचीत की जा रही है. इसके साथ ही एनडीपीएस एक्ट के तहत किस तरह प्रभावी कार्रवाई को अंजाम दिया जा सके.

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पिछली सुनवाई पर राज्य सरकार की ओर से एएजी फरजंद अली ने प्रभावी कार्रवाई के लिए एक प्रार्थना पत्र पेश करते हुए सेंट्रल ब्यूरो ऑफ नारकोटिक्स, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो,कंट्रोलर ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट तथा सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग को पक्षकार बनाने का अनुरोध किया था. न्यायालय ने इसे स्वीकार करते हुए इन सभी को पक्षकार बनाते हुये नोटिस जारी किया था.

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