जोधपुर. राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधीश पंकज भंडारी ने विविध आपराधिक याचिका पर सुनवाई करते हुए कांग्रेस की पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा की ओर से जमीन विवाद को लेकर अपने रिश्तेदारों के खिलाफ सीएचबी थाने में दर्ज करवाई गई एफआईआर को निरस्त कर दिया है.
याचिकाकर्ता अनिल चौधरी व अन्य की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राजेश जोशी ने पक्ष रखते हुए बताया कि सम्पति का विवाद पारिवारिक था जिसकी वजह से शिकायतकर्ता ज्योति मिर्धा ने अपने ही रिश्तेदारों के खिलाफ जमीन विवाद में जोधपुर के चौपासनी हाउसिंग बोर्ड थाने में दिनांक 05 अगस्त 2021 को एक एफआईआर दर्ज करवाई थी.
अपराध धारा 420,447, 467, 468, 471 और 120-बी . के तहत दर्ज की गई थी. ज्योति मिर्धा ने अपने चाचा पूर्व सांसद भानु प्रताप मिर्धा, पूर्व मंत्री उषा पूनिया व विजय पूनिया की बेटियों सहित अन्य के खिलाफ जमीन विवाद को लेकर मुकदमा दर्ज करवाया था. जबकि सम्पति को लेकर पूर्व में ही बंटवारा हो चुका था, ऐसे में शिकायतकर्ता की ओर से झूठी एफआईआर दर्ज कराई गई थी. ऐसे में एफआईआर को निरस्त किया जाए. न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद ज्योति मिर्धा की ओर से दर्ज कराई गई एफआईआर को निरस्त करने का आदेश पारित कर दिया गया.