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हाइकोर्ट ने पाली को-ऑपरेटिव बैंक प्रबंधकों की गिरफ्तारी पर लगाई रोक, परिवादी से मांगा जवाब

राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस पी एस भाटी ने पाली सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के तीन कर्मचारियों की गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए परिवादी को नोटिस जारी कर 6 सप्ताह में जवाब मांगा है. परिवादी ने प्रबंधकों के खिलाफ पद का दुरुपयोग कर फर्जी लोन उठाने की एफआईआर दर्ज कराई थी.

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Published : Jun 19, 2019, 11:55 PM IST

हाइकोर्ट ने पाली को-ऑपरेटिव बैंक प्रबंधकों की गिरफ्तारी पर लगाई रोक

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस पी एस भाटी ने पाली सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के तीन कर्मचारियों की गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए परिवादी से जवाब तलब किया है. पाली सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक की सूरजपोल और लक्ष्मीनगर शाखा के प्रबंधक अभिषेक सिंह सांदू, अशोक गौड़ और नारायण सिंह के खिलाफ अपने पद का दुरुपयोग कर दूसरों के नाम से लोन उठाने की पुलिस में एफआईआर दर्ज हुई थी.

हाइकोर्ट ने पाली को-ऑपरेटिव बैंक प्रबंधकों की गिरफ्तारी पर लगाई रोक

एफआईआर को निरस्त करवाने के लिए दायर याचिका पर पक्ष रखते हुए एडवोकेट विक्रम सिंह ने कोर्ट को बताया कि लोन सेंक्शन की पूरी प्रक्रिया है. जिसमे कई स्तर पर वेरिफिकेशन होता है, रिपोर्ट बनती है, लोन भी किश्तों में दिया जाता है. भवन निर्माण में लगातार निर्माण प्रगति पर ही किश्त जारी होती है. ऐसे में प्रबंधक इस मामले में दोषी नहीं है. यह एफआईआर भी किश्त का चेक बाउंस होने के बाद दायर की गई. जो दर्शाता है कि इसमें बैंककर्मियों की कोई भूमिका नहीं है. इस पर जस्टिस भाटी ने तीनों बैंक कर्मियों की गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए संबंधित पक्ष को नोटिस जारी कर 6 सप्ताह में जवाब मांगा है.

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस पी एस भाटी ने पाली सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के तीन कर्मचारियों की गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए परिवादी से जवाब तलब किया है. पाली सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक की सूरजपोल और लक्ष्मीनगर शाखा के प्रबंधक अभिषेक सिंह सांदू, अशोक गौड़ और नारायण सिंह के खिलाफ अपने पद का दुरुपयोग कर दूसरों के नाम से लोन उठाने की पुलिस में एफआईआर दर्ज हुई थी.

हाइकोर्ट ने पाली को-ऑपरेटिव बैंक प्रबंधकों की गिरफ्तारी पर लगाई रोक

एफआईआर को निरस्त करवाने के लिए दायर याचिका पर पक्ष रखते हुए एडवोकेट विक्रम सिंह ने कोर्ट को बताया कि लोन सेंक्शन की पूरी प्रक्रिया है. जिसमे कई स्तर पर वेरिफिकेशन होता है, रिपोर्ट बनती है, लोन भी किश्तों में दिया जाता है. भवन निर्माण में लगातार निर्माण प्रगति पर ही किश्त जारी होती है. ऐसे में प्रबंधक इस मामले में दोषी नहीं है. यह एफआईआर भी किश्त का चेक बाउंस होने के बाद दायर की गई. जो दर्शाता है कि इसमें बैंककर्मियों की कोई भूमिका नहीं है. इस पर जस्टिस भाटी ने तीनों बैंक कर्मियों की गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए संबंधित पक्ष को नोटिस जारी कर 6 सप्ताह में जवाब मांगा है.

Intro:बैंक मैनेजर ऊपर आरोप था कि उन्होंने पद का दुरुपयोग कर फर्जी लोन उठाएं। पाली में दर्ज हुआ था मामला। कोर्ट ने लगाई गिरफ्तारी पर रोक


Body:वकील की bite ftp से भेजी जा सकती है। अन्यथा हाई कोर्ट का फोटो उपयोग कर सकते है।

जोधपुर  । राजस्थान हाई कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस पी एस भाटी ने पाली सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक के तीन कर्मचारियों की गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए परिवादी से जवाब तलब किया है। पाली सेंट्रल कोऑपरेटिव बैक की सूरजपोल और लक्ष्मीनगर शाखा के प्रबंधक अभिषेक सिंह सांदू, अशोक गौड़ और नारायण सिंह के खिलाफ अपने पद का दुरुपयोग कर दूसरों के नाम से लोन उठाने की पुलिस में एफआईआर दर्ज हुई थी, इसे निरस्त करवाने के लिए दायर याचिका पर पक्ष रखते हुए अधिवक्ता विक्रम सिंह ने कोर्ट को बताया कि लोन सेक्शन की पूरी प्रक्रिया है जिसमे कई स्तर पर वेरिफिकेशन होता है रिपोर्ट बनती है, लोन भी किश्तों में दिया जाता है भवन निर्माण में लगातार निर्माण प्रगति पर की किश्त जारी होती है। ऐसे में प्रबंधक इस मामले में दोषी नही है। यह एफआईआर भी किश्त का चेक बाउंस होने के बाद दायर की गई जो दर्शाता है कि इसमें बैंक कर्मियों की कोई भूमिका नही है। इस पर जस्टिस भाटी ने तीनों बैंक कर्मियों की गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए संबंधित पक्ष को नोटिस जारी कर 6 सप्ताह में जवाब मांगा है।  







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