जोधपुर. जोधपुर के पाल गांव के निकट डोली की बेशकीमती करीब 80 बीघा जमीन निजी खातेदारो के नाम दर्ज करने के आदेश को राजस्थान उच्च न्यायालय में चुनौती देने पर तहसीलदार के आदेश पर रोक लगा दी गई है.
वरिष्ठ न्यायाधीश संगीत लोढा व न्यायाधीश विनीत कुमार माथुर की खंडपीठ ने डोली मंदिर श्री ठाकुर जी की प्रतिनिधी सुखराम की ओर से दायर विशेष अपील पर सुनवाई करते हुए यथास्थिती बनाये रखने का आदेश पारित किया है. अधिवक्ता मोतीसिंह राजपुरोहित ने याचिका में बताया कि जोधपुर के पाल गांव के निकट मंदिर डोली की जमीन करीब 80 बीघा है जो कि बेशकीमती है.
इसलिए वर्ष 1982 में तत्कालीन पुजारी के साथ मिली भगत कर जमीन खरीद ली. जबकि डोली की जमीन का बेचान नही हो सकता है. उसके बाद खरीददारो ने जमीन अपने नाम करवाने का भरसक प्रयास भी किया लेकिन राजस्व रिकार्ड में डोली की जमीन थी. ऐसे में संभागीय आयुक्त के यहां पर अपील कर अपने पक्ष में आदेश पारित करवाते हुए तहसीलदार से 08 फरवरी 2021 को आदेश पारित करवा लिया.
उच्च न्यायालय ने प्रारम्भिक सुनवाई करते हुए तहसीलदार जोधपुर के आदेश पर रोक लगा दी है. वहीं यथास्थिती बनाये रखने के निर्देश के साथ तीसरे पक्षकार के अधिकार उत्पन्न करने पर भी रोक लगा दी है. गौरतलब है कि कुछ साल पहले इसी जमीन को लेकर ग्रामीणों ने धरना प्रदर्शन भी किया था और वहां से अतिक्रमण भी हटवाये गये थे.