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सरिस्का के अजबगढ़ रेंज में मृत मिली मादा बघेरा, बाघ से संघर्ष में मौत की आशंका

सरिस्का टाइगर रिजर्व में बाघ से संषर्ण में एक 3 साल के मादा पैंथर की मौत हो गई.

बाघ से संघर्ष में मौत की आशंका
बाघ से संघर्ष में मौत की आशंका (फाइल फोटो)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 24, 2024, 11:44 AM IST

अलवर. टाइगर रिजर्व सरिस्का की अजबगढ़ रेंज के जटवाना वन क्षेत्र में शनिवार को एक मादा पैंथर का शव मिला. पैंथर के शव पर जगह-जगह घाव के निशान मिले हैं. वहीं आसपास बाघ के पगमार्क भी मिले है. क्षेत्रीय वन अधिकारी लोकेंद्र सिंह ने बताया कि घटनास्थल के आसपास बाघ के पगमार्क मिले हैं, जिससे आशंका है कि मौत से पहले बाघ और मादा पैंथर में संघर्ष हुआ है. संघर्ष के दौरान बाघ के हमले के निशान भी मादा पैंथर के शरीर पर मिले हैं. उन्होंने बताया कि यह मादा पैंथर करीब 3 साल की थी.

क्षेत्रीय वन अधिकारी लोकेंद्र सिंह ने कहा कि घटना की सूचना मिलने के बाद वनकर्मीयो की टीम घटनास्थल पर पहुंची और घटनास्थल का मौका मुआयना किया. बाद में मादा पैंथर के शव को रेंज कार्यालय लाया गया, यहां मेडिकल बोर्ड से मादा पैंथर का पोस्टमार्टम कराया गया. इसके बाद एनटीसीए के प्रोटोकॉल के अनुसार मादा पैंथर के शव का अंतिम संस्कार किया गया. उन्होंने बताया कि बाघ से मुठभेड़ की यह घटना संभवत: शुक्रवार की है. अजबगढ़ रेंज में काफी संख्या में पैंथर हैं और यहां बाघ भी विचरण करते हैं.

पढ़ें: सरिस्का में बाघों की मॉनिटरिंग के लिए लगाए गए सर्विलांस टावर देखरेख के मोहताज, एक चौथाई ही कर रहे काम

बाघ का प्रिय भोजन माना जाता है पैंथर : वन्य जीव प्रेमी लोकेश खंडेलवाल ने बताया कि बाघ का सबसे प्रिय भोजन पैंथर को माना जाता है. इसलिए पैंथर दिखाई देने पर बाघ तेजी से उस पर झपट्टता है और शिकार करने की कोशिश करता है. बाघ और पैंथर दोनों ही शेड्यूल फर्स्ट के वन्य जीव है. दोनों ही वन्यजीव कैट प्रजाति के है, इसलिए दोनों के बीच अमूमन वन क्षेत्र में संघर्ष होते रहते हैं.

अलवर. टाइगर रिजर्व सरिस्का की अजबगढ़ रेंज के जटवाना वन क्षेत्र में शनिवार को एक मादा पैंथर का शव मिला. पैंथर के शव पर जगह-जगह घाव के निशान मिले हैं. वहीं आसपास बाघ के पगमार्क भी मिले है. क्षेत्रीय वन अधिकारी लोकेंद्र सिंह ने बताया कि घटनास्थल के आसपास बाघ के पगमार्क मिले हैं, जिससे आशंका है कि मौत से पहले बाघ और मादा पैंथर में संघर्ष हुआ है. संघर्ष के दौरान बाघ के हमले के निशान भी मादा पैंथर के शरीर पर मिले हैं. उन्होंने बताया कि यह मादा पैंथर करीब 3 साल की थी.

क्षेत्रीय वन अधिकारी लोकेंद्र सिंह ने कहा कि घटना की सूचना मिलने के बाद वनकर्मीयो की टीम घटनास्थल पर पहुंची और घटनास्थल का मौका मुआयना किया. बाद में मादा पैंथर के शव को रेंज कार्यालय लाया गया, यहां मेडिकल बोर्ड से मादा पैंथर का पोस्टमार्टम कराया गया. इसके बाद एनटीसीए के प्रोटोकॉल के अनुसार मादा पैंथर के शव का अंतिम संस्कार किया गया. उन्होंने बताया कि बाघ से मुठभेड़ की यह घटना संभवत: शुक्रवार की है. अजबगढ़ रेंज में काफी संख्या में पैंथर हैं और यहां बाघ भी विचरण करते हैं.

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बाघ का प्रिय भोजन माना जाता है पैंथर : वन्य जीव प्रेमी लोकेश खंडेलवाल ने बताया कि बाघ का सबसे प्रिय भोजन पैंथर को माना जाता है. इसलिए पैंथर दिखाई देने पर बाघ तेजी से उस पर झपट्टता है और शिकार करने की कोशिश करता है. बाघ और पैंथर दोनों ही शेड्यूल फर्स्ट के वन्य जीव है. दोनों ही वन्यजीव कैट प्रजाति के है, इसलिए दोनों के बीच अमूमन वन क्षेत्र में संघर्ष होते रहते हैं.

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