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निकाय चुनावों से पहले बढ़ेगा शहरी सरकार का दायरा, जनसंख्या के हिसाब से बनेंगे वार्ड, परिसीमन के लिए शिड्यूल तय - बढ़ेगा शहरी सरकार का दायरा

शहरी सरकार के चुनाव की तैयारी में सरकार जुट गई है. निकायों का कार्यकाल खत्म होते ही प्रशासक लगेंगे.

बढ़ेगा शहरी सरकार का दायरा
बढ़ेगा शहरी सरकार का दायरा (फाइल फोटो)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 24, 2024, 11:07 AM IST

सीकर. नगर परिषद सीकर सहित अन्य नगर निकायों का कार्यकाल पूरा होने को है. इसके साथ ही सरकार के प्रशासक लगाने की चर्चा भी शुरू हो गई है. इस बीच कार्यकाल पूरा होने वाली नगर निकायों में सरकार ने चुनाव की तैयारी भी शुरू कर दी है. इस बार सरकार ने जनसंख्या स्लैब में भी बदलाव कर दिया है. ऐसे में सीकर नगर परिषद सहित अन्य नगर निकायों में वार्ड की संख्या बढ़ना लगभग तय है.

इस संबंध में राज्य सरकार की ओर से अधिसूचना जारी की गई है. स्वायत शासन विभाग के निदेशक एवं विशिष्ठ सचिव कुमार पाल गौतम की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 (अधिनियम संख्या 18 वर्ष 2009) की धारा 6 (1) एवं धारा 9 के अन्तर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए राज्य सरकार की ओर से राज्य की विभिन्न नगर निगमों, परिषदों, पालिकाओं में वार्डों का जनसंख्या के आधार पर निर्धारण किया गया है.

जनसंख्या के हिसाब से बनेंगे वार्ड
जनसंख्या के हिसाब से बनेंगे वार्ड (फोटो ईटीवी भारत सीकर)

पढ़ें: जनसुनवाई में विधायक गोपाल शर्मा ने जताई नाराजगी, कहा-नगर निगम की कार्यशैली घोर असंतोषजनक

सीकर का नया मास्टर प्लान आने के साथ ही दायरा भी बढ़ने की संभावना है. वहीं जनसंख्या स्लैब में बदलाव होने की वजह से इस बार वार्ड की संख्या का शतक लग सकता है. नगर निकायों का कार्यकाल खत्म होने से पहले सरकार को फैसला लेना था, लेकिन उप चुनाव की वजह से फैसला नहीं हो सका. ऐसे में अब जल्द इस मामले में फैसला होने की उम्मीद है.

इन 49 निकायों में कार्यकाल हो रहा खत्म: सीकर, नीमकाथाना, खाटूश्यामजी, चूरू, राजगढ़, झुंझुनूं, बिसाऊ, पिलानी, ब्यावर, पुष्कर, नसीराबाद, टोंक, डीडवाना, मकराना, बीकानेर, श्रीगंगानगर, सूरतगढ़, हनुमानगढ़, अलवर, भिवाड़ी, थानागाजी, महुआ, फलौदी, जैसलमेर, बाड़मेर नगर परिषद, बालोतरा, सिरोही, माउंट आबू, पिंडवाडा, शिवगंज, पाली, सुमेरपुर, जालौर, भीनमाल, कैथून, सांगोद, छबड़ा, मांगरोल भरतपुर, रपवास, उदयपुर, कानोड़, बांसवाड़ा, प्रतापपुरी गढ़ी, चितौडगढ़, निम्बाहेडा, रावतभाटा, राजसमंद, आमेट में कार्यकाल इसी माह खत्म हो रहा है.

ऐसे तय होंगे वार्ड : पहले 5 से 8 लाख जनसख्या के स्लैब को बढ़ाकर 10 लाख तक कर दिया है. इसके आगे भी दो अलग-अलग स्लैब में बांट दिया. पहले 8 से दस और 10 से 15 लाख जनसंख्या का एक स्लैब था, लेकिन अब दस से तेरह, 13 से 15 पंद्रह से पच्चीस और 25 से 35 लाख जनसंख्या का अलग-अलग स्लैब बनाया गया है. इसी आधार पर वार्ड तय किए गए हैं.

पढ़ें: कलेक्टर ने कराई धौलपुर नगर परिषद साधारण सभा की बैठक, जमकर हुआ हंगामा

संभावित दावेदारों ने भी सक्रियता बढ़ाई : वहीं निकाय चुनाव के लड़ने के इच्छुक संभावित दावेदारों ने भी सक्रियता बढ़ा दी है. कई दावेदारों ने स्थानीय मतदाताओं के बीच भी पैठ बनाने के साथ ही नब्ज टटोलना भी शुरू कर दिया है. दावेदार इन दिनों ज्यादा से ज्यादा समय घर-घर जाकर मतदाताओं से संपर्क साध रहे हैं.

पंचायतों के कार्यकाल को लेकर संशय : जनवरी 2025 में समाप्त हो रहे ग्राम पंचायतों का कार्यकाल बढ़ाया जा सकता है. इसे लेकर सरकार स्तर पर मंथन जारी है. हालांकि अभी तक सरकार ने इस पर कोई फैसला नहीं लिया है. जनवरी में 6759 ग्राम पंचायत का कार्यकाल पूरा हो रहा है. नए जिलों पर फैसले के बाद ही ग्राम पंचायतों, पंचायतों और जिला परिषदों का पुनर्गठन होगा. ऐसे में तब तक चुनाव टाले भी जा सकते हैं.

सीकर. नगर परिषद सीकर सहित अन्य नगर निकायों का कार्यकाल पूरा होने को है. इसके साथ ही सरकार के प्रशासक लगाने की चर्चा भी शुरू हो गई है. इस बीच कार्यकाल पूरा होने वाली नगर निकायों में सरकार ने चुनाव की तैयारी भी शुरू कर दी है. इस बार सरकार ने जनसंख्या स्लैब में भी बदलाव कर दिया है. ऐसे में सीकर नगर परिषद सहित अन्य नगर निकायों में वार्ड की संख्या बढ़ना लगभग तय है.

इस संबंध में राज्य सरकार की ओर से अधिसूचना जारी की गई है. स्वायत शासन विभाग के निदेशक एवं विशिष्ठ सचिव कुमार पाल गौतम की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 (अधिनियम संख्या 18 वर्ष 2009) की धारा 6 (1) एवं धारा 9 के अन्तर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए राज्य सरकार की ओर से राज्य की विभिन्न नगर निगमों, परिषदों, पालिकाओं में वार्डों का जनसंख्या के आधार पर निर्धारण किया गया है.

जनसंख्या के हिसाब से बनेंगे वार्ड
जनसंख्या के हिसाब से बनेंगे वार्ड (फोटो ईटीवी भारत सीकर)

पढ़ें: जनसुनवाई में विधायक गोपाल शर्मा ने जताई नाराजगी, कहा-नगर निगम की कार्यशैली घोर असंतोषजनक

सीकर का नया मास्टर प्लान आने के साथ ही दायरा भी बढ़ने की संभावना है. वहीं जनसंख्या स्लैब में बदलाव होने की वजह से इस बार वार्ड की संख्या का शतक लग सकता है. नगर निकायों का कार्यकाल खत्म होने से पहले सरकार को फैसला लेना था, लेकिन उप चुनाव की वजह से फैसला नहीं हो सका. ऐसे में अब जल्द इस मामले में फैसला होने की उम्मीद है.

इन 49 निकायों में कार्यकाल हो रहा खत्म: सीकर, नीमकाथाना, खाटूश्यामजी, चूरू, राजगढ़, झुंझुनूं, बिसाऊ, पिलानी, ब्यावर, पुष्कर, नसीराबाद, टोंक, डीडवाना, मकराना, बीकानेर, श्रीगंगानगर, सूरतगढ़, हनुमानगढ़, अलवर, भिवाड़ी, थानागाजी, महुआ, फलौदी, जैसलमेर, बाड़मेर नगर परिषद, बालोतरा, सिरोही, माउंट आबू, पिंडवाडा, शिवगंज, पाली, सुमेरपुर, जालौर, भीनमाल, कैथून, सांगोद, छबड़ा, मांगरोल भरतपुर, रपवास, उदयपुर, कानोड़, बांसवाड़ा, प्रतापपुरी गढ़ी, चितौडगढ़, निम्बाहेडा, रावतभाटा, राजसमंद, आमेट में कार्यकाल इसी माह खत्म हो रहा है.

ऐसे तय होंगे वार्ड : पहले 5 से 8 लाख जनसख्या के स्लैब को बढ़ाकर 10 लाख तक कर दिया है. इसके आगे भी दो अलग-अलग स्लैब में बांट दिया. पहले 8 से दस और 10 से 15 लाख जनसंख्या का एक स्लैब था, लेकिन अब दस से तेरह, 13 से 15 पंद्रह से पच्चीस और 25 से 35 लाख जनसंख्या का अलग-अलग स्लैब बनाया गया है. इसी आधार पर वार्ड तय किए गए हैं.

पढ़ें: कलेक्टर ने कराई धौलपुर नगर परिषद साधारण सभा की बैठक, जमकर हुआ हंगामा

संभावित दावेदारों ने भी सक्रियता बढ़ाई : वहीं निकाय चुनाव के लड़ने के इच्छुक संभावित दावेदारों ने भी सक्रियता बढ़ा दी है. कई दावेदारों ने स्थानीय मतदाताओं के बीच भी पैठ बनाने के साथ ही नब्ज टटोलना भी शुरू कर दिया है. दावेदार इन दिनों ज्यादा से ज्यादा समय घर-घर जाकर मतदाताओं से संपर्क साध रहे हैं.

पंचायतों के कार्यकाल को लेकर संशय : जनवरी 2025 में समाप्त हो रहे ग्राम पंचायतों का कार्यकाल बढ़ाया जा सकता है. इसे लेकर सरकार स्तर पर मंथन जारी है. हालांकि अभी तक सरकार ने इस पर कोई फैसला नहीं लिया है. जनवरी में 6759 ग्राम पंचायत का कार्यकाल पूरा हो रहा है. नए जिलों पर फैसले के बाद ही ग्राम पंचायतों, पंचायतों और जिला परिषदों का पुनर्गठन होगा. ऐसे में तब तक चुनाव टाले भी जा सकते हैं.

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