जोधपुर. सोमवार को जोधपुर कोणार्क कोर में आयोजित स्वर्णिम विजय (Golden Victory) वर्ष के उपलक्ष्य में विजय मशाल के आगमन पर युद्ध स्मारक पर आयोजित कार्यक्रम के बाद मीडिया से बात करते हुए लेफ्टिनेंट जनरल ने कहा कि 1971 की लड़ाई (1971 Indo-Pak War) हमारे वीर सैनिकों ने लड़ी और यह लड़ाई पूरी दुनिया में एक अलग तरह का उदाहरण है. इसलिए बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक को उस लड़ाई की कुर्बानियां याद रखनी चाहिए.
कोर कमांडर ने कहा कि सभी भारतीयों को भारतीय थल सेना, वायु सेना और सभी सुरक्षाबलों पर विश्वास रखना चाहिए. हम हर कुर्बानी देकर देश को सुरक्षित और सलामत रखेंगे. विजय वर्ष के उपलक्ष में जोधपुर पहुंची मशाल का भव्य अभिनंदन किया गया. इसके अलावा 1971 के युद्ध में भाग लेने वाले सैनिकों व उनके परिवारजनों को कोर कमांडर ने सम्मानित किया.
उन्होंने बताया कि यह मशाल मारवाड़ के उन वीर शहीदों के घर भी जाएगी, जिन्होंने 1971 की लड़ाई में बलिदान दिया था. इसके अलावा लोंगेवाला (Longewala) की लड़ाई के स्थल पर भी मशाल जाएगी.
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गौरतलब है कि 16 दिसंबर 1971 को पाकिस्तानी सेना ने भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण किया था और जिसके परिणाम स्वरूप बांग्लादेश का निर्माण भी हुआ. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने गत वर्ष 16 दिसंबर को ही राष्ट्रीय शहीद स्मारक से चारों दिशाओं में मशाल को रवाना किया था. यह मशाल उन सभी जगह पर जा रही है, जहां उस युद्ध के सैनिक रहते हैंं. उनके घरों से मिट्टी भी एकत्र की जा रही है, जिसका उपयोग राष्ट्रीय शहीद स्मारक के निर्माण में होगा.