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Fraud Case In Jodhpur : SBI बैंक से फर्जी हस्ताक्षर से 1.20 लाख निकाले, FIR दर्ज होने में लगे 2 महीने

जोधपुर में एक दंपती के संयुक्त खाते का फर्जी हस्ताक्षर कर चेक के माध्यम से 1.20 लाख रुपए की ठगी करने का मामला (Money Withdrawn From Fake Signature) सामने आया है. पीड़ित व्यक्ति दो महीनों तक अपनी शिकायत दर्ज कराने के लिए थाने का चक्कर काटता रहा.

Fraud Case In Jodhpur
एसबीआई बैंक से फर्जी हस्ताक्षर से 1.20 लाख निकाले
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Published : Jan 24, 2022, 2:10 PM IST

जोधपुर. जब प्रदेश में अपराध के आंकड़े बढ़े हुए नजर आते हैं तो सरकार कहती है कि थाने आने वाले सभी फरियादियों की एफआईआर दर्ज करने की नीति से संख्या बढ़ती है. लेकिन इसके बावजूद लोगों की एफआईआर दर्ज करने में पुलिस दो महीन का समय लगा देती है. ताजा मामला मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृहनगर का है. जहां एसबीआई बैंक (SBI Bank) में एक दंपती के संयुक्त खाते से चेक के माध्यम से पत्नी के जाली हस्ताक्षर कर एक लाख बीस हजार रुपए निकालने (Money Withdrawn From Fake Signature) का मामला सामने आया है.

यह घटना गत वर्ष 12 नवंबर की बताई जा रही है. खाता धारक को इसकी जानकारी मिलने के बाद पहले बनाड़ उसके बाद एअरपोर्ट थाने के चक्कर काटता रहा. उपायुक्त कार्यालय में एडीसीपी से भी गुहार लगाने के 25 दिन बाद एफआईआर दर्ज (Jodhpur Crime News) हुई हैं. यह राशि ट्रक चालक पिता ने अपनी बेटी कंचन की पढ़ाई के लिए जमा कर रखी थी. जो एक निजी संस्थान से कोचिंग कर रही है. बेटी ही लगातार पुलिस और बैंक के चक्कर लगाती रही, तब कहीं जाकर एअरपोर्ट थाने में एफआईआर दर्ज हुई है.

पढ़ें: Fake Currency Racket In Jaipur: बगरू पुलिस की बड़ी कार्रवाई, 18 लाख 52 हजार 500 रुपए के नकली नोट बरामद... 5 आरोपी गिरफ्तार

शिकारगढ़ के कन्हैया नगर निवासी ओमाराम और उसकी पत्नी कलावती के नाम से एसबीआई शाखा में खाता है. इस खाते से 12 नवंबर को 1 लाख बीस हजार रुपए कलावती के हस्ताक्षर से निकाले गए. ​​जिसकी जानकारी बैंक जाने पर ही 26 नवंबर को पता चली. जिसके बाद पीड़ित अपनी शिकायत दर्ज करवाने के लिए बनाड़ थाने गए, जहां बमुश्किल परिवाद लिया गया. लेकिन एफआईआर दर्ज नहीं की गई. उस परिवाद में पीड़ित ने घटना से संबंधित पूरी जानकारी दे दी.

पढ़ें: सचिन पायलट के नाम पर 16 लाख की ठगी, सरकारी नौकरी लगवाने का दिया था झांसा

दो थानों की पुलिस ने लगवाए चक्कर: 5 दिसंबर को पीड़ित की बेटी वापस थाने गई तो उसे कहा गया कि अब नया थाना बन गया है. शिकारगढ़ एयरपोर्ट थाने में आता है वहां रिपोर्ट दो. युवती जब एयरपोर्ट थाने गई तो उसे कहा गया कि 12 नवंबर को एयरपोर्ट थाना नहीं था. बनाड़ में ही कार्रवाई होगी. बनाड़ थानाधिकारी को बताया कि हमारे पास रुपए निकलने का मैसेज नहीं आया. जिस पर उसे कहा गया कि तुम लोगों ने मैसेज डिलीट कर दिया होगा. जिस पर मोबाइल कंपनी की रिपोर्ट दी गई.

इसके बाद कहा गया कि मामला दर्ज कर एयरपोर्ट थाने भेज देंगे, लेकिन फिर भी मामला दर्ज नहीं हुआ. 29 दिसंबर को कंचन एडीसीपी भागचंद के पास पेश हुई. जिन्होंने कहा कि इतनी देरी क्यों हुई दो दिन में मामला दर्ज हो जाएगा. लेकिन फिर भी मामला दर्ज नहीं हुआ. लगातार चक्कर काटने के बाद 23 जनवरी को एयरपोर्ट थाने ने रिपोर्ट दर्ज की है.

जोधपुर. जब प्रदेश में अपराध के आंकड़े बढ़े हुए नजर आते हैं तो सरकार कहती है कि थाने आने वाले सभी फरियादियों की एफआईआर दर्ज करने की नीति से संख्या बढ़ती है. लेकिन इसके बावजूद लोगों की एफआईआर दर्ज करने में पुलिस दो महीन का समय लगा देती है. ताजा मामला मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृहनगर का है. जहां एसबीआई बैंक (SBI Bank) में एक दंपती के संयुक्त खाते से चेक के माध्यम से पत्नी के जाली हस्ताक्षर कर एक लाख बीस हजार रुपए निकालने (Money Withdrawn From Fake Signature) का मामला सामने आया है.

यह घटना गत वर्ष 12 नवंबर की बताई जा रही है. खाता धारक को इसकी जानकारी मिलने के बाद पहले बनाड़ उसके बाद एअरपोर्ट थाने के चक्कर काटता रहा. उपायुक्त कार्यालय में एडीसीपी से भी गुहार लगाने के 25 दिन बाद एफआईआर दर्ज (Jodhpur Crime News) हुई हैं. यह राशि ट्रक चालक पिता ने अपनी बेटी कंचन की पढ़ाई के लिए जमा कर रखी थी. जो एक निजी संस्थान से कोचिंग कर रही है. बेटी ही लगातार पुलिस और बैंक के चक्कर लगाती रही, तब कहीं जाकर एअरपोर्ट थाने में एफआईआर दर्ज हुई है.

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शिकारगढ़ के कन्हैया नगर निवासी ओमाराम और उसकी पत्नी कलावती के नाम से एसबीआई शाखा में खाता है. इस खाते से 12 नवंबर को 1 लाख बीस हजार रुपए कलावती के हस्ताक्षर से निकाले गए. ​​जिसकी जानकारी बैंक जाने पर ही 26 नवंबर को पता चली. जिसके बाद पीड़ित अपनी शिकायत दर्ज करवाने के लिए बनाड़ थाने गए, जहां बमुश्किल परिवाद लिया गया. लेकिन एफआईआर दर्ज नहीं की गई. उस परिवाद में पीड़ित ने घटना से संबंधित पूरी जानकारी दे दी.

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दो थानों की पुलिस ने लगवाए चक्कर: 5 दिसंबर को पीड़ित की बेटी वापस थाने गई तो उसे कहा गया कि अब नया थाना बन गया है. शिकारगढ़ एयरपोर्ट थाने में आता है वहां रिपोर्ट दो. युवती जब एयरपोर्ट थाने गई तो उसे कहा गया कि 12 नवंबर को एयरपोर्ट थाना नहीं था. बनाड़ में ही कार्रवाई होगी. बनाड़ थानाधिकारी को बताया कि हमारे पास रुपए निकलने का मैसेज नहीं आया. जिस पर उसे कहा गया कि तुम लोगों ने मैसेज डिलीट कर दिया होगा. जिस पर मोबाइल कंपनी की रिपोर्ट दी गई.

इसके बाद कहा गया कि मामला दर्ज कर एयरपोर्ट थाने भेज देंगे, लेकिन फिर भी मामला दर्ज नहीं हुआ. 29 दिसंबर को कंचन एडीसीपी भागचंद के पास पेश हुई. जिन्होंने कहा कि इतनी देरी क्यों हुई दो दिन में मामला दर्ज हो जाएगा. लेकिन फिर भी मामला दर्ज नहीं हुआ. लगातार चक्कर काटने के बाद 23 जनवरी को एयरपोर्ट थाने ने रिपोर्ट दर्ज की है.

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