जोधपुर. जिले के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में 2 अगस्त को पहला किडनी ट्रांसप्लांट किया गया. जिसकी जानकारी एम्स के डायरेक्टर डॉ. संजीव मिश्रा ने रविवार को दी. उन्होंने कहा कि जोधपुर एम्स और लखनऊ के संजय गांधी पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस की टीम के साथ डॉक्टर ने जोधपुर एम्स का पहला किडनी ट्रांसप्लांट सफलतापूर्वक किया गया है.
उन्होंने बताया कि बीकानेर की रहने वाली एक महिला का किडनी ट्रांसप्लांट किया है. महिला को उसकी मां ने अपनी किडनी दी है. ऑपरेशन के बाद मां बेटी दोनों स्वस्थ हैं. एम्स के डायरेक्टर डॉ. संजीव मिश्रा ने बताया कि यह किडनी ट्रांसप्लांट लखनऊ के ट्रांसप्लांट सर्जन डॉक्टर अनिल श्रीवास्तव की अगुवाई में किया गया है.
उन्होंने बताया कि हम इस ट्रांसप्लांट के लिए 2 सालों से मेहनत कर रहे थे. इस साल जनवरी में ही राज्य सरकार से ट्रांसप्लांट की अनुमति मिली है और उसके बाद से लगातार मरीजों की स्क्रीनिंग कर रहे थे, डोनर और जिसे किडनी लगनी है. दोनों की मैचिंग होने के बाद बीकानेर निवासी मरीज का चयन किया गया. जिसकी जुलाई महीने के अंत तक सभी जांच पूरी कर ली गई और 2 अगस्त को यह ट्रांसप्लांट किया गया.
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उन्होंने बताया कि जोधपुर एम्स ट्रांसप्लांट सेंटर के रूप में विकसित हो, इसके लिए हमें लगातार यह प्रयास करना है. साथ ही उन्होंने बताया कि जोधपुर एम्स के मुकाबले ज्यादा सुविधाएं दे रहा है. इस वर्ष जुलाई तक जोधपुर एम्स में चार लाख से अधिक मरीज आ चुके हैं. गौरतलब है कि जोधपुर एम्स में 2012 जुलाई में ओपीडी सेवाएं शुरू हुई थी. इसके बाद से लगातार यहां सुविधाओं में इजाफा किया गया है.
बता दें कि जोधपुर एम्स के अलावा जोधपुर में मथुरादास माथुर अस्पताल में भी लगातार किडनी ट्रांसप्लांट के प्रयास चल रहे हैं. हाल ही में वहां एक ट्रांसप्लांट किया गया लेकिन 24 घंटे बाद मरीज की तबीयत बिगड़ने से उसे जयपुर रैफर करना पड़ा था.