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Fine imposed on Jodhpur Discom : फैक्ट्री का बकाया वसूलने के लिए घरेलू कनेक्शन काटने का अधिकार नहीं- जिला उपभोक्ता संरक्षण आयोग - ETV Bharat Rajasthan News

जिला उपभोक्ता संरक्षण आयोग (District Consumer Protection Commission) द्वितीय ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में कहा है कि विद्युत विभाग को किसी उपभोक्ता की दुकान या फैक्ट्री के बिजली बिल की बकाया राशि के बदले घरेलू कनेक्शन काटने का अधिकार नहीं है. आयोग ने फैक्ट्री की पांच वर्ष पुरानी बिजली की बकाया राशि के आधार पर मालिक का घरेलू कनेक्शन काट देने पर जोधपुर डिस्कॉम पर 25 हजार रुपए हर्जाना (Fine imposed on Jodhpur Discom) लगाया है.

Fine imposed on Jodhpur Discom
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Published : Feb 6, 2022, 4:32 PM IST

जोधपुर. झवर रोड निवासी सरफराज नाजीक ने जिला उपभोक्ता संरक्षण आयोग (District Consumer Protection Commission) में परिवाद प्रस्तुत कर बताया कि उसके आवासीय मकान के कनेक्शन की कोई राशि बकाया नहीं होने के बावजूद विद्युत विभाग की ओर से फर्म नाजिक एंटरप्राइजेज की बकाया राशि उसके घरेलू बिजली बिल में जोड़कर कनेक्शन काटने की धमकी दी जा रही है. जबकि उक्त फैक्ट्री की सम्पत्तियों को वर्ष 2016 में ही ऋण राशि नहीं चुकाने के कारण बैंक की ओर से कुर्क कर नीलाम किया जा चुका है.

विद्युत विभाग ने जबाव प्रस्तुत कर बताया कि परिवादी उक्त फैक्ट्री का मालिक है तथा विद्युत वितरण नियम और शर्तों के अनुसार फर्म की बकाया राशि के बदले उसका घरेलू कनेक्शन भी काट देने का उन्हें पूर्ण अधिकार है. आयोग के अध्यक्ष डॉ श्याम लाटा, सदस्य डॉ अनुराधा व्यास और आनंद सिंह सोलंकी की बैंच ने सुनवाई के बाद निर्णय में कहा कि विद्युत नियम और शर्तों के अन्तर्गत अन्य कनेक्शन उसी व्यक्ति के नाम से होने पर ही विद्युत विभाग को दूसरे कनेक्शन से राशि वसूल करने का अधिकार है जबकि इस मामले में आवासीय और फर्म के कनेक्शन अलग अलग नाम से है। इसके अलावा उक्त राशि पांच वर्षों से फर्म में बकाया चल रही है जबकि विद्युत अधिनियम की धारा 56(2) के अनुसार विभाग को दो वर्ष से पुरानी बकाया राशि वसूल करने का अधिकार नहीं है.

यह भी पढ़ें- नियमों में देरी से नहीं लागू हो पा रहा नया 'उपभोक्ता कानून', शिकायतों के मामलो में राजस्थान तीसरे नंबर पर

आयोग में सुनवाई के दौरान ही विपक्षी गण की ओर से निर्णय का इंतजार किए बिना और परिवादी को नोटिस दिये बिना ही घरेलू विजली कनेक्शन काट दिए जाने पर आयोग ने नाराजगी व्यक्त करते हुए इसे अधिकारियो की हठधर्मिता, मनमानी और स्वेच्छाचारिता पूर्ण आचरण बतलाया तथा परिवादी का विद्युत कनेक्शन तुरंत चालू करने का आदेश दिया है. आयोग ने विपक्षी जोधपुर डिस्कॉम को सेवा में कमी हेतु दोषी मानते हुए परिवादी को शारीरिक और मानसिक क्षतिपूर्ति के निमित्त 25 हजार रुपए (Fine imposed on Jodhpur Discom) अदा करने का भी आदेश दिया है.

यह भी पढ़ें- अगर सरकार न्यायाधिकरण नहीं चाहती है, तो उसे इससे संबंधित कानून समाप्त कर देना चाहिए: SC

15 दिन में ही मिला न्याय : उपभोक्ता कानून के अनुसार उपभोक्ता की शिकायत का चार माह में निस्तारण किया जाना आवश्यक है. इस मामले में विद्युत विभाग की मनमानी के विरोध में उपभोक्ता ने 20 जनवरी को परिवाद प्रस्तुत कर आयोग का दरवाजा खटखटाया था. आयोग ने उसी दिन विपक्षी गण को नोटिस जारी किये और लगातार सुनवाई कर 15 दिन में ही (3 फरवरी को) उपभोक्ता के पक्ष में परिवाद का निस्तारण कर उसे न्याय दिलवाया है.

जोधपुर. झवर रोड निवासी सरफराज नाजीक ने जिला उपभोक्ता संरक्षण आयोग (District Consumer Protection Commission) में परिवाद प्रस्तुत कर बताया कि उसके आवासीय मकान के कनेक्शन की कोई राशि बकाया नहीं होने के बावजूद विद्युत विभाग की ओर से फर्म नाजिक एंटरप्राइजेज की बकाया राशि उसके घरेलू बिजली बिल में जोड़कर कनेक्शन काटने की धमकी दी जा रही है. जबकि उक्त फैक्ट्री की सम्पत्तियों को वर्ष 2016 में ही ऋण राशि नहीं चुकाने के कारण बैंक की ओर से कुर्क कर नीलाम किया जा चुका है.

विद्युत विभाग ने जबाव प्रस्तुत कर बताया कि परिवादी उक्त फैक्ट्री का मालिक है तथा विद्युत वितरण नियम और शर्तों के अनुसार फर्म की बकाया राशि के बदले उसका घरेलू कनेक्शन भी काट देने का उन्हें पूर्ण अधिकार है. आयोग के अध्यक्ष डॉ श्याम लाटा, सदस्य डॉ अनुराधा व्यास और आनंद सिंह सोलंकी की बैंच ने सुनवाई के बाद निर्णय में कहा कि विद्युत नियम और शर्तों के अन्तर्गत अन्य कनेक्शन उसी व्यक्ति के नाम से होने पर ही विद्युत विभाग को दूसरे कनेक्शन से राशि वसूल करने का अधिकार है जबकि इस मामले में आवासीय और फर्म के कनेक्शन अलग अलग नाम से है। इसके अलावा उक्त राशि पांच वर्षों से फर्म में बकाया चल रही है जबकि विद्युत अधिनियम की धारा 56(2) के अनुसार विभाग को दो वर्ष से पुरानी बकाया राशि वसूल करने का अधिकार नहीं है.

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आयोग में सुनवाई के दौरान ही विपक्षी गण की ओर से निर्णय का इंतजार किए बिना और परिवादी को नोटिस दिये बिना ही घरेलू विजली कनेक्शन काट दिए जाने पर आयोग ने नाराजगी व्यक्त करते हुए इसे अधिकारियो की हठधर्मिता, मनमानी और स्वेच्छाचारिता पूर्ण आचरण बतलाया तथा परिवादी का विद्युत कनेक्शन तुरंत चालू करने का आदेश दिया है. आयोग ने विपक्षी जोधपुर डिस्कॉम को सेवा में कमी हेतु दोषी मानते हुए परिवादी को शारीरिक और मानसिक क्षतिपूर्ति के निमित्त 25 हजार रुपए (Fine imposed on Jodhpur Discom) अदा करने का भी आदेश दिया है.

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15 दिन में ही मिला न्याय : उपभोक्ता कानून के अनुसार उपभोक्ता की शिकायत का चार माह में निस्तारण किया जाना आवश्यक है. इस मामले में विद्युत विभाग की मनमानी के विरोध में उपभोक्ता ने 20 जनवरी को परिवाद प्रस्तुत कर आयोग का दरवाजा खटखटाया था. आयोग ने उसी दिन विपक्षी गण को नोटिस जारी किये और लगातार सुनवाई कर 15 दिन में ही (3 फरवरी को) उपभोक्ता के पक्ष में परिवाद का निस्तारण कर उसे न्याय दिलवाया है.

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