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Fake Silicosis certificates case : आर्थिक लाभ के लिए फर्जी सिलिकोसिस मरीज बनकर प्रमाणपत्र लेने वाले गिरफ्तार

आर्थिक लाभ प्राप्त करने के लिए खुद को सिलिकोसिस मरीज (Silicosis Patients) बताने वाले फर्जी मरीजों को देवनगर थाना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. न्यूमोकोन्योसिस बोर्ड के पास कुछ सर्टिफिकेट पेश हुए थे. जब इनकी जांच की गई तो हकीकत सामने आई और दोषियों को गिरफ्त में लिया गया.

फर्जी सिलिकोसिस मरीज
फर्जी सिलिकोसिस मरीज
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Published : Dec 23, 2021, 11:07 PM IST

जोधपुर. आर्थिक लाभ प्राप्त करने के लिए खुद को सिलिकोसिस मरीज बताने वाले फर्जी मरीजों को देवनगर थाना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. न्यूमोकोन्योसिस बोर्ड के पास कुछ सर्टिफिकेट पेश हुए थे. जब इनकी जांच की गई तो हकीकत सामने आई और दोषियों को गिरफ्त में लिया गया.

देवनगर थानाधिकारी ने बताया कि पत्थर की खानों में काम करने वाले मजदूरों को सिलिकोसिस बीमारी हो जाती है. सरकार ने ऐसे मजदूरों की बीमारी की पुष्टि के लिए न्यूमोकोन्योसिस बोर्ड बना रखा है, जिसकी सिफारिश पर आर्थिक सहायता दी जाती है. इसके लिए न्यूमोकोन्योसिस बोर्ड से प्रमाणपत्र जारी होता है.

पढ़ें: Omicron Variant in Rajasthan: CM अशोक गहलोत ने बुलाई कोविड-19 समीक्षा बैठक

पिछले दिनों न्यूमोकोन्योसिस बोर्ड के पास कुछ सर्टिफिकेट पेश हुए और वहां रिकॉर्ड का मिलान हुआ तो असलियत सामने आ गई. बोर्ड ने फर्जी मरीजों के विरुद्ध फर्जी प्रमाणपत्र (Fake Silicosis certificates) बनाने को लेकर देवनगर थाने में मामला दर्ज करवाया था. जिसमें भोपालगढ़ क्षेत्र की निरमा (28) पत्नी उदाराम, सुमन पत्नी घनश्याम (32), गुलाम नबी पुत्र लाल खान (45) व सलीम पुत्र सदीक (42), प्रकाश राम पुत्र भगानराम (38) व दिनेश पुत्र मोहनराम (18) द्वारा फर्जीवाड़ा करना बताया गया. जांच के बाद आज आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है.

जोधपुर. आर्थिक लाभ प्राप्त करने के लिए खुद को सिलिकोसिस मरीज बताने वाले फर्जी मरीजों को देवनगर थाना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. न्यूमोकोन्योसिस बोर्ड के पास कुछ सर्टिफिकेट पेश हुए थे. जब इनकी जांच की गई तो हकीकत सामने आई और दोषियों को गिरफ्त में लिया गया.

देवनगर थानाधिकारी ने बताया कि पत्थर की खानों में काम करने वाले मजदूरों को सिलिकोसिस बीमारी हो जाती है. सरकार ने ऐसे मजदूरों की बीमारी की पुष्टि के लिए न्यूमोकोन्योसिस बोर्ड बना रखा है, जिसकी सिफारिश पर आर्थिक सहायता दी जाती है. इसके लिए न्यूमोकोन्योसिस बोर्ड से प्रमाणपत्र जारी होता है.

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पिछले दिनों न्यूमोकोन्योसिस बोर्ड के पास कुछ सर्टिफिकेट पेश हुए और वहां रिकॉर्ड का मिलान हुआ तो असलियत सामने आ गई. बोर्ड ने फर्जी मरीजों के विरुद्ध फर्जी प्रमाणपत्र (Fake Silicosis certificates) बनाने को लेकर देवनगर थाने में मामला दर्ज करवाया था. जिसमें भोपालगढ़ क्षेत्र की निरमा (28) पत्नी उदाराम, सुमन पत्नी घनश्याम (32), गुलाम नबी पुत्र लाल खान (45) व सलीम पुत्र सदीक (42), प्रकाश राम पुत्र भगानराम (38) व दिनेश पुत्र मोहनराम (18) द्वारा फर्जीवाड़ा करना बताया गया. जांच के बाद आज आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है.

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