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जोधपुर: विजय दिवस पर पूर्व सैनिकों ने शहीदों को किया याद - Victory Day programme in jodhpur

जोधपुर में पूर्व सैनिकों की ओर से 16 दिसंबर का दिन विजय दिवस के रूप में मनाया गया. इसके तहत यहां शहीद स्मारक पर शहीदों की वीरता का गुणगान करते हुए उन्हें नमन किया. इसके साथ ही कई जगहों पर कार्यक्रम आयोजित हुए.

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विजय दिवस पर जोधपुर में हुए कई कार्यक्रम
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Published : Dec 16, 2019, 3:05 PM IST

जोधपुर. भारतीय सैन्य इतिहास में 16 दिसम्बर का दिन का दिन बहुत गोरा नृत्य है. भारतीय सेना ने इस दिन पाकिस्तानी सेना के 93000 सैनिकों को जनरल नियाजी के साथ आत्मसमर्पण करने के लिए मजबूर किया था और इसके बाद ही बांग्लादेश का निर्माण हुआ था. इसे विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है. जोधपुर में पूर्व सैनिक परिषद की ओर से सोमवार को शहीद स्मारक पर देश के शहीदों को याद किया गया.

विजय दिवस पर जोधपुर में हुए कई कार्यक्रम

पूर्व सैन्य अधिकारियों ने पुष्पचक्र अर्पित कर एवं सेल्यूट देखकर उन्हें सम्मान दिया. पूर्व सैन्य अधिकारी ब्रिगेडियर फतेह सिंह करणसोत ने बताया कि बांग्लादेश निर्माण में भारतीय सेना के प्रमुख रणनीतिकार के रूप में लेफ्टिनेंट जनरल सगत सिंह की अहम भूमिका थी. जनरल सगत सिंह भी राजस्थान के सैनिक थे, जिनका इस वर्ष शताब्दी जन्म वर्ष मनाया गया.

यह भी पढ़ें : विजय दिवस विशेषः झुंझुनू के 147 जवानों ने दी थी शहादत

उन्होंने बताया कि विजय दिवस पर बांग्लादेश निर्माण के युद्ध में शहीद हुए सैनिकों के साथ-साथ देश के अन्य दूसरे युद्ध जिनमें लोंगेवाला, छोछरा सहित अन्य लड़ाइयां जो भारतीय सैनिकों ने वीरता एवं अदम्य साहस के साथ लड़ी थी, उनमें शहीद हुए सभी सैनिकों को याद किया जाता है. विजय दिवस के उपलक्ष में जोधपुर जिले में कई जगह पर कार्यक्रमों का आयोजन होता है. जिनमें शेरगढ़, बालेसर प्रमुख जगह हैं. इसके अलावा पश्चिमी राजस्थान में भी कई जगह पर सैनिक क्षेत्रों में आयोजन होते है.

जोधपुर. भारतीय सैन्य इतिहास में 16 दिसम्बर का दिन का दिन बहुत गोरा नृत्य है. भारतीय सेना ने इस दिन पाकिस्तानी सेना के 93000 सैनिकों को जनरल नियाजी के साथ आत्मसमर्पण करने के लिए मजबूर किया था और इसके बाद ही बांग्लादेश का निर्माण हुआ था. इसे विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है. जोधपुर में पूर्व सैनिक परिषद की ओर से सोमवार को शहीद स्मारक पर देश के शहीदों को याद किया गया.

विजय दिवस पर जोधपुर में हुए कई कार्यक्रम

पूर्व सैन्य अधिकारियों ने पुष्पचक्र अर्पित कर एवं सेल्यूट देखकर उन्हें सम्मान दिया. पूर्व सैन्य अधिकारी ब्रिगेडियर फतेह सिंह करणसोत ने बताया कि बांग्लादेश निर्माण में भारतीय सेना के प्रमुख रणनीतिकार के रूप में लेफ्टिनेंट जनरल सगत सिंह की अहम भूमिका थी. जनरल सगत सिंह भी राजस्थान के सैनिक थे, जिनका इस वर्ष शताब्दी जन्म वर्ष मनाया गया.

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उन्होंने बताया कि विजय दिवस पर बांग्लादेश निर्माण के युद्ध में शहीद हुए सैनिकों के साथ-साथ देश के अन्य दूसरे युद्ध जिनमें लोंगेवाला, छोछरा सहित अन्य लड़ाइयां जो भारतीय सैनिकों ने वीरता एवं अदम्य साहस के साथ लड़ी थी, उनमें शहीद हुए सभी सैनिकों को याद किया जाता है. विजय दिवस के उपलक्ष में जोधपुर जिले में कई जगह पर कार्यक्रमों का आयोजन होता है. जिनमें शेरगढ़, बालेसर प्रमुख जगह हैं. इसके अलावा पश्चिमी राजस्थान में भी कई जगह पर सैनिक क्षेत्रों में आयोजन होते है.

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विजय दिवस पर पूर्व सैनिकों ने शहीदों को याद किया


जोधपुर।
भारतीय सैन्य इतिहास में 16 दिसम्बर का दिन का दिन बहुत गोरा नृत्य है भारतीय सेना ने इस दिन पाकिस्तानी सेना के 93000 सैनिकों को जनरल नियाजी के साथ आत्मसमर्पण करने के लिए मजबूर किया था और इसके बाद ही बांग्ला देश का निर्माण हुआ था। इसे विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। जोधपुर में पूर्व सैनिक परिषद द्वारा सोमवार को शहीद स्मारक पर देश के शहीदों को याद किया गया पूर्व सैन्य अधिकारियों ने पुष्पचक्र एवं सेल्यूट देखकर उन्हें सम्मान दिया पूर्व सैन्य अधिकारी ब्रिगेडियर फतेह सिंह करणसोत ने बताया की बांग्लादेश निर्माण में भारतीय सेना के प्रमुख रणनीतिकार के रूप में लेफ्टिनेंट जनरल सगत सिंह की भूमिका बहुत अहम थी जनरल सगत सिंह भी राजस्थान के सैनिक थे जिनका इस वर्ष शताब्दी जन्म वर्ष मनाया गया ।उन्होंने बताया कि विजय दिवस पर बांग्लादेश निर्माण के युद्ध में शहीद हुए सैनिकों के साथ साथ देश के अन्य दूसरे युद्ध जिसमे लोंगे वाला, छोछरा सहित अन्य लड़ाइयां जो भारतीय सैनिकों ने वीरता एवं अदम्य साहस के साथ लड़ी थी उनमें शहीद हुए सैनिकों को याद किया जाता है। विजय दिवस के उपलक्ष में जोधपुर जिले में कई जगह पर कार्यक्रमों का आयोजन होता है जिनमें शेरगढ़ बालेसर प्रमुख जगह हैं इसके अलावा पश्चिम राजस्थान में भी कई जगह पर सैनिक क्षेत्रों में आयोजन होते है।
बाईट ब्रिगेडियर फतेहसिंह, पूर्व सैनिकConclusion:
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