ETV Bharat / city

रियलिटी चेक: जोधपुर में स्कूल बसों द्वारा गाइडलाइन फॉलो नहीं करने पर कट रहा चालान - जोधपुर रियलिटी चेक

ईटीवी भारत की ओर से स्कूली बसों की रियलिटी चेक कराया जा रहा है. जिसके तहत जोधपुर की स्कूल बसों के कैसे हालात है. उसका जायजा लिया हमारी टीम ने.

school bus jodhpur, जोधपुर स्कूल बस
author img

By

Published : Sep 2, 2019, 10:45 PM IST

जोधपुर. नौनिहालों की स्कूल बसों के रियलिटी चेक में हमारी टीम ने जोधपुर की बाल वाहिनों की हकीकत को जाना. जहां सड़कों पर दौड़ने वाली बाल वाहिनियों के नियमों की पालना नहीं करने पर जोधपुर यातायात पुलिस की ओर से सख्त कार्रवाई की जा रही है. बता दें कि स्कूली वाहनों की एक गाइडलाइन तैयार की गई है. वहीं जोधपुर यातायात पुलिस की ओर से बाल वाहिनी के खिलाफ सख्त कार्रवाई भी की जा रही है.

जोधपुर में स्कूल बसों रियलिटी चेक

पढ़ें- रियलिटी चेक: कुछ खामियां छोड़कर बाकी नियमों का पालन करती दिखी राजसमंद में बाल वाहिनी बसें

यातायात एसपी डॉ. रवि ने बताया कि बाल वाहिनी को लेकर अलग से एक गाइडलाइन जारी की गई है. जिसमें बच्चों की सेफ्टी को ध्यान में रखते हुए सभी इंस्ट्रक्शन बाल वाहिनी चालक और परिचालक को दिए गए हैं. बाल वाहिनी को लिखकर जारी की गई गाइडलाइन में कई नियम बनाए गए हैं. जिसमें मुख्य बाल वाहिनी में चालक के साथ परिचालक होना जरूरी है. बाल वाहिनी में किसी प्रकार का कोई साउंड नहीं होगा. बाल वाहिनी में स्कूल की तरफ से एक टीचर साथ रहेगी. सड़क पर चलते समय स्पीड 40 किलोमीटर प्रति घंटे तक ही होगी और सभी बाल वाहिनी गाड़ियों में जीपीएस सिस्टम लगा होना जरूरी है. इन सभी नियमों की पालना नहीं करने वाली बाल वाहिनी गाड़ियों पर जोधपुर यादव पुलिस द्वारा निरंतर रूप से कार्रवाई की जा रही है.

पढ़ें- रियलिटी चेक: अजमेर में बिना गाइडलाइन के धड़ल्ले से सड़कों पर दौड़ती स्कूल बसें...आरटीओ ने की कार्रवाई

वहीं बाल वाहिनी में बच्चों की सुरक्षा को लेकर जब अभिभावकों से बात की गई तो उनका कहना है कि बाल वाहिनी गाड़ी को लेकर स्कूल प्रशासन और पुलिस प्रशासन ने नियम जारी किए गए हैं. उसके अनुसार ही जोधपुर में गाड़ियां चल रही है. लेकिन कई गाड़ियों में क्षमता से अधिक बच्चे बैठा दिए जाते हैं. जिससे की बच्चों में गिरने का खतरा बना रहता है. इसको लेकर भी स्कूल प्रशासन और पुलिस प्रशासन को ध्यान देना चाहिए.

पढ़ें- रियलिटी चेक: भीलवाड़ा में बच्चों की सुरक्षा के लिहाज से कितनी सुरक्षित है स्कूल बसें..देखिए रिपोर्ट

वहीं बाल वाहिनी गाड़ी के नियमों को लेकर सरदार दून पब्लिक स्कूल की टीचर व सीनियर ट्रांसपोर्ट इंचार्ज दिशा सिंघवी ने बताया कि उनके स्कूल से चलने वाली सभी बाहर वाहिनी ड्राइवरों का रिकॉर्ड लिया गया है. साथ ही सभी गाड़ियां रजिस्टर्ड है और स्कूल से प्रतिदिन एक अध्यापिका बच्चों के साथ उनके घरों तक जाती है और उन सभी को छोड़ने के बाद अपने घर के लिए निकलती है.

जोधपुर. नौनिहालों की स्कूल बसों के रियलिटी चेक में हमारी टीम ने जोधपुर की बाल वाहिनों की हकीकत को जाना. जहां सड़कों पर दौड़ने वाली बाल वाहिनियों के नियमों की पालना नहीं करने पर जोधपुर यातायात पुलिस की ओर से सख्त कार्रवाई की जा रही है. बता दें कि स्कूली वाहनों की एक गाइडलाइन तैयार की गई है. वहीं जोधपुर यातायात पुलिस की ओर से बाल वाहिनी के खिलाफ सख्त कार्रवाई भी की जा रही है.

जोधपुर में स्कूल बसों रियलिटी चेक

पढ़ें- रियलिटी चेक: कुछ खामियां छोड़कर बाकी नियमों का पालन करती दिखी राजसमंद में बाल वाहिनी बसें

यातायात एसपी डॉ. रवि ने बताया कि बाल वाहिनी को लेकर अलग से एक गाइडलाइन जारी की गई है. जिसमें बच्चों की सेफ्टी को ध्यान में रखते हुए सभी इंस्ट्रक्शन बाल वाहिनी चालक और परिचालक को दिए गए हैं. बाल वाहिनी को लिखकर जारी की गई गाइडलाइन में कई नियम बनाए गए हैं. जिसमें मुख्य बाल वाहिनी में चालक के साथ परिचालक होना जरूरी है. बाल वाहिनी में किसी प्रकार का कोई साउंड नहीं होगा. बाल वाहिनी में स्कूल की तरफ से एक टीचर साथ रहेगी. सड़क पर चलते समय स्पीड 40 किलोमीटर प्रति घंटे तक ही होगी और सभी बाल वाहिनी गाड़ियों में जीपीएस सिस्टम लगा होना जरूरी है. इन सभी नियमों की पालना नहीं करने वाली बाल वाहिनी गाड़ियों पर जोधपुर यादव पुलिस द्वारा निरंतर रूप से कार्रवाई की जा रही है.

पढ़ें- रियलिटी चेक: अजमेर में बिना गाइडलाइन के धड़ल्ले से सड़कों पर दौड़ती स्कूल बसें...आरटीओ ने की कार्रवाई

वहीं बाल वाहिनी में बच्चों की सुरक्षा को लेकर जब अभिभावकों से बात की गई तो उनका कहना है कि बाल वाहिनी गाड़ी को लेकर स्कूल प्रशासन और पुलिस प्रशासन ने नियम जारी किए गए हैं. उसके अनुसार ही जोधपुर में गाड़ियां चल रही है. लेकिन कई गाड़ियों में क्षमता से अधिक बच्चे बैठा दिए जाते हैं. जिससे की बच्चों में गिरने का खतरा बना रहता है. इसको लेकर भी स्कूल प्रशासन और पुलिस प्रशासन को ध्यान देना चाहिए.

पढ़ें- रियलिटी चेक: भीलवाड़ा में बच्चों की सुरक्षा के लिहाज से कितनी सुरक्षित है स्कूल बसें..देखिए रिपोर्ट

वहीं बाल वाहिनी गाड़ी के नियमों को लेकर सरदार दून पब्लिक स्कूल की टीचर व सीनियर ट्रांसपोर्ट इंचार्ज दिशा सिंघवी ने बताया कि उनके स्कूल से चलने वाली सभी बाहर वाहिनी ड्राइवरों का रिकॉर्ड लिया गया है. साथ ही सभी गाड़ियां रजिस्टर्ड है और स्कूल से प्रतिदिन एक अध्यापिका बच्चों के साथ उनके घरों तक जाती है और उन सभी को छोड़ने के बाद अपने घर के लिए निकलती है.

Intro:यह खबर डेस्क द्वारा मांगी गई थी। इसमें वौइस् ओवर नही किया गया है।


जोधपुर
बच्चों को स्कूल से घर तक ले जाने वाली और घर से स्कूल ले जाने वाली गाड़ी जिसे बाल वाहिनी कहा जाता है उसको लेकर सरकार की तरफ से अलग से नियम कानून बनाए गए हैं। सड़कों पर बाल वाहिनी द्वारा नियमों की पालना नहीं करने पर जोधपुर यातायात पुलिस द्वारा उनके खिलाफ सख्त से सख्त भी कार्रवाई की जा रही है जोधपुर यातायात पुलिस ने वर्ष 2018 में लगभग 400 से अधिक बाल वाहिनी को सीज किया उसका कारण यह था कि वह नियमों की पालना नहीं कर रहे साथ ही वर्तमान में भी जोधपुर यातायात पुलिस द्वारा बाल वाहिनी यों के खिलाफ निरंतर कार्रवाई की जा रही है।


Body:जोधपुर के यातायात एसपी डॉ रवि ने बताया कि बाल वाहिनी को लेकर अलग से एक गाइडलाइन जारी की गई है जिसमें बच्चों की सेफ्टी को ध्यान में रखते हुए सभी इंस्ट्रक्शन बाल वाहिनी चालक और परिचालक को दिए गए हैं। बाल वाहिनी को लिखकर जारी की गई गाइडलाइन में कई नियम बनाए गए हैं जिसमें मुख्य बाल वाहिनी में चालक के साथ परिचालक होना जरूरी है बाल वाहिनी में किसी प्रकार का कोई साउंड नहीं होगा, बाल वाहिनी मैं स्कूल की तरफ से एक टीचर साथ रहेगी , सड़क पर चलते समय बाल महीने की स्पीड 40 किलोमीटर प्रति घंटे तक ही होगी, और सभी बाल वाहिनी गाड़ियों में जीपीएस सिस्टम लगा होना जरूरी है। इन सभी नियमों की पालना नहीं करने वाली बाल वाहिनी गाड़ियों पर जोधपुर यादव पुलिस द्वारा निरंतर रूप से कार्रवाई की जा रही है।


Conclusion:बाल वाहिनी में बच्चों की सुरक्षा को लेकर जब पेरेंट्स से बात की गई तो उनका कहना है कि बाल वाहिनी गाड़ी को लेकर स्कूल प्रशासन और पुलिस प्रशासन द्वारा नियम जारी किए गए हैं उसके अनुसार ही जोधपुर में गाड़ियां चल रही है लेकिन कई गाड़ियों में क्षमता से अधिक बच्चे बिठा दिए जाते हैं जिससे कि बच्चों में गिरने का खतरा बना रहता है इसको लेकर भी स्कूल प्रशासन और पुलिस प्रशासन को ध्यान देना चाहिए। बाल वाहिनी गाड़ी के नियमों को लेकर सरदार दून पब्लिक स्कूल की टीचर सीनियर ट्रांसपोर्ट इंचार्ज दिशा सिंघवी ने बताया कि उनके द्वारा स्कूल से चलने वाली सभी बाहर वाहिनी ड्राइवरों का रिकॉर्ड लिया गया है साथ ही सभी गाड़ियां रजिस्टर्ड है और स्कूल से प्रतिदिन एक अध्यापिका बच्चों के साथ उनके घरों तक जाती है और उन सभी को छोड़ने के बाद अपने घर के लिए निकलती है।

बाईट डॉ रवि यातायात एसपी
बाईट दीपाली पेरेंट्स
बाईट दिशा सिंघवी स्कूल ट्रांसपोर्ट इंचार्ज
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.