जोधपुर. शहर के भदवासिया स्थित दधिमती नगर में निवास करने वाले एक परिवार की बुजुर्ग सदस्या को बुधवार अलसुबह परिवार ने शरीर मे कोई हलचल नहीं देख मृत मान लिया. महिला की नब्ज चलना बन्द हो चुकी थी ऐसे में अंतिम संस्कार के लिए परिजनों को सूचित कर बुला लिया गया. परिजन सुबह होने का इंतजार कर रहे थे कि इस दौरान दो घण्टे बाद बुजुर्ग महिला ने अपनी आंख खोली और कहा बेटा अज्जू मुझे चाय पिला दे.
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यह सुन पूरा परिवार दंग रह गया. सभी परिवारजन बुजुर्ग महिला के पास पहुंचे. थोड़ी देर तो महिला ने आंखें खोली लेकिन फिर बंद कर ली, इस बीच दुबारा नब्ज जांची तो वह चल रही थी. महिला सांस भी ले रही थी. परिजन उन्हें लेकर अस्पताल गए. लेकिन चिकित्सकों ने 55 वर्षीय अचलेश्वर देवी की जांच कर उन्हें मृत घोषित कर दिया. निराश परिजन महिला का पार्थिव शरीर वापस अपने घर ले आए और उसके बाद अंतिम संस्कार कराया गया.
राजस्थान हाईकोर्ट में काम करने वाले हेमंत सोलंकी ने बताया कि उनकी मां को 2 दिन पहले ही अटैक आया था और तबीयत में काफी सुधार था. बुधवार अल सुबह करीब 4:00 बजे उठी और शौच को गई. उसके बाद वापस पलंग पर लेट गई. परिवार के सभी सदस्य उस समय जग रहे थे. उन्होंने बताया सामान्यतः उठने के बाद वे मांग लेती थी लेकिन उस सुबह वापस लौटने के बाद चाय का नहीं कहा.
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कुछ देर बाद मां को टटोला जो शरीर ठंडा पड़ चुका था. सांस और नब्ज भी थम गई थी. ऐसे में आस-पास रहने वाले अपने रिश्तेदारों को सूचना दी. वह घर पर पहुंच भी गए. मां को मृत मानकर पलंग से भी उतार लिया गया. लेकिन करीब साढ़े 6 बजे अचानक उन्होंने आंख खोली और बोली कि अज्जू चाय पिला दे. हेमंत ने बताया कि उन्हें लगा कि मां वापस आ गई है और हमारे साथ रहेगी लेकिन अस्पताल ले जाने के बाद डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.